किसानों की आय दोगुनी करने के लिए केंद्र व राज्य सरकारें अपने अपने स्तर से किसान कल्याणकारी योजनाओं को जारी करती रहती हैं।
इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में डिजिटल कृषि को बढ़ावा देने के लिए यूपी एग्रीटेक नीति 2024 को हरी झंडी दे दी गई।
इसमें कृषि विकास दर को दोगुणा करते हुए 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। कैबिनेट में कुल 12 प्रस्ताव रखे गए थे, जिनमें से 11 पास हो गए हैं। उत्तर प्रदेश चारा नीति 2024-29 को भी स्वीकृति मिल गई है।
कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि इसमें यूपी एग्रीटेक नीति 2024 को स्वीकृति मिल गई है।
प्रदेश में डिजिटल आधारित खेती के लिए नए क्रांतिकारी परिवर्तन के तौर पर यह नीति लाई गई है। इससे कृषि प्रौद्योगिकी भू-स्थल मौसम आदि की जानकारी किसानों को समय पर दी जाएगी।
कृषि विभाग को पूरी तरह डिजिटल किया जाएगा। किसानों तक सटीक समय पर सूचनाएं पहुंचाई जाएंगी। उनके लिए डाटा तैयार किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि प्रदेश अब डिजिटल कृषि की ओर बढ़ रहा है।
इससे कृषि में नई तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ब्लाक चेन आदि का इस्तेमाल होगा। कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाएगा। डाटा का संग्रह होगा। डिजिटल तकनीक के जरिए किसान रजिस्ट्री हो सकेगी।
उत्तर प्रदेश में बड़े निवेश क्षेत्र यानी स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन स्थापित किए जाएंगे। यह राज्य के चार अलग अलग क्षेत्रों में स्थापित होंगे। इसके लिए एक्ट के ड्राफ्ट को मंगलवार को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है।
नोडल निवेश क्षेत्र अधिनियम लाने वाला यूपी चौथा राज्य होगा। गुजरात, कर्नाटक और राजस्थान में यह पहले से हैं। बड़े लैंड बैंक के लिए दो लाख एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी।
इसको विकसित करने के लिए विधिक जामा पहनाया जाएगा। वर्तमान में 75 प्रतिशत औद्योगिक क्षेत्र 150 एकड़ में कम के हैं जबकि 25 प्रतिशत औद्योगिक क्षेत्र 50 एकड़ से कम में है। जब तक बड़े क्षेत्र नहीं होंगे तब तक मल्टी नेशनल कंपनियां यहां नहीं आएंगी।
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औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव अनिल सागर ने बताया कि बड़े क्षेत्र के कारण ही एप्पल ने तमिलनाडु में यूनिट लगाई है। महाराष्ट्र में मर्सडीज ने लगाई है, क्योंकि वहां बड़े लैंड बैंक हैं।
प्रदेश में बड़े लैंड बैंक में शहरीकरण की सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। इस एक्ट के लागू होने के बाद यहां के मास्टर प्लानिंग और अन्य बदलाव के प्राधिकरण स्तर पर ही हो सकेंगे।
एनओसी भी प्राधिकरण स्तर पर ही जारी हो सकेंगे। अभी इसके लिए प्रदेश स्तर तक आना पड़ता है। गुजरात के एक्ट के अनुसार उन्होंने 10 हजार हेक्टेयर से ऊपर का इन्वेस्टमेंट क्षेत्र हो सकेगा।
अभी हम लोगों ने न्यूनतम क्षेत्र की सीमा निर्धारित नहीं की है, लेकिन बड़े विकसित करेंगे। बुंदेलखंड में जो हम लोगों ने बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथारिटी बनाई है उसका क्षेत्रफल पांच हजार 5000 हेक्टेयर रखा है।