राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2024 के विजेताओं के नाम सार्वजनिक रूप से घोषित किए गए हैं।
इन पुरस्कारों के जरिए से स्वदेशी पशु नस्लों के पालन, डेयरी विकास और कृत्रिम गर्भाधान में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को बढ़ावा दिया जाएगा।
बतादें, कि 26 नवंबर 2024 को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर नई दिल्ली में विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।
पुरस्कार वितरण समारोह 26 नवंबर 2024 को नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित किया जाएगा।
इस भव्य समारोह में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, राज्य मंत्री प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल, जॉर्ज कुरियन और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे।
बतादें, कि इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य डेयरी उद्योग और पशुपालन में लगे व्यक्तियों और संगठनों को प्रोत्साहित करना है, ताकि वे भारतीय कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और ज्यादा सशक्त बना सकें।
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साथ ही, डेयरी किसान और सहकारी संगठनों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रोत्साहन स्वरूप स्मृति चिन्ह भी प्रदान किए जाएंगे।
यह पुरस्कार भारत के डेयरी और पशुपालन क्षेत्र को और ज्यादा सशक्त और समृद्ध बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार का उद्देश्य उन किसानों, तकनीशियनों और संगठनों को पहचानना और सम्मानित करना है, जो स्वदेशी नस्लों के विकास और डेयरी क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान कर रहे हैं।
यह पुरस्कार राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत दिया जाता है, जिसे दिसंबर 2014 में भारतीय स्वदेशी नस्लों के संरक्षण और विकास को प्रोत्साहन देने के लिए प्रारंभ किया गया था।
जानकारी के लिए बतादें, कि इस वर्ष से पुरस्कारों में पूर्वोत्तर राज्यों के लिए विशेष श्रेणियां जोड़ी गई हैं।
इसका मकसद इस क्षेत्र में डेयरी विकास गतिविधियों को प्रोत्साहन देना और ज्यादा किसानों को इस क्षेत्र में योगदान के लिए बढ़ावा देना है। इससे पूर्वोत्तर भारत में डेयरी उद्योग को काफी ताकत मिलेगी।
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पशुपालन और डेयरी भारतीय कृषि का काफी अहम हिस्सा है, जो छोटे और सीमांत कृषकों तथा भूमिहीन किसानों एवं महिलाओं के लिए आमदनी का अहम स्रोत है।
यह क्षेत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के साथ-साथ लाखों लोगों को पोषण से भरपूर भोजन भी प्रदान करता है।
बतादें, कि इस पुरस्कार के लिए आवेदन पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन मंगाए गए थे। इस वर्ष कुल 2,574 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से विजेताओं का चयन विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा किया गया था।
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार भारतीय पशुपालन और डेयरी उद्योग में गुणवत्ता और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह ना सिर्फ विजेताओं के लिए सम्मान का प्रतीक है, बल्कि संपूर्ण देश के कृषकों और संगठनों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत भी है।