भारत एक कृषि प्रधान देश है। केंद्र एवं राज्य सरकारें किसानों के हित में अनुदान देने हेतु कई योजनाऐं चलाती हैं।
वर्तमान में मानव स्वास्थ और मृदा क्षरण को रोने के लिए किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए दुनियाभर में प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश में भी प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए वर्ष 2018 में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की शुरुआत की गई थी।
इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार ने किसानों को साइकिल हल पर अनुदान देने का फैसला लिया है। इस योजना में साइकिल हल और अन्य उपकरणों पर अनुदान मिलेगा।
सरकार किसानों को 2500 रुपये के साइकिल हल पर अधिकतम 1500 रुपये का अनुदान देने का निर्णय लिया है। इससे प्रदेश के किसानों को केवल 1 हजार रुपये देकर साइकिल हल मिल जाएगा।
इस योजना का फायदा प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत पंजीकृत किसानों को ही मिलेगा। अन्य किसानों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
साइकिल हल के साथ प्रदेश सरकार किसानों को प्लास्टिक टब पर 500 रुपये, फव्वारे पर 350 रुपये और खेतों की ट्रैंप सोलर लाइट पर 500 रुपये तक का अनुदान दे रही है।
साइकिल हल को हिमाचल सरकार ने पहली बार योजना में शामिल किया है। साइकिल हल की सहायता से किसान अपने छोटे खेतों की आसानी से जुताई कर सकते हैं, जिससे खेती में खर्च भी कम होगा।
हिमाचल सरकार प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अंतर्गत खेतों में रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर प्राकृतिक खेती में इस्तेमाल होने वाले उर्वरकों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
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प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के उप-निदेशक, मोहिंद्र सिंह भवानी के अनुसार, प्राकृतिक खेती में रोजगार और गरीब किसानों की आय को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यह पहल की है।
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बना है, जिसने प्राकृतिक खेती से उगाई गई फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया है।