भारत एक कृषि प्रधान देश है, जिसकी आधी से ज्यादा आबादी आज भी कृषि क्षेत्र पर निर्भर रहती है। भारत की अधिकांश आबादी आज भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से खेती किसानी के जरिए अपना जीवन यापन करते हैं।
कृषि क्षेत्र आज भी देश की अर्थव्यवस्था के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शुमार किया जाता है। इस क्षेत्र को सुचारू रूप से संचालित करने में सबसे बड़ी भूमिका भारत के किसान भाइयों की होती है। ऐसे में किसान भाई सरकार से आगामी बजट में कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक और लाभकारी घोषणाओं की उम्मीद में बैठे हैं।
किसान भाईयों को सर्वप्रथम यह आशा है, कि कृषि क्षेत्र के लिए कुछ नए कर लाभों की घोषणाओं और मौजूदा टैक्स बेनिफिट्स का दायरा बढ़ाकर खेती को एक लाभकारी कार्य बनाने की दिशा में कदम उठाएगी। इसके साथ ही किसानों को अनुदान के माध्यम से टिकाऊ कृषि प्रोत्साहनों की घोषणा भी बजट में किए जाने की उम्मीद है।
किसानों की बेहतरी के लिए सरकार गेहूं, धान और चना जैसी प्रमुख कृषि वस्तुओं में व्यापार को बहाल करेगी। इससे बाजार में तरलता बढ़ाने के साथ किसानों को बेहतर दाम मिलने के साथ ही बाजार में इन जरूरी कृषि उत्पादों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
मौसमिक अनियमितता के चलते हमारे देश के किसान भाइयों को फसल खराब होने का काफी ज्यादा खतरा और हानि का सामना करना पड़ता है।
जानकारों के अनुसार, बजट में सरकार फसलों की इस बर्बादी को कम करने वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स को अपग्रेड करने के कदम उठाएगी।
इसके साथ ही एग्री कमोडिटी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए भी कुछ घोषणाएं किए जाने की उम्मीद किसानों को है। इसके अलावा कृषि उपज के मूल्य में अस्थिरता से किसानों को बचाने के लिए जोखिम प्रबंधन यानी रिस्क मैनेजमेंट को मजबूत करने के उपाय भी बजट में किए जाएंगे।
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बाजार कारोबार के दायरे में आने वाली वस्तुओं की सूची का विस्तार किए जाने की उम्मीद भी है। इससे कहीं न कहीं किसानों को भी अच्छी कीमतें मिलने का मार्ग खुल सकता है।
मंडियों में लगने वाले शुल्क में कमी लाकर सरकार किसानों के लिए लेन-देन की लागत को कम करने का कदम भी उठा सकती है।
इससे बाजार में किसानों की सीधी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के साथ ही टैक्स में सुधार की भी अपेक्षा आगामी बजट से की जा रही है।
बाजार के कारोबार में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए रीयल टाइम बेसिस पर बाजार का डेटा उपलब्ध कराने और बेहतर ढंग से डेटा एनालिसिस की उन्नत तकनीक पेश किए जाने की भी उम्मीद है।
आयात-निर्यात यानी एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट जैसे महत्वपूर्ण सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने की ओर कदम उठाते हुए सरकार आगामी बजट में घरेलू नियमों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के स्तर पर लाने के लिए भी कुछ उपायों की घोषणा कर सकती है।