राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत कोई भी किसान नर्सरी लगा सकता है। नर्सरी लगाने के लिए किसानों को सरकार के द्वारा सब्सिड़ी की सुविधा प्रदान की जाएगी। अपने खेत में छोटी नर्सरी लगाकर भी किसान लाखों की आय बड़ी सहजता से कर सकते हैं।
किसानों की सक्षम और आर्थिक रूप से सुदृण बनाने के लिए सरकार की तरफ से बहुत सारी महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाई जा रही हैं।
इसके अलावा, बागवानी को प्रोत्साहन देने के लिए भी सरकारों की ओर से निरंतर कोशिश की जा रही हैं। विशेष रूप से लघु और सीमांत कृषकों के लिए जिनके पास जमीन तो है, परंतु आमदनी नहीं है।
अब इसके लिए सरकार के राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत कोई भी किसान नर्सरी लगा सकता है। नर्सरी लगाने के लिए किसानों को सरकार की ओर से अनुदान भी मुहैय्या कराया जाएगा।
अपने खेत में छोटी नर्सरी लगाकर भी किसान लाखों की आमदनी बड़ी सुगमता से कर सकते हैं। किसानों को छोटी नर्सरी लगाने के लिए राजस्थान सरकार 50% फीसद अनुदान उपलब्ध करा रही है।
राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत किसान पौधरोपण के लिए फलीय और बहुफलीय पौधे लगा सकता है। किसान को प्रस्ताव में फल और उनकी किस्मों के नाम साफ तौर पर अंकित करने होंगे।
किसान के लिए नर्सरी में उच्च गुणवत्ता युक्त पौधों का ‘मदर ब्लॉक’ बनाना अनिवार्य होगा। इसके लिए किसानों को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, कृषि विश्वविद्यालयों और राज्य अनुसंधान केन्द्रों से मातृ पौधे प्राप्त करने होंगे।
इसके अतिरिक्त किसान को नर्सरी पर राष्ट्रीय बागवानी मिशन से अनुदानित बोर्ड लगाना होगा, जिस पर स्थापना का वर्ष, कुल लागत और मातृ वृक्षों की किस्मों के बारे में जानकारी देनी होगी।
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उल्लेखित योजना के अंतर्गत किसानों को नर्सरी में उन्नत किस्म के मातृ वृक्ष ब्लॉक के लिए नेच्युरली वैटीलेटेड ग्रीन हाऊस की सुविधाओं को विकसित करना होगा।
इस ग्रीन हाऊस में किसान को फौगिंग और सिंचाई प्रणाली को कार्य में लेना होगा। किसान को नर्सरी में कीट रोगी 35% प्रतिशत लाइट स्क्रीनिंग, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली युक्त शेडनेट हाऊस, सिंचाई के लिए हाऊस और स्टारलाइजेशन प्रणाली को विकसित करना होगा।
किसान को नर्सरी लगाने से पहले बैंक ऋण की आवश्यकता होती है। इसके लिए विभाग की तरफ से किसान को नर्सरी विकसित करने के लिए 50% प्रतिशत का सब्सिड़ी दे रही है।
इस योजना के लिए किसानों को 7 लाख 50 हजार तक अनुदान देय होगा। किसान को इस परियोजना व्यय का 70 से 75% प्रतिशत बैंक लोन स्वीकृति पत्र आवेदन के साथ प्रस्तुत करना होगा।
आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि किसानों के लिए छोटी नर्सरी की लागत प्रति हेक्टेयर के मुताबिक 15 लाख रुपये तय की गई है। नर्सरी के 3 वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद अनुदान राशि समायोजित की जाएगी।
योजना के तहत निर्धारित परियोजना प्रस्ताव का क्रियांवयन नहीं करने पर और पौध उत्पादन रोकने की स्थिति में अनुदान की धनराशि वापस ली जाएगी।
खेत में छोटी नर्सरी लगाने के लिए किसान को भू-स्वामित्व दस्तावेज, वित्तीय विश्लेषण, सुविधाओं का विवरण और अन्य महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स को लेकर जिला उद्यानिकी विभाग में ऑनलाइन आवेदन करना पड़ेगा। यहां से अभिशंसा के बाद राज्य सोसाइटी उद्यान निदेशालय तक किसान के आवेदन को भेजा जाएगा।