किसानों को कृषि संबंधी कार्य करने में कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए कृषकों को खाद, बीज, कीटनाशक, कृषि यंत्र आदि खरीदने लिए सरकार की तरफ से सस्ता लोन मुहैय्या करावाया जाता है।
यह ऋण कृषि कार्यों के लिए प्रदान किया जाता है, जो कि अल्पकालीन होता है। इसके अंतर्गत किसानों को बेहद ही कम दर पर खेती के लिए लोन प्रदान किया जाता है।
इसी क्रम में राज्य सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री शून्य प्रतिशत मुक्त फसली ऋण योजना संचालित की जा रही है। इसके अंतर्गत सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा अल्पकालीन फसलीय एवं पशुपालन ऋण मुहैय्या कराया जा रहा है।
योजना के अंतर्गत समय पर कर्ज चुकाने वाले किसानों को ब्याज नहीं देना पड़ता है। वहीं, देय तिथि के पश्चात धनराशि चुकाने पर किसान को 10% प्रतिशत ब्याज देना पड़ता है। इस प्रकार यह योजना उन किसानों के लिए बेहद लाभकारी है, जो वक्त पर अपना कर्ज चुकाते हैं।
राज्य सरकार के आदेश के अनुसार, रबी 2023-24 (एक सितंबर 2023 से 31 मार्च 2024) के अंतर्गत वितरित अल्पकालीन फसली एवं पशुपालन ऋण की अंतिम देय तिथि 30 जून 2024 को दो माह बढ़ाकर 31 अगस्त 2024 अथवा ऋण लेने की दिनांक से 12 महीना जो भी पहले हो, किए जाने की स्वीकृति दी गई है।
ऐसे में जो भी किसान योजना का फायदा उठाना चाहते हैं, वे वक्त पर ऋण की धनराशि जमा कराएं जिससे अवधिपार श्रेणी में वर्गीकृत हो जाने पर अगली फसल में नामांकन रद्द होने और 10% प्रतिशत ब्याज से बचा जा सके।
किसान को कोई आर्थिक हानि नहीं होगी। यदि किसी भी तकनीकी कारण से समिति स्तर पर ऋण वसूली जमा नहीं हो पा रही है, तो किसान संबंधित बैंक शाखा में जाकर भी नकद वसूली जमा करा सकता है। यह जानकारी अजमेर सेंट्रल कॉ-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंधक निदेशक भंवर सुरेंद्र सिंह ने दी।
समस्त किसान रबी 2023-24 का अपना पुराना कर्ज चुकाकर खरीफ 2024 का ऋण समितियों के जरिए से हांसिल कर सकते हैं। अगस्त माह तक आवंटित लक्ष्य 315 करोड़ के परिप्रेक्ष्य में बैंकों द्वारा 295.71 करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया जा चुका है।
बचे हुए किसान शीघ्र ही समिति मुख्यालय जाकर अपना शेष ऋण चुकाकर सरकार की मुख्यमंत्री शून्य प्रतिशत मुक्त फसली ऋण योजना का लाभ उठा सकते हैं। योजना का लाभ राज्य के किसान 31 अगस्त 2024 से पूर्व प्राप्त कर सकते हैं।
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राजस्थान सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री शून्य ब्याज मुक्त फसली ऋण योजना का लाभ किसानों को मुहैय्या कराया जा रहा है। यह योजना किसानों को डिफाल्टर होने से बचाती है। इस योजना का प्रारंभ 11 जुलाई 2019 को किया गया था।
इस योजना के अंतर्गत केंद्रीय सहकारी बैंकों से संबंद्ध ग्राम सेवा सहकारी समितियों के जरिए से 1.50 लाख रुपए तक के लिए गए फसली ऋण का समय या समय से पूर्व भुगतान करने वाले किसान को राज्य सरकार की तरफ से 4 प्रतिशत और केंद्र सरकार की ओर से 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाता है। इस तरह इस योजना के तहत राज्य के किसानों को शून्य ब्याज दर पर कृषि ऋण प्राप्त हो जाता है।
सहकारी समिति से कृषि ऋण प्राप्त करने के लिए सर्वप्रथम किसान का सहकारी समिति में पंजीकृत होना आवश्यक है। इसके बाद ही किसान समिति के जरिए से कर्जा ले सकता है और शून्य ब्याज अनुदान योजना का फायदा उठा सकता है।
योजना के अंतर्गत किसानों को लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक किसान के पास आधार कार्ड, भामाशाह नंबर, पैन कार्ड नंबर, सहकारी बैंक बचत खाता नंबर, बचत खाते का आईएफएससी कोड नंबर, भूमि का वितरण जिसमें जमाबंदी की कॉपी, बोई जाने वाली फसल का विवरण, समिति एवं अन्य बैंकों से लिए गए फसली ऋण या केसीसी ऋण का विवरण होना अत्यंत आवश्यक है।
इसके अतिरिक्त आवेदन के साथ वचन पत्र, ऋण पत्र, बांड पत्र, प्रतिभूति पत्र जमा करना होता है। योजना से जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए किसान अपने क्षेत्र की सहकारी समिति के कार्यालय में जाकर संपर्क साध सकते हैं।