भारत में सदियों से फलों और सब्जियों की खेती की जाती रही है, लेकिन आज हमारे किसानों ने आधुनिक कृषि की ओर रुख किया है, जिससे पारम्परिक कृषि से कई गुना अधिक मुनाफा मिलता है।
आज हम सुपर फूड की खेती के बारे में बताने वाले हैं। इसके औषधीय गुणों के कारण भारत और विदेशों में इसकी प्रचुर मांग है।
अमेरिका या अन्य देशों से आयातित ब्लूबेरी एक विदेशी फल है। इसकी पहले भारत में खेती नहीं की जाती थी, लेकिन आज वैज्ञानिकों की कड़ी खोज और मेहनत से इसकी कई प्रजातियां बना दी गई हैं, जिससे भारत में खेती की जा सकती है। इस लेख में हम आपको ब्लूबेरी की खेती की सम्पूर्ण जानकारी देंगे।
ब्लूबेरी खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है, इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट कैंसर के खिलाफ प्रतिरक्षा बनाते हैं और कैंसर को बढ़ाने वाले फ्री रेडिकल्स के खिलाफ प्रतिरक्षा बनाते हैं.
ब्लूबेरी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट हृदय के रोगों को भी कम करते हैं। ब्लूबेरी में फाइबर की अच्छी मात्रा होने के कारण भूख कम करने और वजन कम करने में मदद कर सकता है। ब्लूबेरी भी मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है और स्ट्रेस और डिप्रेशन से लड़ने में मदद करता है।
लोगों ने सोचा था कि इस पौधे को सिर्फ ठन्डे क्षेत्रों में ही उगाया जा सकता है क्योंकि यह ज्यादातर ठन्डे क्षेत्रों में पाया जाता है। लेकिन हमारे वैज्ञानिकों ने भारत जैसे गर्म तापमान वाले देशों में भी आसानी से उगाया जा सकता है। 42 डिग्री सेल्सियस पर भी इसे उगाया जा सकता है।
ब्लूबेरी के पौधों को शुरुआती वसंत या देर से सर्दियों में रोपण करना सबसे अच्छा होता है। पौधों को 1.5 से 2 फीट की गहराई पर और पंक्तियों के बीच 4-5 फीट की दूरी पर रोपें।
ब्लूबेरी का पौधा एक ऐसा पौधा है जिसको लगाने पर यह है 10 साल तक फसल देता रहेगा इसकी फसल की मात्रा इसके पौधे के पुराने हो जाने पर बढ़ती रहती है जैसे कि पहले साल में इसमें सिर्फ 200 से 300 ग्राम प्रति पौधे के दर से फल मिलेगी परंतु वहीं 7 से 8 साल तक हो जाने पर इस पौधे में 4 से 5 किलो तक ब्लूबेरी का उत्पादन होने लगेगा।
इसके फल भी पौधे से टूट जाने के बाद 15 से 20 दिन तक ख़राब नहीं होते हैं जिससे इसको किसान भाई फल तोड़ने के बाद आराम से बेच सकते हैं।
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बारिश के सीजन में ब्लूबेरी के पौधे में कटाई छटाई करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है सितंबर से अक्टूबर तक उसमें नई शाखाएं आने लगते हैं और फूल भी लगने लगते हैं ब्लूबेरी के पौधों की कटाई छटाई हर साल करनी पड़ती है |
इससे पौधों में फूल की संख्या बढ़ती है तथा ब्लूबेरी के फलों का आकार भी बढ़ता है जिससे उपज अच्छी होती है जिससे मुनाफा भी अधिक होता है |
एक एकड़ में ब्लूबेरी के 3000 पौधे लगते है। अगर 4 साल की खेती की बात करें तो प्रति पौधा 2 किलो तक ब्लूबेरी का फल लिया जा सकता है। 6000 किलो ब्लूबेरी के लिए 1000 रुपए प्रति किलो का भाव मिल सकता है।
इस हिसाब से आप साल में 60 लाख की कमाई कर सकते हैं। ब्लूबेरी के एक पौधे से पांचवें साल से प्रति पौधे से पांच किलो फल लिए जा सकते हैं। बाहर से पौधा लाने पर यह 800 रुपए प्रति पौधे के हिसाब से खरीदा जा सकता है।