किसान इस समय अपनी रबी फसलों की कटाई के कार्यों में जुटे हुए हैं। अब इसके बाद किसान जायद सीजन की फसलों की बुवाई करेंगे।
इसलिए आज हम ट्रैक्टरचॉइस के इस लेख में आज हम आपको जानकारी देंगे अप्रैल-मई में उगाई जाने वाली कुछ ऐसी सब्जियों की खेती के बारे में जो कम खर्च में आपको अच्छा-खासा मुनाफा प्रदान कर सकती हैं।
हालाँकि, अप्रैल-मई का महीना कृषि के लिए काफी अलग होता है। चलिए जानते हैं, कुछ ऐसी सब्जियों की खेती के बारे में जो कम समय और कम लागत में अधिक मुनाफा दिलाने वाली हैं।
ग्रीष्मकाल में भिंडी का काफी बड़े पैमाने पर सेवन किया जाता है। इसलिए यह गर्मियों की सबसे स्वादिष्ट और पसंदीदा सब्जी मानी जाती है। भिंड़ी की खेती उष्ण और शुष्क दोनों ही मौसम में बड़ी सहजता से की जा सकती है।
भिंडी की खेती के लिए अप्रैल-मई का महीना सबसे अच्छा होता है। भिंड़ी की खेती के लिए न्यूनतम तापमान 20 से 35 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए।
भिंडी की पैदावार सर्दी की तुलना में गर्मी में ज्यादा अच्छी होती है। किसान भिंड़ी के हाईब्रिड किस्मों की बुवाई कर अगेती खेती कर सकते हैं। भिंडी की बाजार में अच्छी खासी मांग और अच्छी कीमत मिलती है।
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रबी सीजन की फसलों की कटाई के बाद किसान बैंगन की खेती कर अच्छा लाभ अर्जित कर सकते हैं। भारत के अंदर बेंगन का उत्पादन और उपभोग सदियों से होता चला आ रहा है। बेंगन भारत भर में सिर्फ ऊँचाई वाले इलाकों को छोड़कर हर जगह आसानी से उगाया जा सकता है।
बेंगन की वर्षाकालीन फसल के लिए खेती का सबसे अच्छा समय अप्रैल का महीना है। बेंगन की बिजाई के समय सामान्य किस्म के बीज की मात्रा– 250-300 ग्राम और संकर किस्म की 200-250 ग्राम प्रति हेक्टेयर मात्रा है।
बेंगन की खेती के लिए गहरी, दोमट और समुचित जलनिकासी वाली जमीन सबसे उपयुक्त होती है। बेंगन की फसल की सिंचाई 3 से 4 दिन के समयांतराल पर करनी चाहिए।
लौकी एक कद्दूवर्गीय सब्जी है, जो गर्मियों के समय में शरीर को शीतलता प्रदान करने के लिए प्रमुख रूप से खाई जाती है।
लौकी की बुवाई के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल (गर्मी), जून-जुलाई (खरीफ), सितंबर-अक्टूबर (रबी) होता है। तोरई की सब्जी का उपयोग गर्मियों में लोग रायता, हलवा और सब्जी बनाने के लिए करते हैं।
यही वजह है कि लौकी की बाजार मांग और कीमत दोनों अच्छी हैं। इसलिए किसान कम लागत में अधिक उत्पादन और लाभ देने वाली लौकी की खेती से काफी मुनाफा कमा सकते हैं।
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ग्रीष्मकाल के दौरान तोरई का काफी बड़े पैमाने पर सेवन किया जाता है। तोरई काफी पौष्टिक और एक लोकप्रिय बागवानी फसल है। तोरई की बुवाई के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल माह है।
तोरई की खेती के लिए सामान्य से 40 डिग्री सेल्सियस तक तापमान अनुकूल रहता है। तोरई की खेती के लिए कार्बनिक पदार्थों से युक्त उपजाऊ मिट्टी सबसे अच्छी होती है। तोरई की गर्मियों में अधिक मांग होने की वजह से अच्छी कीमत भी मिल जाती है।
उपरोक्त बताई गई कुछ ग्रीष्मकालीन सब्जियों की खेती कर किसान कम समय और लागत में अच्छी आमदनी कर सकते हैं। आप अपने इलाके की मृदा-जलवायु के हिसाब से इन सब्जियों में से किसी एक का उत्पादन कर लाभ कमा सकते हैं।