उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। आलू के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आलू बीज की दरों में 800 रुपए प्रति क्विंटल की छूट देने का निर्णय लिया है। यह योजना किसानों को उन्नत प्रजातियों के गुणवत्ता युक्त बीज उपलब्ध कराने और प्रदेश में आलू की पैदावार बढ़ाने के उद्देश्य से लागू की जा रही है।
प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं निर्यात राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने उद्यान विभाग के अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में इस योजना की घोषणा की। उन्होंने बताया कि यह कदम किसानों को आलू की खेती के लिए प्रोत्साहित करेगा और गुणवत्ता युक्त बीज की उपलब्धता से प्रदेश में उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी होगी।
उद्यान मंत्री के अनुसार, वर्तमान में विभागीय आलू बीज की विक्रय दरें 2760 रुपये से 3715 रुपए प्रति क्विंटल के बीच निर्धारित थीं। वहीं, निजी बीज कंपनियों की औसत दरें लगभग 2500 से 3500 रुपए के बीच हैं।
अब किसानों को सभी श्रेणी के विभागीय आलू बीज पर 800 रुपए प्रति क्विंटल की छूट दी जाएगी। इस छूट के बाद किसानों के लिए विभागीय आलू बीज की दरें 1960 रुपए से 2915 रुपए प्रति क्विंटल के बीच रह जाएंगी।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि शोध संस्थाओं और अन्य सरकारी संस्थाओं को यह छूट नहीं दी जाएगी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी जनपदों में यह लाभ शीघ्र और पारदर्शी तरीके से किसानों तक पहुंचाया जाए।
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वर्तमान वर्ष में उद्यान विभाग के पास 41,876 क्विंटल आलू बीज भंडारित है। यह बीज विभाग द्वारा नकद मूल्य पर किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे आगामी वर्षों के लिए बीज उत्पादन कर सकें।
बता दें कि उत्तर प्रदेश देश का प्रमुख आलू उत्पादक राज्य है। प्रदेश में करीब 6.96 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की बुआई होती है, जिससे लगभग 26 लाख मीट्रिक टन आलू बीज की आवश्यकता होती है।
राज्य देश के कुल आलू उत्पादन का लगभग 30-35 प्रतिशत उत्पादन करता है। आलू न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण है, बल्कि रोजगार और पोषण के दृष्टिकोण से भी इसकी अहमियत है।
उद्यान मंत्री ने कहा कि योगी सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक किसान को गुणवत्ता युक्त बीज सुलभ दरों पर उपलब्ध हो। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
किसान अपने संबंधित जनपदीय उद्यान अधिकारी से संपर्क कर विभागीय आलू बीज को नकद मूल्य पर प्राप्त कर सकते हैं। इससे वे आगामी वर्षों के लिए बीज तैयार कर सकेंगे, जिससे प्रदेश में आलू उत्पादन में अपेक्षित वृद्धि संभव होगी।
मंत्री ने यह भी बताया कि योजना का लाभ छोटे और सीमांत किसानों तक प्राथमिकता के साथ पहुंचाया जाएगा। विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि बीज वितरण प्रक्रिया समयबद्ध और पारदर्शी रूप से संपन्न हो।
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उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल किसानों के लिए एक सशक्त आर्थिक और तकनीकी सहारा है। आलू की खेती में गुणवत्ता युक्त बीज की उपलब्धता, कम लागत पर सब्सिडी, और वितरण में पारदर्शिता, इन सभी पहलुओं से किसानों का लाभ सुनिश्चित होगा।
इस कदम से राज्य में आलू उत्पादन में वृद्धि होगी और प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। किसान भाई इस अवसर का लाभ उठाकर न केवल आलू की खेती बढ़ा सकते हैं, बल्कि आगामी वर्षों में अपने खेतों के लिए बीज भी तैयार कर सकते हैं। इस योजना से किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी और प्रदेश में आलू उत्पादन की गुणवत्ता एवं मात्रा दोनों में सुधार आएगा।
प्रश्न: उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए आलू बीज पर कितनी सब्सिडी देने की घोषणा की है ?
उत्तर: ₹800 प्रति क्विंटल
प्रश्न: किस विभाग के माध्यम से किसानों को आलू बीज उपलब्ध कराया जाएगा ?
उत्तर: उद्यान विभाग
प्रश्न: छूट के बाद विभागीय आलू बीज की नई दरें क्या होंगी ?
उत्तर: ₹1960 – ₹2915 प्रति क्विंटल
प्रश्न: यह सब्सिडी किसे नहीं दी जाएगी ?
उत्तर: शोध एवं अन्य सरकारी संस्थाएं
प्रश्न: उत्तर प्रदेश में आलू की बुआई लगभग कितने हेक्टेयर क्षेत्र में होती है ?
उत्तर: 6.96 लाख हेक्टेयर