भारतीय केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक महत्वपूर्ण योजना को मंजूरी दी है, जिसका नाम है ‘नमो ड्रोन दीदी योजना’। इस योजना के अंतर्गत, 15,000 स्वयं सहायता समूहों को कृषि क्षेत्र में ड्रोन प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
यह ड्रोन किराए पर दिया जाएगा और उर्वरकों का छिड़काव करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
2023-24 और 2025-26 के दौरान, इस योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रदान किया जाएगा।
इसके अलावा, महिला ड्रोन पायलट को मानदेय भी प्रदान किया जाएगा और महिला ड्रोन सखियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह योजना महिलाओं को कृषि सेक्टर में सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
जानकारी के लिए बतादें, कि 28 नवंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ड्रोन दीदी योजना’ की शुरुआत हुई थी।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि आने वाले चार वर्षों में 15,000 स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराया जाए। यह ड्रोन महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
ये ड्रोन कृषि क्षेत्र में उर्वरकों का छिड़काव करने के लिए उपयोग किए जाएंगे। इस परियोजना के तहत, किसानों को स्वयं सहायता समूह का उपयोग करके ड्रोन किराए पर दिए जाएंगे।
केंद्र सरकार इस परियोजना पर आगामी चार वर्षों में लगभग 1,261 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
ड्रोन दीदी योजना के तहत देश के किसानों को कृषि में प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए ड्रोन उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव की दक्षता में सुधार हो सकेगा।
इससे ना केवल सहायता समूह को लाभ मिलेगा। साथ ही, कृषि कार्य उर्वरकों के छिड़काव में किसानों को भी लाभ मिलेगा। इससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
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प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई महिला स्वयं सहायता समूह ड्रोन योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को खेती में प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए ड्रोन उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव की दक्षता में सुधार करना है।
इसके बाद किसान इसे किराए पर ले सकेंगे और अधिक उत्पादक खेती कर सकेंगे। महिला सहायता योजना से न केवल कृषि में नवीनतम टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा सकेगा, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।
यह योजना गांव के छोटे-मध्यम आय वाले किसानों को उत्पादन में वृद्धि और आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद करेगी।