कृषि अधिकारी ने कहा कि हमें उम्मीद है, कि फ्री में बीज वितरित करने से राज्य में मोटे अनाज का उत्पादन और किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी।
ऐसे भी केंद्र और राज्य मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि राज्य की मिट्टी मोटे अनाज के उत्पादन के लिए उपयुक्त है।
राजस्थान में मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से किसानों को फ्री में मोटे अनाजों के बीज के किट दिए जा रहे हैं। सरकार को उम्मीद है कि उसकी इस कोशिश से प्रदेश में मोटे अनाजों का रकबा बढ़ेगा। इससे किसानों की इनकम में भी बढ़ोतरी होगी।
वहीं, कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले 5 महीनों में किसानों को बाजरे के लगभग 790,000 किट और ज्वार के 89,000 किट बाटे गए हैं।
जबकि, चालू खरीफ बुआई सीजन में 43 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर बाजरा और 650,000 हेक्टेयर में ज्वार की बुआई की गई है।
कृषि अधिकारी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि फ्री में बीज वितरित करने से राज्य में मोटे अनाज की उपज और किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी। ऐसे भी केंद्र और राज्य मोटे अनाज को प्रोत्साहन देने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं।
अधिकारी ने कहा कि राज्य की मृदा मोटे अनाज के उत्पादन के लिए उपयुक्त है। क्योंकि, मोटे अनाजों की सिंचाई में कम पानी की आवश्यकता होती है। साथ ही, कम उपजाऊ वाली जमीन पर भी इसकी आसानी से खेती की जा सकती है।
खास बात यह है, कि कृषि और संबद्ध क्षेत्र का राजस्थान के सकल घरेलू राज्य उत्पाद में 27% प्रतिशत का योगदान है। ऐसे भारत के बाजरा उत्पादन में इसका हिस्सा करीब 26% प्रतिशत है।
राज्य में उगाई जाने वाली बाजरा और ज्वार मुख्य बाजरा फसलें हैं। राजस्थान 41% प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी के साथ देश में बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है।
अधिकारी ने कहा कि चालू खरीफ बुवाई सीजन में राज्य में 43 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर बाजरा और 650,000 हेक्टेयर में ज्वार की बुवाई की गई है।
बतादें, कि राज्य सरकार ने 2022-23 में राजस्थान बाजरा संवर्धन मिशन का प्रारंभ किया था। इसमें किसानों, उद्यमियों और स्वयंसेवी संगठनों द्वारा 100 प्राथमिक प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने के लिए 40 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया था।
इस बीच, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के अनुरोध के बाद राज्य के कुछ होटलों और रेस्तरां ने पर्यटकों और उपभोक्ताओं को मोटे अनाज या बाजरे से बने व्यंजन परोसना शुरू कर दिया है।
वहीं, बीते जून महीने में खबर सामने आई थी कि राजस्थान में राज्य सरकार मक्के की खेती को बढ़ावा देने के साथ किसानों को सहायता भी दे रही है। खास कर दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी क्षेत्रों में किसानों की सहायता करने के लिए राजस्थान सरकार ने एक पहल शुरू की है।
क्षेत्र में कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए इस खरीफ सीजन में हाइब्रिड मक्के के बीज किसानों को दिए जा रहे हैं। किसानों को मक्के के बीज निःशुल्क प्रदान किए जा रहे हैं।
ऐसा माना जा रहा है, कि दक्षिणी राजस्थान के छोटे और सीमांत किसानों की आय बढ़ाकर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए यह एक बेहतरीन कदम हो सकता है।