भारत के किसान भाइयों के लिए खुशखबरी है। CSIR के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर विकसित किया है, जो न सिर्फ पर्यावरण के अनुकूल है बल्कि खेती के खर्च को भी 64% प्रतिशत तक कम कर देगा। यह ट्रैक्टर आने वाले समय में छत्तीसगढ़ सहित देश के अन्य खेतों में दिखाई देगा और किसानों की परंपरागत खेती को नई दिशा देगा।
CSIR के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप राजन ने बताया कि यह इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर खेती के लिए बेहद उपयोगी है। इसे पुरुष और महिला दोनों आसानी से चला सकते हैं। डीजल ट्रैक्टर की तरह थकान नहीं होती और संचालन बहुत आसान है। एक बार इसे फुल चार्ज करने में केवल 4 घंटे लगते हैं, और इसके बाद यह लगातार 4–5 घंटे तक खेत में काम कर सकता है।
सामान्य डीजल ट्रैक्टर जहां एक घंटे में लगभग 1.5 लीटर डीजल खर्च करता है, वहीं ई-ट्रैक्टर 5 घंटे के काम के लिए केवल 18–20 यूनिट बिजली खर्च करता है। इससे किसानों को 64 प्रतिशत तक की सीधी बचत होती है, जो उनके लिए बेहद लाभकारी साबित होगी।
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डॉ. राजन ने बताया कि ई-ट्रैक्टर की ताकत 26 HP है। तुलना करें तो दो बैल मिलकर केवल 1 HP ताकत देते हैं, ऐसे में यह ट्रैक्टर छोटे और बड़े खेतों के लिए पर्याप्त शक्तिशाली है। हल, रोटावेटर, कल्टीवेटर जैसे लगभग सभी कृषि उपकरण आसानी से चलाए जा सकते हैं।
इसकी बैटरी की गारंटी 5 साल की है और इसे 10 हजार बार तक चार्ज-डिस्चार्ज किया जा सकता है। खेतों में काम करने के अलावा ट्रांसपोर्टेशन के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। यह लगातार 6 घंटे तक सामान ढोने का काम कर सकता है, जिससे छोटे और मध्यम किसानों के लिए आय के नए अवसर भी बनेंगे।
CSIR के प्रिंसिपल साइंटिस्ट अविनाश कुमार यादव ने बताया कि ई-ट्रैक्टर को बनाने की योजना साल 2020 में शुरू हुई थी और दिसंबर 2023 में यह मॉडल तैयार हुआ। इसे तैयार करने में लगभग तीन साल का समय लगा।
ट्रैक्टर की उत्पादन लागत 8.5 लाख रुपए है, लेकिन किसानों के लिए राहत की बात यह है कि सब्सिडी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। केंद्र सरकार से प्रस्ताव मंजूर होने के बाद, यह ट्रैक्टर किसानों को 4 से 4.5 लाख रुपये के बीच में मिल सकेगा।
विशेषज्ञ मानते हैं कि ई-ट्रैक्टर से खेती की लागत में भारी कमी आएगी और पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा। यह ट्रैक्टर न केवल बड़े किसानों के लिए बल्कि 2–3 एकड़ वाले छोटे किसानों के लिए भी गेम चेंजर साबित हो सकता है।
डॉ. राजन ने कहा कि ई-ट्रैक्टर से किसान अपने खेत का काम निपटाने के बाद दूसरों के खेतों में भी काम कर आय अर्जित कर सकते हैं। यह ट्रैक्टर पूरे साल भर उपयोग में लाया जा सकता है और किसानों की आय में सीधे बढ़ोतरी करेगा।
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ई-ट्रैक्टर की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह न केवल खेती के खर्च को कम करता है बल्कि डीजल पर निर्भरता घटाकर कार्बन उत्सर्जन को भी कम करता है। इससे किसानों के लिए लागत-कुशल और पर्यावरण-मित्र खेती संभव होगी।
छोटे और मध्यम किसान अब अपनी फसलों के लिए बिजली से चलने वाला ट्रैक्टर इस्तेमाल कर सकेंगे, जिससे उनके खेती के खर्च में भारी कटौती होगी और उन्हें ज्यादा समय और मेहनत बचाने का मौका मिलेगा।
CSIR का यह नया इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर किसानों के लिए एक सस्ती, टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल तकनीक है। यह खेती के तरीके को आधुनिक बनाने के साथ-साथ छोटे और बड़े किसानों की आय बढ़ाने में भी मदद करेगा। आने वाले वर्षों में इसका व्यापक उपयोग किसानों की जीवन शैली और ग्रामीण अर्थव्यवस्था दोनों में बड़ा बदलाव ला सकता है।
प्रश्न: CSIR द्वारा विकसित नया ट्रैक्टर किस प्रकार का है ?
उत्तर: इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर
प्रश्न: ई-ट्रैक्टर को एक बार फुल चार्ज होने में कितना समय लगता है ?
उत्तर: 4 घंटे
प्रश्न: फुल चार्ज के बाद ई-ट्रैक्टर खेत में कितने घंटे काम कर सकता है?
उत्तर: 4–5 घंटे
प्रश्न: 5 घंटे के काम में ई-ट्रैक्टर कितनी यूनिट बिजली खर्च करता है ?
उत्तर: 18–20 यूनिट
प्रश्न: डीजल ट्रैक्टर की तुलना में ई-ट्रैक्टर कितनी प्रतिशत लागत बचत करता है ?
उत्तर: 64 प्रतिशत
प्रश्न: ई-ट्रैक्टर की ताकत कितनी HP है ?
उत्तर: 26 HP
प्रश्न: दो बैलों की ताकत कुल मिलाकर कितनी HP होती है?
उत्तर: 1 HP
प्रश्न: ई-ट्रैक्टर कितने प्रकार के कृषि उपकरण चला सकता है?
उत्तर: हल, रोटावेटर, कल्टीवेटर आदि लगभग सभी
प्रश्न: इस ट्रैक्टर की बैटरी की गारंटी कितने साल की है?
उत्तर: 5 साल
प्रश्न: इस बैटरी को अधिकतम कितनी बार चार्ज-डिस्चार्ज किया जा सकता है ?
उत्तर: 10,000 बार