योगी सरकार गोवंश को बचाने और संरक्षित करने के लिए सेवाभाव से निरंतर काम करती है। गोवंश सहित सभी पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने कई योजनाओं को भी लागू किया है, जिससे योग्य लोगों को लाभ मिलता है। सरकार निराश्रित गोवंश की देखभाल करेगी। सरकार ने कहा है कि अब गोवंश को प्राथमिकता के आधार पर तीन श्रेणियों में रखा जाएगा। सड़कों, कान्हा उपवन-गोवंश आश्रय स्थलों और निजी पशुपालकों में कितने निराश्रित पशु हैं? इस पर भी विचार करें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि तीनों श्रेणियों में प्राथमिकता पर गणना की जाएगी। इसके बाद जियो टैगिंग करें। पहले इन गोवंशों की गणना की जाएगी। इसके बाद गोवंश को समुचित स्थान देने के लिए अगले कदम की योजना बनाई जाएगी। कान्हा उपवन के माध्यम से सरकार गोवंशों का संरक्षण कर रही है, लेकिन सड़कों पर घूमने वाले गोवंशों को भी विकसित करना चाहिए ताकि आम जनता को उनकी वजह से कोई परेशानी न हो। योगी सरकार भी इस पर पूरा ध्यान देती है।
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योगी सरकार के निरंतर प्रयासों से निराश्रित गोवंशों को बचाया जा रहा है। वर्तमान में 6889 निराश्रित गोवंश स्थलों में 11.89 लाख गोवंश सुरक्षित हैं। इसके अलावा, गोवंशों को बचाने के लिए मुख्यमंत्री सहभगिता योजना ने भी अच्छे परिणाम दिखाए हैं। इस योजना के तहत अब तक 1.85 लाख से अधिक गोवंश गो-सेवकों को दिए गए हैं। गोवंश की देखभाल कर रहे सभी परिवारों को गोवंश के भरण-पोषण के लिए 30 रुपये प्रति गोवंश की दर से अब 50 रुपये प्रति गोवंश दी जाती है।
योगी सरकार ने असहाय गोवंशों को बचाने के लिए 1 नवंबर से 31 दिसंबर तक एक विशेष अभियान चलाया है। योगी सरकार ने इसके बाद अभियान की समीक्षा बैठक में निराश्रित गोवंश के लिए पर्याप्त गोसंरक्षण केंद्रों की स्थापना करने और उनके पोषण के लिए पर्याप्त सुविधाओं की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, गो-संरक्षण केंद्रों पर नंदी के लिए अलग-अलग शेड बनाने के लिए भी कहा गया। मुख्यालय इसकी साप्ताहिक और पाक्षिक रिपोर्ट प्राप्त करेगा। साथ ही टीम-9 7 से 9 नवंबर तक प्रभारी मण्डलों के उन ब्लाकों पर विशेष ध्यान देगा, जहां अधिक संख्या में निराश्रित गोवंशों की सूचना मिलेगी।
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इससे पहले पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा था कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप गोआश्रय स्थलों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम को प्रोत्साहित करते हुए प्रभावी रूप से संचालित किया जाए, वर्तमान में 6943 गोआश्रय स्थल हैं, जिनमें 12,11,247 गोवंश संरक्षित किये गये हैं। इस दौरान पशुधन मंत्री ने लम्पी स्किन डिजीज पर प्रभावी नियंत्रण के लिए संतोष व्यक्त किया। अब तक लम्पी स्किन डिजीज से बचाव के लिए 1.59 करोड़ टीकाकरण किया गया है।