बिहार सरकार का शहरी क्षेत्रों में बागवानी को लेकर नया तोहफा

By: Team Merikheti Published on: 26-Mar-2025
Gardening activity with hands planting a young sapling in soil

बिहार सरकार की तरफ से शहरी क्षेत्रों में छत पर बागवानी को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से फार्मिंग बेड और गमले की योजनाएं लागू की हैं, ताकि लोग ताजे फल, फूल और सब्जियों का उत्पादन कर सकें। 

फार्मिंग बेड योजना में 75% प्रतिशत अनुदान मिलेगा और बची हुई धनराशि लाभार्थियों को स्वयं चुकानी पड़ेगी। 

यह योजना का लाभ पटना, भागलपुर, गया और मुजफ्फरपुर के शहरी इलाकों को मुहैय्या कराया जा रहा है। इसके दो प्रमुख घटक हैं - फार्मिंग बेड योजना और गमले की योजना। 

फार्मिंग बेड योजना के तहत 300 वर्ग फीट क्षेत्र में बागवानी के लिए ₹48,574 की लागत पर 75% यानी ₹36,430.50 का अनुदान मिलेगा। वहीं, गमले की योजना में प्रति इकाई ₹8,975 की लागत पर ₹6,731.25 का अनुदान दिया जाएगा।

अलग अलग वर्गों के आधार पर मिलेगा अनुदान 

जानकारी के लिए बतादें, कि इस योजना के अंतर्गत 78.6% सामान्य वर्ग, 20% अनुसूचित जाति, और 1.4% अनुसूचित जनजाति को शामिल किया जाएगा। 

साथ ही, 30% प्रतिशत प्राथमिकता महिलाओं को दी जाएगी। ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं फार्मिंग बेड योजना और गमले की योजना क्या है ? इस योजना का कैसे मिलेगा लाभ?

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फार्मिंग बेड योजना क्या है?

फार्मिंग बेड योजना के अंतर्गत छत पर खेती करने के लिए 300 वर्ग फीट जगह की जरूरत होती है। इस योजना की कुल लागत प्रति इकाई 48,574 रुपये है, जिसमें से सरकार 75% यानी 36,430.50 रुपये अनुदान के रूप में देती है। लाभार्थी को मात्र 12,143.50 रुपये का भुगतान करना होगा। 

फार्मिंग बेड योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को उन्नत खेती के लिए आवश्यक सामग्री जैसे पोर्टेबल फार्मिंग सिस्टम, ऑर्गेनिक गार्डनिंग किट, फलदार पौधे, स्प्रेयर, ड्रिप सिस्टम और ऑन-साइट सपोर्ट जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। 

अपने मकान के मालिक इस योजना के अंतर्गत अधिकांश दो इकाइयों का फायदा प्राप्त कर सकते हैं। अपार्टमेंट के निवासियों को यह योजना सोसाइटी की अनुमति के बाद ही उपलब्ध होगी। वहीं, शैक्षणिक और अन्य संस्थानों को अधिकतम पांच इकाइयों तक का फायदा दिया जाएगा। 

फार्मिंग बेड योजना के तहत मिलने वाली सामग्री

योजना के तहत लाभार्थियों को खेती से संबंधित सभी आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे, जिनमें शामिल हैं:

  • पोर्टेबल फार्मिंग सिस्टम (40 वर्ग फीट खेती क्षेत्र + 30 वर्ग फीट वॉक एरिया)
  • ऑर्गेनिक गार्डनिंग किट (9 महीने के लिए)
  • फलों के पौधों के बैग (6 यूनिट)
  • पालक उगाने के लिए राउंड बैग (5 यूनिट)
  • ड्रिप सिस्टम, मोटर और बाल्टी सहित
  • मासिक ऑन-साइट सपोर्ट (18 बार)

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गमले की योजना क्या है ?

अगर किसी के पास 300 वर्ग फीट की जगह नहीं है, तो वह गमले की योजना का लाभ उठा सकता है। गमले की योजना की कुल लागत प्रति इकाई 8,975 रुपये है, जिसमें 75% यानी 6,731.25 रुपये का अनुदान सरकार द्वारा दिया जाएगा। लाभार्थी को मात्र 2,243.75 रुपये का भुगतान करना पड़ेगा। 

इस योजना के तहत लोगों को फलों, औषधीय पौधों, सजावटी पौधों और स्थायी फूलों के पौधों को लगाने का अवसर मिलेगा। एक लाभार्थी अधिकतम पांच यूनिट तक इस योजना का लाभ उठा सकता है। संस्थानों को इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। 

गमले की योजना के अंतर्गत मिलने वाली सामग्री

गमले की योजना के तहत लाभार्थियों को विभिन्न प्रकार के पौधे उगाने का अवसर मिलेगा। इनमें निम्नलिखित पौधे शामिल हैं:

फलदार पौधे  

अमरूद, आम, नींबू, चीकू, केला, सेब बेर (अधिकतम 5 पौधे)

औषधीय/सुगंधित पौधे  

पुदीना, तुलसी, एलोवेरा, अश्वगंधा, स्टीविया, करी पत्ता, लेमन ग्रास, वसक (अधिकतम 5 पौधे)

स्थायी फूलों के पौधे  

गुलाब, टैगोर, चमेली, हिबिस्कस, आलमोंडा, बोगनवेलिया (अधिकतम 10 पौधे)

सजावटी पौधे  

अरेका पाम, मनी प्लांट, स्नेक प्लांट, क्रोटन, सिंगोनियम, क्रिसमस प्लांट (अधिकतम 10 पौधे)

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छत पर बागवानी योजना में आवेदन कैसे करें ?

छत पर बागवानी योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक व्यक्ति बिहार सरकार के उद्यान निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर लिंक पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन करने के बाद लाभार्थी को योजना के तहत अपनी अंश राशि यानी अपने भाग का पैसा जमा करना पड़ेगा। जैसे ही लाभार्थी की राशि संबंधित बैंक खाते में जमा होगी, आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 

निष्कर्ष -

बिहार सरकार की इस सराहनीय पहल के मद्देनजर जारी की गई शहरी क्षेत्रों में बागवानी की वजह से गर्मियों में पर्यावरण का अधिक तापमान होने से बचेगा।  

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