सरकार ने किसानों के लिए नैचुरल फार्मिंग मिशन शुरू किया है। इस मिशन के तहत एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा।
सरकार की यह पहल ना केवल पर्यावरण के लिए बेहतर है, बल्कि किसानों के लिए भी लाभकारी साबित हो सकता है।
इस मिशन में प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग करके खेती की उत्पादकता और स्थिरता को बढ़ाने पर अधिक बल दिया जाएगा।
भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र में काफी बड़े पैमाने पर परिवर्तन करने की दिशा में एक बेहद महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
सरकार ने "नैशनल मिशन ऑन नैचुरल फार्मिंग (NNMF)" को मंजूरी प्रदान की है, जो केमिकल फ्री खेती को बढ़ावा देने के मकसद से प्रारंभ किया गया है।
इस मिशन के अंतर्गत एक करोड़ किसानों को प्रशिक्षित करने, प्राकृतिक खेती के सामान्य मानक बनाने और सस्टेनेबल फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए व्यापक प्रयास किए जाएंगे।
सरकार के इस मिशन के तहत किसानों को प्राकृतिक खेती के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। विशेषकर उन किसानों को जो अभी तक रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्राकृतिक उर्वरक, जैविक कीटनाशक और पारंपरिक खेती की तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
दरअसल, इस मिशन का एक और अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य है, प्राकृतिक खेती के लिए वैज्ञानिक आधार पर कार्य करना।
इसके अंतर्गत किसान अपने अनुभवों के आधार पर खेती के तरीकों को साझा करेंगे और रिसर्च के माध्यम से प्राकृतिक खेती के लिए कॉमन स्टैंडर्ड विकसित किए जाएंगे।
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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस मिशन के बारे में कहा कि यह एक इकोसिस्टम बनाने की दिशा में कार्य करेगा, जिसमें पशुपालन और खेती को एकीकृत किया जाएगा।
मतलब, दोनों से मिलने वाले उत्पादों का इस्तेमाल एक-दूसरे में किया जाएगा, जिससे खेती और पशुपालन दोनों का समग्र विकास होगा।
मिशन के अंतर्गत एक लंबी अवधि तक टिकाऊ और सतत खेती की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
इसके लिए सस्टेनेबल फार्मिंग को प्रोत्साहन दिया जाएगा, जो पर्यावरण के साथ संतुलन बनाए रखते हुए किसानों की आय बढ़ाने में सहयोग करेगा।
लगभग 30,000 कृषि सखियों और अधिकारियों को ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे स्थानीय किसानों को नैचरल फार्मिंग के तरीकों के बारे में जागरूक कर सकें और उनका इस दिशा में मार्गदर्शन भी कर सकें।
इस मिशन के लिए केंद्र सरकार ने 2481 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जिसमें से 1584 करोड़ रुपये केंद्र द्वारा दिए जाएंगे और बचे हुए 897 करोड़ रुपये राज्य सरकारों का योगदान होगा।
इस मिशन के अंतर्गत एक करोड़ किसानों को कवर करने का लक्ष्य है। पहले चरण में तकरीबन 18 लाख 75 हजार किसानों को प्रशिक्षण और समर्थन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।