भारत एक कृषि प्रधान देश है। देश की अर्थव्यवस्था में भारतीय कृषकों की आमदनी को दोगुना करने के लिए सरकार की तरफ से निरंतर कोशिश की जा रही हैं।
केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से कृषकों को बीज खरीदने से लगाकर फसल बिक्री तक विभिन्न प्रक्रियाओं में सहूलियत प्रदान की जाती है।
इसी कड़ी में राज्य सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए नव वर्ष 2025 में खेत में बोरिंग कराने वाले कृषकों को 80% प्रतिशत अनुदान देने का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना के अंतर्गत 30 हजार नए नलकूप लगाने का प्रस्ताव निर्धारित किया है। किसान भाई इस योजना का फायदा उठाकर सिंचाई के संबंधित आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
जल संसाधन विभाग द्वारा राज्य में मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना चलाई जा रही है। योजना के अंतर्गत किसानों को नलकूप, बोरिंग और पंपसेट की स्थापना पर अनुदान दिया जा रहा है।
सरकार अपने सात निश्चय-2 कार्यक्रम के अंतर्गत “हर खेत तक सिंचाई का पानी” पहुंचाना चाहती है।
बिहार राज्य में असिंचित क्षेत्र में 21,274 स्थलों को चिन्हित किया गया है। इस सर्वेक्षण के बाद निजी नलकूप के लिए 18,747, सामुदायिक नलकूप की मरम्मती के लिए 1646 एवं डगवेल हेतु 881 स्थल चिन्हित किए गए हैं। राज्य में कुल 30,000 नए नलकूप लगाने का प्रस्ताव है।
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मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना के तहत आवेदन करने वाले किसान के पास अपने नाम से 40 डिसमिल जमीन होनी चाहिए।
इस योजना का लाभ लेने से पहले किसानों को अपने खर्चे पर खेत में बोरिंग करानी होगी। एक किसान एक ही बोरिंग एवं मोटर पंप सेट के लिए अनुदान प्राप्त कर सकता है।
न्यूनतम 15 मीटर गहराई तक बोरिंग करने पर ही अनुदान मान्य होगा।
बोरिंग स्थापना के बाद सरकार के अधिकारी जांच पड़ताल करेंगे, उसके बाद अनुदान का लाभ दिया जाएगा। इच्छुक किसान 15 जनवरी 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
सामान्य वर्ग के किसानों को 50 फीसदी, पिछड़ा वर्ग के किसानों को 70 फीसदी और एससी-एसटी वर्ग के किसानों को 80 फीसदी अनुदान दिया जाएगा। योजना का लाभ केवल बिहार राज्य के किसान उठा सकते हैं।
निजी नलकूल योजना में आवेदन के लिए आधार कार्ड, पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, कृषि योग भूमि के कागजात, भूमि प्रमाण पत्र, करंट रसीद की आवश्यकता होगी।
इसके अलावा प्लॉट पर पहले से कोई बोरिंग नहीं होने के प्रमाण पत्र सहित किसी अन्य संस्थान से संबंधित नलकूप के लिए वित्तीय सहायता नहीं लेने का घोषणा पत्र, शपथ पत्र, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर, पासपोर्ट साइज के दो फोटो की जरूरत होगी।
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बिहार की मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना के तहत किसानों को अपने खेतों में बोरिंग कराते समय गहराई संबंधी नियमों का पालन करना होगा।
योजना के तहत कम एवं मध्यम गहराई के 70 मीटर तक के निजी नलकूपों एवं मोटर पंप के लिए अनुदान दिया जाएगा।
नलकूप का व्यास 4–6 इंच तक रखना होगा। बोरिंग के लिए 2–5 हॉर्सपावर का सबमर्सिबल मोटर पम्प/ सेंट्रीफ्यूगल मोटर पम्प लगाना होगा।
योजना के अंतर्गत किसानों को बोरिंग कराने तथा मोटर खरीदने पर अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।
यह अनुदान दो चरणों में मिलेगा। प्रथम बार बोरिंग करके पानी का जलस्राव निकालने पर व दूसरी बार मोटर पम्प सेट क्रय करने के बाद (स्थापित कर चलाने पर)।
योजना के तहत किसानों को अनुदान प्रति मीटर की लागत पर दिया जाएगा, जो 1200 रुपए प्रति मीटर तय की गई है।
यह अनुदान किसान को उसके वर्ग के अनुसार मिलेगा। सामान्य वर्ग के किसान को 50% प्रतिशत का अनुदान मतलब प्रति मीटर 600 रूपये दिया जाएगा।
पिछड़ा वर्ग तथा अति पिछड़ा वर्ग के किसानों को 70% फीसद यानी 840 रुपए प्रति मीटर अनुदान दिया जाएगा।
वहीं, एसटी और एससी के किसानों को लागत पर 80% प्रतिशत यानी 960 रुपए प्रति वर्ग मीटर की अनुदानित धनराशि दी जाएगी।
इस योजना के तहत मोटर पंप सेट पर सब्सिडी और सबमर्सिबल सेट दोनों के लिए अनुदान दिया जाएगा। यह सब्सिडी 2एचपी, 3एचपी, 5एचपी की मोटर के लिए मिलेगी।
सामान्य वर्ग को लागत का 50 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग/ अति पिछड़ा वर्ग को 70 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को 80% प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान है।
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मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना के तहत हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इस योजना में आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
इच्छुक किसान 15 जनवरी 2025 तक आवश्यक दस्तावेज के साथ विभागीय पोर्टल mwrd.bih.nic.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
इस पोर्टल पर योजना से संबंधी संपूर्ण जानकारी भी उपलब्ध है। साथ ही, किसान विभागीय कॉल सेंटर 0612-2215605/06 पर कॉल कर संपर्क साध सकते हैं।
योजना में आवेदन करते समय किसानों को कुछ बातों का ध्यान रखना होगा, अन्यथा उनका आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।
विभाग द्वारा चिह्नित स्थल पर ही किसानों को बोरिंग करवाना होगा। स्वीकृति के बाद 60 दिनों के अंदर बोरिंग गाड़ कर अनुदान दावा पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
निर्धारित अवधि के अंदर नलकूप नहीं होने और आवेदक को पोर्टल पर स्पष्ट कारण अंकित करते हुए इसकी सूचना विभाग को देनी होगी।
निर्माण सामग्री का क्रय किसान अपनी स्वेच्छा से करेंगे परंतु सामग्रियों की विशिष्ट भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुरूप एवं सामग्रियों का देश में निर्मित होना आवश्यक होगा।