रबी 2025-26 के लिए उर्वरक सब्सिडी पर केंद्र का बड़ा फैसला

By: tractorchoice Published on: 29-Oct-2025

किसानों को मिलेगा सस्ता DAP और NPK

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में रबी सीजन 2025-26 (1 अक्टूबर 2025 से 31 मार्च 2026) के लिए फॉस्फेटिक और पोटाशिक (P&K) उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (Nutrient Based Subsidy - NBS) दरों को मंजूरी दे दी गई है।

सरकार का यह फैसला देशभर के किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जिससे उन्हें DAP (Di-Ammonium Phosphate) और NPKS (Nitrogen, Phosphorus, Potash, Sulphur) जैसे महंगे उर्वरक अब किफायती दामों पर मिलेंगे।

हजारों करोड़ रुपये का अनुदान

रबी 2025-26 के लिए इस योजना की अनुमानित बजटीय आवश्यकता ₹37,952.29 करोड़ तय की गई है। यह राशि खरीफ सीजन 2025 की तुलना में लगभग ₹736 करोड़ अधिक है — जो दर्शाता है कि सरकार कृषि क्षेत्र को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत कर रही है।

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सरकार का उद्देश्य

  • केंद्र सरकार का मकसद किसानों को स्थिर कीमतों पर उर्वरक उपलब्ध कराना, खेती की लागत घटाना और फसल उत्पादन बढ़ाना है।
  • यह निर्णय सुनिश्चित करेगा कि देशभर के किसान रबी सीजन में उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति और संतुलित उपयोग का लाभ उठा सकें।

घोषणा के प्रमुख बिंदु

  • एनबीएस दरें 1 अक्टूबर 2025 से 31 मार्च 2026 तक लागू रहेंगी।
  • डीएपी, एमओपी, एनपीकेएस और अन्य P&K उर्वरक इस योजना के दायरे में रहेंगे।
  • सब्सिडी दरों का निर्धारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में यूरिया, डीएपी, एमओपी और सल्फर की कीमतों के मौजूदा रुझानों को ध्यान में रखकर किया गया है।
  • सरकार उर्वरक कंपनियों को सब्सिडी प्रदान करेगी, ताकि इसका सीधा लाभ किसानों तक पहुंचे।

किसानों को क्या लाभ मिलेगा ?

  • किफायती उर्वरक उपलब्धता: किसानों को DAP, NPK और अन्य P&K उर्वरक अब सब्सिडी दरों पर सस्ते में मिलेंगे।
  • फसल उत्पादकता में वृद्धि: पोषक तत्व आधारित उर्वरकों के उपयोग से मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी और उत्पादन बेहतर होगा।
  • लागत में कमी, आय में बढ़ोतरी: सस्ते उर्वरकों से खेती की लागत घटेगी, जिससे किसानों की आय स्थिर और सुरक्षित होगी।
  • मृदा स्वास्थ्य में सुधार: संतुलित उर्वरक उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता और दीर्घकालिक फसल स्थिरता बनी रहेगी।

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एनबीएस योजना क्या है (Nutrient Based Subsidy Scheme)?

एनबीएस योजना की शुरुआत 1 अप्रैल 2010 को की गई थी।

एनबीएस योजना के तहत सरकार फॉस्फेटिक और पोटाशिक उर्वरकों पर सब्सिडी को पोषक तत्वों के आधार पर तय करती है। यानी नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), पोटाश (K) और सल्फर (S) के अनुपात के अनुसार।

वर्तमान में सरकार देशभर में लगभग 28 ग्रेड के P&K उर्वरक किसानों को सब्सिडी दरों पर उपलब्ध करा रही है, जिन्हें उर्वरक कंपनियों या आयातकों के माध्यम से वितरित किया जाता है।

किसान हित में सरकार का कदम

यह निर्णय स्पष्ट रूप से सरकार की किसान हितैषी नीति को दर्शाता है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद, इस योजना से देश के किसानों को स्थिर दामों पर खाद मिलती रहेगी।

इसके साथ ही यह कदम आत्मनिर्भर कृषि और खाद्य सुरक्षा की दिशा में एक मजबूत कदम है।



प्रश्न: एनबीएस दरों की मंजूरी से किसानों को क्या फायदा होगा ?

उत्तर: रबी 2025-26 के लिए एनबीएस दरों की मंजूरी से देशभर के किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।

प्रश्न: एनबीएस दरों की मंजूरी से फसल लागत और गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ेगा ?

उत्तर: एनबीएस दरों की मंजूरी से खेती की लागत में कमी, मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार और फसल उत्पादन में वृद्धि की

उम्मीद है।

प्रश्न: सरकार के इस निर्णय का कृषि क्षेत्र पर क्या असर होगा ?

उत्तर: सरकार का यह निर्णय भारत के कृषि क्षेत्र को संतुलित, टिकाऊ और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण

मील का पत्थर साबित होगा।

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