गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी जल्द करें यह काम वर्ना होगा नुकसान

By: tractorchoice Published on: 30-Apr-2025

गन्ना उत्पादन करने वाले किसान साथियों के लिए अत्यंत जरूरी समाचार है। हाल ही में राज्य सरकार की तरफ से गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी कर दी गई है, इस नीति के अंतर्गत किसानों को अपने खेत और फसल संबंधी जानकारी निर्धारित समय सीमा में जमा करनी होगी। 

अगर समय पर किसान इस प्रक्रिया को पूरा नहीं करते हैं, तो उनके गन्ना आपूर्ति से जुड़े अधिकार और भुगतान पर नकारात्मक असर देखने को मिलेगा। 

इस वजह से राज्य के सभी किसानों को शीघ्रता से सर्वेक्षण प्रक्रिया पूरी कर लेनी चाहिए। बतादें कि यह सर्वे स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट के अंतर्गत किया जाना है।

सर्वेक्षण का कार्य कब से शुरू होगा ?

गन्ना किसानों के सही आंकडे हांसिल करने और उन्हें पारदर्शिता से सरकारी योजनाओं का फायदा मिल सके। इसके लिए सरकार की तरफ से गन्ना किसानों और उनके द्वारा लगाए गए गन्ने के क्षेत्र का सर्वेक्षण किया जाएगा। इस संबंध में यूपी के गन्ना एवं चीनी मिल विभाग द्वारा साल 2025–26 के लिए गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी कर दी है।

उत्तर प्रदेश के गन्ना एचं चीनी आयुक्त प्रमोद कुमार उपाध्याय के अनुसार, "पेराई सत्र 2025–26 के लिए गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी कर दी गई है। सर्वेक्षण का काम एक मई 2025 से शुरू किया जाएगा। 

गन्ना उत्पादन के सही आंकलन के लिए सर्वेक्षण कार्य में शुद्धता, पारदर्शिता तथा गन्ना किसानों की समस्याओं के निस्तारण के लिए गन्ना सूचना प्रणाली एवं स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट के तहत हैंड हेल्ड कंप्यूटर के जरिये से जीपीएस सर्वे कराया जाएगा।"

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किसानों को करना होगा यह काम

गन्ना उत्पादक कृषकों द्वारा बोए गए गन्ना क्षेत्रफल में enquiry.caneup.in की वेबसाइट पर गन्ना किसानों के लिए घोषणा पत्र उपलब्ध रहेंगे। संबंधित किसानों को अपना घोषणा–पत्र स्वयं ऑनलाइन भरना होगा। 

अगर किसानों द्वारा ऑनलाइन घोषणा–पत्र उपलब्ध नहीं कराए गए तो उन किसानों का सट्‌टा आगामी पेराई सत्र 2025–26 में विभाग द्वारा कभी भी बंद किया जा सकता है।

किसानों को तीन दिन पहले दी जाएगी सूचना

सर्वेक्षण नीति के मुताबिक, सर्वे टीम के खेत पर पहुंचने की तारीख, सर्वे टीम के इंचार्ज के नाम तथा मोबाइल नंबर की सूचना संबंधित टीम की तरफ से एस.एम.एस. के माध्यम से 3 दिन पहले ही किसानों को दे दी जाएगी। 

गन्ना सर्वेक्षण कार्य संयुक्त टीम के जरिए पूर्ण किया जाएगा। इस टीम में राजकीय गन्ना पर्यवेक्षक, चीनी मिल कार्मिक के साथ ही संबंधित सर्किल के किसान की मौजूदगी जरूरी है।

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सर्वेक्षण में दर्ज की जाएंगी ये जानकारियां

जानकारी के लिए बतादें कि गन्रा सर्वेक्षण में जीपीएस का उपयोग करते वक्त द्वितीय पेड़ी और तृतीय पेड़ी का सत्यापन कम्प्यूटरीकृत केन सर्वे रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। 

इसके साथ ही कंप्यूटरीकृत गश्ती केन रजिस्टर के प्रत्येक पेज पर सर्वे टीम द्वारा हस्ताक्षर भी किए जाएंगे। मानसून गन्ना बुवाई, शरदकालीन गन्ना बुवाई, बसंत कालीन गन्ना बुवाई वाले खेतों और ड्रिप इरीगेशन वाले इलाकों तथा सह फसली खेती भी यदि गन्ने के साथ की गई है तो उसका विवरण भी दर्ज किया जाएगा। 

इसके साथ ही आदर्श मॉडल प्लॉट के तहत प्रत्येक गन्ना विकास परिषद में चयनित उत्तम किसान का विवरण भी अलग से दर्ज किया जाएगा।

सर्वेक्षण की अंतिम तिथि

गन्ना आयुक्त द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, गन्ना सर्वेक्षण का काम 1 मई 2025 से लेकर 30 जून 2025 तक चलेगा। 

सर्वेक्षण के बाद कम्प्यूटरीकृत गश्ती केन सर्वे रजिस्टर में गन्ना क्षेत्रफल का सारांश तैयार करते हुए कम्प्यूटरीकृत गश्ती केन सर्वे रजिस्टर के अंतिम पेज पर संबंधित चीनी मिल के सर्वेकर्मी, विभागीय गन्ना पर्यवेक्षक, समिति कार्मिक, संंबंधित ब्लॉक इंचार्ज, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक एवं चीनी मिल के महाप्रबंधक (गन्ना) के संयुक्त हस्ताक्षर के बाद सर्वे आंकड़े अंतिम रूप में दिए जाएंगे।

निष्कर्ष -

गन्ना उत्पादक किसान जल्द से जल्द अपने गन्ना रकबे की ऑनलाइन जानकारी प्रदान करें। ऐसा नहीं करने पर किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ेगा।

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