किसानों के सामने आजकल सबसे बड़ी समस्या निराश्रित पशुओं से अपनी फसल की सुरक्षा करना है। राजस्थान सरकार की तरफ से कृषकों के लिए 2025-26 की तारबंदी योजना में परिवर्तन किए गए हैं।
अब 1.5 हैक्टेयर जमीन होना आवश्यक नहीं है, किसान 0.5 हैक्टेयर जमीन पर भी अनुदान हांसिल कर सकते हैं। राजस्थान सरकार द्वारा 70% प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा।
कृषकों को फसलीय सुरक्षा देने और निराश्रित पशुओं से बचाव के लिए राजस्थान सरकार ने एक बार पुनः राहत देने की घोषणा की है।
प्रदेश के कृषि विभाग ने वर्ष 2025-26 के लिए कांटेदार/चैनलिंक तारबंदी योजना को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी है। राजस्थान सरकार की इस योजना के अंतर्गत किसान कम जमीन पर भी सब्सिड़ी का फायदा उठा सकेंगे।
ये भी पढ़ें: राजस्थान में किसानों को सोलर पंप प्लांट लगाने के लिए भारी छूट
वर्तमान में इस योजना के अंतर्गत भाग लेने के लिए एक ही स्थान पर न्यूनतम 1.5 हैक्टेयर भूमि होना जरूरी था। लेकिन, अब विभाग ने इस शर्त को शिथिल कर दिया है।
नई व्यवस्था के अनुसार व्यक्तिगत या समूह में तारबंदी करवाने वाले किसानों को अब केवल 0.5 हैक्टेयर यानी दो बीघा पक्की जमीन होने पर भी योजना का लाभ मिलेगा।
खबरों के मुताबिक, इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी फसलों की सुरक्षा के लिए प्रेरित करना और सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देना है।
यदि 10 किसान मिलकर कम से कम 5 हैक्टेयर (20 बीघा) भूमि पर तारबंदी कराते हैं, तो प्रत्येक किसान को अधिकतम 400 रनिंग मीटर लंबाई की सीमा तक 56,000 रुपए की सब्सिड़ी धनराशि दी जाएगी। यह धनराशि कुल लागत का 70% प्रतिशत होगी।
खबरों के अनुसार, योजना का लाभ केवल समूह में नहीं बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी लिया जा सकता है। यदि कोई लघु या सीमांत किसान 0.5 हैक्टेयर भूमि पर तारबंदी करवाता है, तो उसे 400 रनिंग मीटर लंबाई तक 48,000 रुपए की अनुदान राशि मिलेगी। साथ ही, सामान्य श्रेणी के किसानों को इसी स्थिति में 40,000 रुपए तक की सब्सिड़ी मिलेगी।
ये भी पढ़ें: केंद्र सरकार ने खरीफ फसलों का PMFBY के तहत बीमा कराने की अंतिम तिथि बढ़ाई
राजस्थान सरकार ने इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को अपनाया है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
इच्छुक अथवा पात्र किसान अपने नवीनतम संयुक्त नक्शा ट्रेस, जमाबंदी, जनआधार कार्ड और लघु-सीमांत प्रमाण पत्र के साथ समीपवर्ती ई-मित्र केंद्र या राज किसान साथी पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
जानकारी के लिए बतादें, कि सभी आवेदन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर स्वीकार किए जाएंगे। अतः जो जितना जल्दी आवेदन करेगा, वह उतना जल्दी लाभ का पात्र रहेगा।
तारबंदी का काम पूरा होने के बाद संबंधित कृषि पर्यवेक्षक भौतिक सत्यापन करेगा और यह विवरण पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
सत्यापन की प्रक्रिया पूर्ण होते ही अनुदान की धनराशि सीधे किसानों के बैंक खातों में हस्तांतरित कर दी जाएगी।
ये भी पढ़ें: जुताई के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मुख्य 7 कृषि उपकरण
किसानों को तारबंदी में खर्च की गई धनराशि के सभी बिल जमा कराने पड़ेंगे। इसकी वजह से राजस्थान सरकार को यह सुनिश्चित करने में सहयोग मिलेगा कि अनुदान सही ढ़ंग से इस्तेमाल में लाया जा रहा है या नहीं।
राजस्थान सरकार की तरफ से किसानों को अपनी फसल की सुरक्षा के लिए मुहैय्या कराई जा रही सब्सिड़ी से किसानों में ख़ुशी की लहर है। अगर आप राजस्थान के निवासी हैं तो आप इस योजना का लाभ लेने के लिए जल्द से जल्द आवेदन कर सकते हैं।