नववर्ष के लिए केंद्र सरकार का किसानों के लिए बड़ा ऐलान

By: tractorchoice Published on: 03-Jan-2025
नववर्ष के लिए केंद्र सरकार का किसानों के लिए बड़ा ऐलान

भारत सरकार ने नववर्ष के उपलक्ष्य में कृषकों को बड़ी खुशखबरी दी है। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (आरडब्ल्यूबीसीआईएस) को वर्ष 2025-26 तक विस्तार देने का फैसला लिया है।

इसके साथ ही इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 824.77 करोड़ रुपये का एक अलग से कोष भी आवंटित किया गया है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। आइए आगे इस लेख में जानते हैं सरकार द्वारा उठाए गए अहम कदमों के बारे में। 

किसानों के लिए समर्पित महत्वपूर्ण कदम- पीएम मोदी 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसको किसानों के लिए समर्पित एक महत्वपूर्ण निर्णय बताया है। उन्होंने कहा, “नए वर्ष का पहला निर्णय हमारे देश के करोड़ों किसान भाई-बहनों को समर्पित है। 

हमने फसल बीमा के लिए आवंटन बढ़ाने को मंजूरी दी है। इससे अन्नदाताओं की फसलों को और अधिक सुरक्षा मिलेगी और उनकी चिंता भी कम होगी।”

फसल बीमा को लेकर केंद्र का अहम कदम 

भारत सरकार ने फसल बीमा योजना/Fasal Bima Yojana का दायरा बढ़ाकर 4 करोड़ और किसानों को इसमें शामिल करने का निर्णय लिया है। इससे अधिकांश कृषकों को फसल नुकसान के वक्त आर्थिक मदद मिल सकेगी। 

इन योजनाओं के लिए 69,515 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह 2020-21 से 2024-25 के लिए निर्धारित 66,550 करोड़ रुपये से ज्यादा है। 

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केंद्र का डीएपी उर्वरक पर अनुदान देने की घोषणा

डीएपी खाद की बढ़ती कीमतों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 3,850 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अनुदान देने का भी निर्णय किया है। इससे किसानों को 50 किलो का डीएपी बैग 1,350 रुपये में मिलता रहेगा। 

अगर यह अनुदान नहीं दिया जाता, तो बैग का मूल्य 1,525 रुपये तक पहुंच सकता था। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह फैसला किसानों को सहूलियत देने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों की बढ़ती कीमतों के भार को कम करने के लिए लिया गया है।

योजना के तहत तकनीकी नवाचार को प्रोत्साहन 

जानकारी के लिए बतादें, कि भारत सरकार ने फसल बीमा योजनाओं में तकनीकी नवाचार के लिए 824.77 करोड़ रुपये का कोष निर्धारित किया है। दरअसल, सरकार इसके अंतर्गत  "यस-टेक" और "विंड्स" जैसी तकनीकी पहल लागू करेगी।

  • यस-टेक: यह उपज अनुमान प्रणाली है, जो रिमोट सेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल करती है। 
  • विंड्स: यह स्वचालित मौसम स्टेशन और पंचायत स्तर पर स्वचालित वर्षा गेज स्थापित करने की योजना है। 

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देश के इन राज्यों को अधिक वरीयता देने की तैयारी

जानकारी के लिए बतादें कि पूर्वोत्तर राज्यों के कृषकों को विशेष प्राथमिकता दी गई है। यहां केंद्र सरकार प्रीमियम अनुदान का 90% फीसद साझा करती है। 2024-25 को विंड्स के कार्यान्वयन का पहला वर्ष माना गया है। 

भारत सरकार की इस कल्याणकारी योजना के लाभ क्या हैं ?

भारत की पीएमएफबीवाई देश की सर्वोच्च फसल बीमा योजना है। इसके अंतर्गत फसलीय नुकसान अथवा क्षति से प्रभावित कृषकों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। 

  • पीएमएफबीवाई: उपज जोखिम को कवर करता है।
  • आरडब्ल्यूबीसीआईएस: मौसम आधारित जोखिमों पर केंद्रित है। 

केंद्र सरकार का कहना है, कि योजनाओं को कृषकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। 23 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इन योजनाओं को जारी कर रहे हैं। 

इस फैसले से सरकार की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता और उनकी दिक्क़त परेशानियों के निराकरण की दिशा में की जा रही कोशिशें स्पष्ट होती हैं। यह कदम भारतीय कृषि और किसानों के लिए एक नवीन दिशा प्रदान करेगा। 

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