नागपुर में हजारों किसानों ने कर्जमाफी की मांग को लेकर सभी हाईवे को जाम कर दिया है। किसानों ने फडणवीस सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो ट्रेनें भी रोकी जाएंगी।
महाराष्ट्र के नागपुर में किसानों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा है। यहां प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रमुख और पूर्व विधायक ओमप्रकाश कड़ू उर्फ बच्चू कड़ू के नेतृत्व में करीब 15,000 किसानों ने मंगलवार दोपहर से नागपुर में एनएच-44 (वर्धा रोड) पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए हाईवे जाम कर दिया।
ये किसान कर्जमाफी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। ‘सात बारा कोरा करो’ (हमारा कर्ज साफ करो) के नारों से गूंजते इस आंदोलन का नजारा दिल्ली बॉर्डर पर हुए 2020 के किसान आंदोलन जैसा था।
कड़ू ने बताया कि उन्होंने राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के मुंबई बुलावे को ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा, ‘हम यहीं सड़क पर डेरा डालेंगे। मंत्री और अधिकारी खुद यहां आएं बात करने जब तक कर्जमाफी नहीं होगी, हम नहीं हटेंगे।’ कड़ू ने यह भी ऐलान किया कि बुधवार से और किसान, खासकर महिलाएं, आंदोलन में शामिल होंगी।
उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो ट्रेनें भी रोकी जाएंगी और राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन स्थल जमठा फ्लाईओवर के पास चुना गया, जो समृद्धि एक्सप्रेसवे का एंट्री पॉइंट है और उत्तर-दक्षिण व पूर्व-पश्चिम दिशा से आने वाले यातायात का जंक्शन है।
किसान कर्ज माफी और कृषि नीतियों में सुधार की मांग को लेकर नागपुर में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निवास की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे हैं। स्थिति को देखते हुए पुलिस ने पूरे शहर में नाकाबंदी कर दी है और सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। किसानों का आरोप है कि फडणवीस ने चुनाव के दौरान कर्जमाफी का वादा किया था, लेकिन अब तक उसे पूरा नहीं किया।
स्वाभिमानी पक्ष के नेता रविकांत तुपकर ने भावनात्मक भाषण देते हुए कहा कि ‘अगर किसानों की कर्जमाफी के लिए कुछ मंत्रियों को सबक सिखाना पड़े, तो गलत नहीं।’ कड़ू ने भी अपने पुराने बयान पर कायम रहते हुए कहा, ‘परभणी के किसान सचिन जाधव ने आत्महत्या कर ली और उनकी गर्भवती पत्नी ने भी जान दे दी।
मैंने गुस्से में कहा था कि ऐसे हालात में विधायकों को सबक सिखाना चाहिए- इसमें गलत क्या है ?’ उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, ‘राज्य के पास हाईवे, मेट्रो और फ्लाईओवर के लिए पैसे हैं, लेकिन किसानों की कर्जमाफी के लिए नहीं।’
कोल्हापुर के हत्कनंगले से पूर्व सांसद और शेतकरी स्वाभिमानी पक्ष के नेता राजू शेट्टी ने भी आंदोलन को समर्थन देते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘जब फडणवीस ने कर्जमाफी की घोषणा की थी, तब अजीत पवार क्या कर रहे थे ? अब वे कहते हैं कि राज्य की आर्थिक हालत ठीक नहीं फिर उस समय फंड कहां से आया ?’
उन्होंने कहा कि सरकार अमेरिका से कपास आयात कर रही है, जिससे भारतीय किसानों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘अगर सोयाबीन के निर्यात को भी खोला जाए तो किसानों को उचित दाम मिल सकता है।’
प्रश्न: नागपुर में किसानों ने किस प्रमुख मांग को लेकर हाईवे जाम किया ?
उत्तर: किसानों ने कर्जमाफी (Loan Waiver) की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
प्रश्न: नागपुर में किसानों के इस आंदोलन का नेतृत्व किसने किया ?
उत्तर: ओमप्रकाश कड़ू (बच्चू कड़ू) — प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रमुख और पूर्व विधायक
प्रश्न: इस आंदोलन में लगभग कितने किसान शामिल हुए थे ?
उत्तर: लगभग 15,000 किसान
प्रश्न: किस राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) पर किसानों ने जाम लगाया ?
उत्तर: एनएच-44 (वर्धा रोड) पर
प्रश्न: किस नारे से आंदोलन स्थल गूंज उठा ?
उत्तर: “सात बारा कोरा करो” (हमारा कर्ज साफ करो)