भारत के कृषक समाज को बढ़ती शर्दी के मौसम में अनेकों चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अत्यधिक ठंड के कारण फसल खराब हो सकती है। सर्दियों के मौसम में खेती करने के दौरान कृषक भाइयों को अत्यंत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी मध्य किसान भाइयों के लिए एक और आवश्यक खबर सुनने को मिली है। भारतीय मौसम विभाग का कहना है, कि कुछ इलाकों में तापमान 5 डिग्री से भी कम पहुंच सकता है, जिससे फसलों को क्षति होने का संकट भी काफी बढ़ सकता है।
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बतादें, कि सर्दियों के वक्त में किसान भाई फसलों को ठंड से संरक्षित करने के लिए खेतों में नमी बनाए रखें। किसान भाई फसलों को ढकने के लिए खेतों में नेट अथवा प्लास्टिक का उपयोग करें। ये फसलों को शर्दियों से संरक्षित करने में सहयोग करती है। इसके साथ ही, कृषक रात्रि के समय फसलों में पानी छिड़कें। इसके अतिरिक्त किसान फसलों में नाइट्रोजन की उर्वरक लगाएं। किसान भाई सर्दी के मौसम में फसलों को संरक्षित करने के लिए किसान भाई फसलों की कटाई शीघ्र से शीघ्र कर लें। फसलों की कटाई करने के उपरांत इन्हें शीघ्रता से सुखा लें।
मौसम विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में जैसे कानपुर, नजीबाबाद, सुल्तानपुर, लखनऊ, बरेली, मेरठ, गाजीपुर और अयोध्या आदि शहरों में पारा 5 डिग्री से कम जा सकता है। साथ ही, राजस्थान राज्य के जयपुर, बीकानेर, जैसलमेर, फतेहपुर और अलवर में भी तापमान में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है। इसके अतिरिक्त पंजाब तथा मध्यप्रदेश के भी बहुत सारे जनपदों में सर्दी का सितम काफी कहर बरपा सकता है।
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ठंड के मौसम में तापमान में गिरावट होने की वजह से फसलों की कोशिकाओं में मौजूद पानी जम जाता है, जिस वजह से फसलों की कोशिकाएं खराब हो जाती हैं। सर्दी की वजह से पत्तियां पीली पड़नी शुरू हो जाती हैं अथवा फिर झड़ती हैं। इसके अतिरिक्त फूल भी नीचे गिरने लगते हैं।