उत्तर प्रदेश सरकार का बागवानी किसानों को लेकर बड़ा कदम

By: tractorchoice Published on: 16-May-2025
Horticulture and processing schemes in Uttar Pradesh

किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए भारत की केंद्र और राज्य सरकार निरंतर कदम उठा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने बागवानी के विस्तार, स्थानीय प्रसंस्करण को समर्थन तथा वैश्विक बाजार तक पहुंच बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं प्रारंभ की हैं। 

उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है, कि उसने निर्यात को बढ़ावा देने और खाद्य एवं पोषण संबंधी जरूरतों को सुरक्षित करने के लिए राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को बदलने को एक बहुआयामी रणनीति शुरू की है। 

उत्तर प्रदेश सरकार ने बागवानी के विस्तार, स्थानीय प्रसंस्करण को समर्थन तथा वैश्विक बाजार तक पहुंच बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।

एक बयान के मुताबिक, देश की श्रम शक्ति का करीब 40% फीसदी हिस्सा कृषि क्षेत्र में समायोजित है। फिर भी प्रच्छन्न बेरोजगारी इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है। किसान परंपरागत खेती की जगह स्थानीय तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांग के अनुसार खेती करें, यही इस समस्या का प्रभावी हल है। 

बागवानी फसलों की खेती को प्रोत्साहन 

बयान में कहा गया है कि इसमें फलों व सब्जियों की खेती को बढ़ावा देना शामिल है, जो न केवल पारंपरिक खेती की तुलना में दो से ढाई गुना अधिक आय प्रदान करता है, बल्कि श्रम-प्रधान प्रकृति के कारण काफी अधिक रोजगार भी उत्पन्न करता है। इसके अलावा किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को ‘बोनस’ प्रदान करने का दृष्टिकोण स्वाभाविक रूप से खाद्य व पोषण सुरक्षा को बढ़ाता है। 

श्रम बाहुल्य खेती होने के कारण इनमें श्रम शक्ति का भी बेहतर समायोजन होता है। इनसे मिलने वाली खाद्य एवं पोषण सुरक्षा ‘बोनस’ के बराबर है। 

यही वजह है कि राज्य सरकार का सब्जी और बागवानी की खेती, इनके प्रसंस्करण और निर्यात पर खासा जोर है। इसके लिए सरकार कई योजनाएं भी चला रही है। 

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फलों की प्रसंस्करण इकाइयां लगाने की अपील 

राज्य सरकार के मुताबिक, अगर स्थानीय स्तर पर सब्जी और फलों की प्रसंस्करण इकाइयां लगा दी जाएं तो फलों और सब्जियों की नर्सरी, पौधरोपण, परिपक्व फलों एवं सब्जियों की तुड़ाई, ग्रेडिंग, पैकिंग, लोडिंग, अनलोडिंग और विपणन तक मिलने वाले रोजगार की संख्या कई गुना हो जाएगी। 

फलों और सब्जियों की खेती, उसकी उत्पादकता एवं गुणवत्ता सुधारकर किसानों को स्थानीय बाजार में या निर्यात बढ़ाकर बेहतर दाम दिलवाने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए प्रसंस्करण पर खासा ध्यान है। सरकार का लक्ष्य हर जिले में छोटी-बड़ी एक हजार प्रसंस्करण इकाइयां लगाने का है। 

प्रधानमंत्री खाद्य उन्नयन योजना के तहत अनुदान पर लोन

प्रधानमंत्री खाद्य उन्नयन योजना के तहत इकाई लगाने वाले लाभार्थी को 35 फीसदी अनुदान पर 30 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध कराया जाता है। 

अभी तक करीब 17 हजार प्रसंस्करण इकाइयां लग भी चुकी हैं। इकाई अगर किसी महिला की है और वह इसके लिए सोलर प्लांट लगवाना चाहती है तो उसपर सरकार उसे 90 फीसदी तक का अनुदान देती है। 

राज्य के इस जिले में खुलेगा इंडो डच सेंटर फॉर एक्सिलेंस

फूलों और सब्जियों की खेती के लिए बाराबंकी के त्रिवेदीगंज में सात हेक्टेयर जमीन में ‘इंडो डच सेंटर फॉर एक्सिलेंस’ खोला जाएगा। 

इसके लिए नीदरलैंड के विशेषज्ञों के साथ बैठक में दोनों पक्षों में सहमति भी बन चुकी है। इस केंद्र में शोध कार्य होंगे तथा प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। 

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फल व सब्जियों के निर्यात को बढ़ाने का प्रयास 

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार फलों एवं सब्जियों का निर्यात बढ़ाने के लिए बुनियादी सुविधाएं विकसित कर रही हैं। 

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष संजीव पुरी ने हाल ही में आय-उन्मुख खेती और अंतरराष्ट्रीय मांग के आधार पर उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया था। 


प्रश्न: प्रधानमंत्री खाद्य उन्नयन योजना के तहत अनुदान पर कितना ऋण मिलेगा ?

उत्तर: प्रधानमंत्री खाद्य उन्नयन योजना के तहत इकाई लगाने वाले लाभार्थी को 35% प्रतिशत अनुदान पर 30 लाख रुपये तक का लोन मुहैय्या कराया जाता है।

प्रश्न: भारत की कितने प्रतिशत श्रम शक्ति कृषि क्षेत्र में समायोजित है ?

उत्तर: भारत की लगभग 40% प्रतिशत श्रम शक्ति कृषि क्षेत्र में समायोजित है।

प्रश्न: अब तक कुल कितनी प्रसंस्करण इकाइयां लगाई जा चुकी हैं ?

उत्तर: अब तक लगभग 17 हजार प्रसंस्करण इकाइयां लगाई जा चुकी हैं।

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