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अब अगेती किस्म ₹400/क्विंटल और सामान्य किस्म ₹390/क्विंटल में खरीदी जाएगी। इस निर्णय से प्रदेश के करोड़ों गन्ना किसानों को लगभग ₹3,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
यह योगी सरकार के कार्यकाल में चौथी बार है जब गन्ने का भाव बढ़ाया गया है। किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम।
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि योगी सरकार किसानों की मेहनत का सम्मान करना अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानती है।
सरकार का लक्ष्य है, किसानों को उनकी उपज का समय पर और पारदर्शी भुगतान मिले। अब गन्ने का पूरा भुगतान डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) से किसानों के खातों में जाएगा। बिना बिचौलियों, बिना भ्रष्टाचार, सीधे किसान के हाथ में उसका हक।
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योगी सरकार के अब तक के कार्यकाल में गन्ना किसानों को ₹2,90,225 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है, जबकि 2007 से 2017 के बीच पिछली सरकारों ने मिलकर ₹1,47,346 करोड़ रुपये ही दिए थे। इस तरह सिर्फ साढ़े आठ सालों में ₹1,42,879 करोड़ रुपये अधिक भुगतान यह बताता है, कि सरकार की प्राथमिकता किसान और उसकी खुशहाली है।
आज प्रदेश में 122 सक्रिय चीनी मिलें चल रही हैं। पिछली सरकारों में जहाँ 21 मिलें सस्ते में बेच दी गई थीं, वहीं योगी सरकार ने 4 नई मिलें स्थापित कीं, 6 बंद मिलों को फिर से चालू किया और 42 मिलों की क्षमता बढ़ाई जिससे हजारों रोजगार और उत्पादन क्षमता में भारी बढ़ोतरी हुई। इस दौरान ₹12,000 करोड़ से अधिक का नया निवेश आया है, जिसने उद्योग को नई जान दी है। प्रदेश अब देश का दूसरा सबसे बड़ा शुगर प्रोड्यूसर बन चुका है।
सरकार की ‘स्मार्ट गन्ना किसान’ पहल ने गन्ना विभाग में पारदर्शिता और तकनीकी सुधार का नया युग शुरू किया है। अब क्षेत्र पंजीकरण से लेकर सप्लाई स्लिप तक सबकुछ ऑनलाइन ! किसानों को सप्लाई स्लिप सीधे मोबाइल पर और भुगतान सीधे बैंक खाते में। इस मॉडल को केंद्र सरकार ने आदर्श पहल के रूप में मान्यता दी है। अब किसान स्मार्ट भी है और सशक्त भी !
गन्ने से केवल चीनी नहीं, अब ऊर्जा भी बनेगी। राज्य में इथेनॉल उत्पादन 41 करोड़ लीटर से बढ़कर 182 करोड़ लीटर पहुँच गया है।
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अब किसान को मिल रही है अतिरिक्त आमदनी, और देश को मिल रही है स्वच्छ ऊर्जा। CBG (कम्प्रेस्ड बायोगैस) प्लांट के ज़रिए हर बूंद का उपयोग यह है “गन्ने से हरित क्रांति” की दिशा में बड़ा कदम।
उत्तर प्रदेश में गन्ने की खेती ने नया इतिहास रचते हुए अब रकबा 20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 29.51 लाख हेक्टेयर हो गया है। आधुनिक तकनीक, बेहतर बीज और सिंचाई सुविधाओं ने किसान की उपज और प्रदेश की समृद्धि दोनों को बढ़ाया है।
योगी सरकार के किसान-हितैषी फैसलों से उत्तर प्रदेश आज भारत का शुगर और इथेनॉल हब बनने की ओर बढ़ रहा है। हर खेत में मेहनत, हर हाथ में मजबूती और हर गन्ने में छुपा है नए उत्तर प्रदेश का मीठा भविष्य। किसान खुशहाल, उत्तर प्रदेश मालामाल गन्ने की मिठास में झलकती है विकास की मिठास।