महिंद्रा ट्रैक्टर कंपनी द्वारा साल की इस चौथी तिमाही में ट्रैक्टर की 10% बिक्री घटने की आशंका जताई जा रही है। अनीश शाह जो की एम एंड एस (M AND M) समूह के सीईओ के द्वारा बताया गया है। की महिंद्रा ट्रैक्टर कंपनी द्वारा पिछले 3 सालो से अच्छे माइलेज वाले ट्रैक्टर पेश किये जा रहें। यह ट्रैक्टर अच्छे माइलेज और वॉल्यूम के साथ महिंद्रा ट्रैक्टर कंपनी द्वारा मार्किट में पेश किये गए। जो की यह ट्रैक्टर ग्रामीण इलाकों में कृषि से जुड़े कार्यों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कृषि उपकरण क्षेत्र के अधिकारी निदेशक, राजेश जेजुरिकर ने मिंट को बताया की चालू तिमाही में महिंद्रा ट्रैक्टर कंपनी की बिक्री में 10% गिरावट होने की आशंका जताई गई है। महिंद्रा ट्रैक्टर कंपनी की इस गिरावट का सीधा असर 2024 के वित्त वर्ष में कुल 5% गिरावट होगी, जो की वर्तमान में 4% से अधिक है।
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अनीश शाह द्वारा बताया गया पिछले तीन सालों में महिंद्रा ट्रैक्टर का काफी अच्छा परफॉरमेंस रहा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही है, लेकिन कई सकारात्मक और नकारात्मक कारक किसानों की माँगो को प्रभावित कर रही है।
जेजुरिकर द्वारा यह भी बताया गया जितना हमने सोचा था उससे कही अधिक ट्रैक्टर उद्योग नकारात्मक होगा। जेजुरिकर द्वारा यह सब पिछले महीनों में महिंद्रा ट्रैक्टर की होने वाली बिक्री को देखते हुए कहा गया है। उन्होंने बताया पूरे वर्ष के लिए ट्रैक्टर की बिक्री की मात्रा - 5% या इससे भी अधिक नकारात्मक हो सकती है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा चौथी तिमाही में आप सभी को 10% नकारात्मक वृद्धि देखने को मिलेगी, जो की अभी -4 पर है।
महिंद्रा ट्रैक्टर कंपनी द्वारा दिसंबर में 101000 ट्रैक्टर की बिक्री गई, जो पिछले साल की तिमाही की तुलना में 4.1% कम है। साथ ही एस्कॉर्ट्स ट्रैक्टर की बिक्री 25999 रही, जो एक साल पहले की तुलना में 7.2 कम है। लेकिन इस साल उद्योग में इसकी मात्रा 4.9% से घटकर सिर्फ 2.35 लाख ट्रैक्टर रह गई।
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महिंद्रा ट्रैक्टर कंपनी ने घरेलू एसयूवी बाजार एक बड़ा हिस्सा प्राप्त कर लिया है। महिंद्रा ट्रैक्टर कंपनी ने Q3 में साल दर साल 61% वृद्धि और राजस्व में साल दर साल 16% प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
जेजुरिकर द्वारा बताया गया ग्रामीण मांग को आकर देना यह सकारात्म और नकारात्मक पहलु है। इस तथ्य से जितनी भी बाते सामने आयी है वो सभी नकारात्मक है। इस साल मानसून में रही है, साथ ही जल भण्डारण का स्तर भी नकारात्मक रहा है। इसीलिए हम दीर्घकालिक औसत से 5% नीचे है।