भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां की अधिकांश जनसंख्या प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर आधारित है।
ऐसे में भारत के अलग अलग राज्यों में राजस्थान राज्य में सोलर एनर्जी की काफी ज्यादा संभावनाओं को ध्यान में रखकर किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए अनुदान दिया जा रहा है।
राजस्थान में सोलर एनर्जी की अपार संभावनाओं के मद्देनजर किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए अनुदान दिया जा रहा है।
सरकार की इस योजना का लक्ष्य बिना कृषि विद्युत कनेक्शन वाले किसानों और सिंचाई के लिए डीजल संचालित प्लांट या अन्य वैकल्पिक साधनों पर निर्भर रहने वालों को सिंचाई के लिए सोलर एनर्जी पम्प प्लांट सब्सिड़ी पर मुहैय्या करवाया जाना है।
कृषि उद्यान विभाग द्वारा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार की प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM Kusum) कम्पोनेंट 'बी' के अंतर्गत बीकानेर जनपद के कृषकों को हाईटेक सिंचाई के लिए 3, 5 व 7.5 HP पम्प क्षमता तक स्टैंडअलोन सोलर एनर्जी पम्प प्लांट सब्सिड़ी पर उपलब्ध करावायी जा रही है।
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राजस्थान सरकार की इस योजना का फायदा लेने के लिए किसान के पास न्यूनतम 0.4 हैक्टेयर का भू-स्वामित्व होना चाहिए।
इसके साथ ही, अधिसूचित अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के जनजाति किसानों के लिए 3 व 5 हॉर्स क्षमता के पम्प प्लांट के लिए न्यूनतम 0.2 हेक्टेयर का भू-स्वामित्व होना अनिवार्य है।
कृषि अधिकारी (उद्यान) मुकेश गहलोत ने बताया कि अनुदान के लिए किसानों को राज किसान साथी पोर्टल (Raj Kisan Saathi Portal) पर जरूरी दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन आवेदन करना है।
राजस्थान सरकार की तरफ से किसान फरवरी के अंतिम सप्ताह तक आवेदन कर सकते हैं। कार्यदायी फर्म द्वारा तकनीकी सर्वे के आधार पर पम्प क्षमता का निर्धारण किया जाएगा।
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राजस्थान सरकार की योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए सबसे जरूरी दस्तावेजों में किसान का जनआधार कार्ड, भूमि की जमाबंदी या पासबुक की प्रतिलिपि (भू-स्वामित्व), सिंचाई जल स्त्रोत ऑनलाईन स्वघोषित, विद्युत कनेक्शन न होने का शपथ ऑनलाइन स्वघोषित इत्यादि ऑनलाइन प्रस्तुत किया जाना है।
स्टैंडअलोन सोलर एनर्जी पम्प परियोजना में पीएम कुसुम (PM Kusum) कम्पोनेंट बी के तहत 60% (30% केन्द्रीय मद और 30% राज्य मद) अनुदान देय होगा।
योजना के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों को राज्य मद से 45,000 रुपये प्रति किसान प्रति प्लांट अतिरिक्त अनुदान देय है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 7.5 HP क्षमता तक के सोलर एनर्जी प्लांट पर ही अनुदान का प्रावधान किया गया है।
अगर कृषकों द्वारा इससे अधिक क्षमता का 10 HP का पम्प स्थापित करवाया जाता है, तो समस्त अन्तर राशि किसान द्वारा ही वहन की जाएगी।
किसान द्वारा कृषक हिस्सा राशि कुल लागत का बाकी 40% राशि खुद वहन की जाएगी। किसान द्वारा वहन की जाने वाली लागत की 40% राशि में से 30% तक की राशि का, किसान बैंक लोन भी ले सकते हैं।
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योजना का लाभ केवल उन्हें मिलेगा जो सिंचाई के लिए ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर, माइको स्प्रिंकलर या स्प्रिंकलर का इस्तेमाल कर रहे हैं।
योजना का लाभ आधुनिक तकनीक जैसे ग्रीन हाउस, शेडनेट हाउस और लो-टनल्स आदि उपयोग करने वाले किसानों को अनुदान मिलेगा।
राजस्थान कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सरकार की इस योजना में लघु एवं सीमान्त किसानों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
बिना कृषि विद्युत कनेक्शन वाले किसान या सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र परियोजना के अंतर्गत सब्सिड़ी पाने वाले किसान इस योजना के लिए पात्र नहीं माने जाएंगे।
विद्युत विभाग में कृषक द्वारा कृषि विद्युत कनेक्शन आवेदन होने की स्थिति में आवेदित किसान द्वारा खुद की सहमति से विद्युत कनेक्शन आवेदन को समर्पित करने पर योजना के लिए पात्र माना जाएगा।