किसानों के लिए आज हम काले गेहूं की तीन किस्मों के बारे में जानकारी लेकर आए हैं। इन किस्मों की खेती करके किसान शानदार कमाई कर सकते हैं।
काले गेहूं की खेती आमतौर पर यूपी, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्यप्रदेश में की जाती है। इसके अतिरिक्त, कुछ अन्य क्षेत्रों में भी इस गेहूं की किस्म की खेती होती है।
ये प्रमुख किस्में हैं:- नाबी एमजी (NABI MG), HI 8759 (पूसा तेजस), और ST 3236। ये किस्में क्षेत्र के हिसाब से किसानों को अच्छी पैदावार दे सकती हैं। साथ ही, इन किस्मों में विभिन्न औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिसकी वजह से किसान इसकी बुवाई की तरफ अधिक बल दे रहे हैं।
गेहूं की इस किस्म को पंजाब के मोहाली में नेशनल एग्री फूड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (NABI) ने विकसित किया है। इस किस्म की बुवाई किसान अक्टूबर से दिसंबर के बीच कर सकते हैं।
इस किस्म में उच्च गुणवत्ता वाले पोषक तत्व जैसे एंथोसायनिन, प्रोटीन, आहार फाइबर, आयरन और जिंक की अधिक मात्रा होती है, जो कई रोगों जैसे मोटापा, कैंसर, मधुमेह और हृदय संबंधी बीमारियों से बचाव करती है।
काले गेहूं की यह किस्म 130 से 140 दिनों में 15 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक की बढ़िया पैदावार दे सकती है। काले गेंहू की नाबी एमजी किस्म मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में उगाई जाती है।
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काले गेहूं की यह किस्म किसानों के लिए एक बड़े मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है। इस किस्म को पकने में केवल 110 से 125 दिनों का समय लगता है और इसके लिए केवल 4 से 5 सिंचाई पर्याप्त होती हैं। इस किस्म का अधिक इस्तेमाल दलिया, सूजी, पास्ता, नूडल्स और मैकरोनी जैसे उत्पादों में किया जाता है।
अगर किसान इस किस्म की खेती करते हैं, तो प्रति हेक्टेयर लगभग 56.9 क्विंटल तक उपज प्राप्त कर सकते हैं। काले गेहूं की HI 8759 (पूसा तेजस) किस्म मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में उगाई जाती है। कर्नाटक के कुछ क्षेत्रों में भी इसका उत्पादन किया जाता है।
काले गेहूं की यह किस्म सामान्य गेहूं की तुलना में अधिक पौष्टिक है। इसे उच्च गुणवत्ता वाली किस्म माना जाता है। इस किस्म के सेवन से मधुमेह और हृदय संबंधी रोगों का खतरा कम हो जाता है क्योंकि इसमें आयरन, मैग्नीशियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं।
यदि इस किस्म की बुवाई की जाए, तो यह 57.5 से 79.60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज दे सकती है। यह किस्म करनाल बंट, पाउडरी मिल्ड्यू और लूज स्मट के लिए प्रतिरोधी है और 142 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
काले गेंहू की ST 3236 किस्म मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों में उगाई जाती है। इसके अलावा उत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों के लिए भी काले गेंहू की ST 3236 किस्म काफी उपयुक्त है।
अगर किसान काले गेहूं की इन किस्मों की रबी सीजन में बुवाई करते हैं, तो वे बंपर कमाई अर्जित कर सकते हैं। बाजार में इस गेहूं की कीमत सामान्य गेहूं की तुलना में अधिक है।
काले गेहूं की कीमत लगभग 4,000 रुपए से 6,000 रुपए प्रति क्विंटल है। यानि, सामान्य गेहूं की तुलना में दोगुना मुनाफा। यही वजह है, कि किसान काले गेहूं की इन किस्मों की ओर बढ़ रहे हैं और अधिक पैसा कमा रहे हैं।