भारत के केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत के 731 कृषि विज्ञान केंद्रों से संवाद कर कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।
खरीफ बुवाई से पूर्व जागरूकता अभियान, प्राकृतिक खेती, जल संरक्षण और उत्कृष्ट कार्य करने वाले केवीके के लिए पुरस्कार योजना पर बल दिया गया है।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कृषि विज्ञान केंद्रों को किसान उन्मुख कोशिशों को अंजाम तक जल्दी पहुँचाने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि केवीके खेती-किसानी के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकते हैं और किसानों की आय बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, "खेती-किसानी की उन्नति में केवीके सशक्त माध्यम बनें, यही हमारा लक्ष्य है।"
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कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देशभर के समस्त केवीके और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) को खरीफ फसलों की बुवाई से पूर्व व्यापक किसान जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया है।
प्राकृतिक खेती, जल संरक्षण और किसानों के हित में उत्पादकता बढ़ाने पर खास बल दिया है। बैठक में उत्कृष्ट कार्य करने वाले केवीके को पुरस्कृत करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई। इसके तहत अगले वर्ष से उन केंद्रों को पुरस्कार देने की योजना है, जो अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करेंगे।
संवाद के दौरान विभिन्न राज्यों के केवीके प्रमुखों ने अपने-अपने क्षेत्र के कार्यों और उपलब्धियों की जानकारी दी। आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट और उप महानिदेशक डॉ. राजबीर सिंह ने केवीके की भूमिका और कार्यों की रूपरेखा प्रदर्शित की है।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषकों के लिए क्षमता निर्माण प्रशिक्षण को बेहद जरूरी बताते हुए कहा कि कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर उर्वरकों का संतुलित उपयोग सिखाना चाहिए।
आगे चौहान ने कहा, कि कृषि में लागत घटाने, उत्पादन बढ़ाने, फसलों के उचित मूल्य दिलाने, नुकसान की भरपाई, खेती का विविधीकरण और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 6 सूत्रीय रणनीति भी पेश की है।
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों को मॉडल फार्म विकसित करने चाहिए और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के माध्यम से किसानों को तकनीक और बाजार से जोड़ना चाहिए।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "प्रति बूंद अधिक फसल" विजन को आगे बढ़ाते हुए जल संरक्षण को भी प्राथमिकता देने की बात कही है।
कृषि मंत्री की मौजूदगी में हुई बैठक का सार यह है, कि चौहान ने केवीके प्रमुखों से कार्य को पूजा समझकर निष्पक्ष और परिणामोन्मुख ढंग से काम करने की अपील और 15 जून 2025 से खरीफ बुवाई से पहले व्यापक किसान जागरुकता अभियान चलाने के प्रस्ताव पर भी सहमति व्यक्त की।