किसान साथियों, आज हम आपको अपने इस लेख में एक फल के बारे में जानकारी देंगे जो कि भारत के करीब हर व्यक्ति के भोजन की थाली में सलाद के रूप में परोसा जाता है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं भारत के अंदर बड़े पैमाने पर उगाए और उपभोग किए जाने वाले खीरा की।
अगर हम खीरा के वानस्पतिक नाम की बात करें तो इसका वानस्पतिक नाम कुकुमिस स्टीव्स है। एक तरह से खीरा हर भारतीय रसोई की शान है।
खीरा का सेवन करने से कई सारे स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। खीरे के अंदर 96% पानी की मात्रा पाई जाती है, जो गर्मी के मौसम में सेहत के लिए लाभकारी सिद्ध होता है।
खीरे की खेती कई तरह की मिट्टी में की जा सकती है।
- खीरे की फसल जैविक तत्वों से युक्त और समुचित जल निकास वाली दोमट मिट्टी में अच्छी उपज देती है। खीरे की खेती के लिए मिट्टी का pH 6-7 होना चाहिए।
-खीरे की खेती के लिए, अच्छी तरह से तैयार और खरपतवार रहित खेत की आवश्यकता होती है।
-बिजाई से पहले मिट्टी को अच्छी तरह से भुरभुरा बनाने के लिए 3-4 बार खेत की गहरी जोताई करें।
-गाय के गोबर को मिट्टी में मिलादें इससे खेत की उपजाऊ शक्ति में वृद्धि होगी।
-खीरे की खेती के लिए 2.5 मीटर चौड़े और 60 सैं.मी. की दूरी पर नर्सरी बैड तैयार करलें।
-यह किस्म केवल ग्रीनहाउस के लिए अनुकूल है।
-पंजाब खीरा किस्म का पौधा शीघ्रता से बढ़ने वाला होता है।
-यह प्रति नोड 1-2 फल पैदा करता है और फूल पार्थेनोकार्पिक होते हैं।
- खीरा के फल गहरे हरे, बीज रहित, स्वाद कम कड़वा, मध्यम आकार (125 ग्राम), 13-15 सेंटीमीटर लंबे होते हैं।
- इस किस्म के खीरा को छीलने की जरूरत ही नहीं पड़ती है।
- इस किस्म के फल की तुड़ाई सितंबर और जनवरी महीने में होती है।
- खीरा की इस किस्म को तुड़ाई के लिए तैयार होने में 45-60 दिनों का समय लग सकता है।
-सितंबर महीने में बोयी फसल की औसतन पैदावार 304 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
-जनवरी महीने में बोयी फसल की उपज 370 क्विंटल प्रति एकड़ तक होती है।
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-पंजाब नवीन किस्म की सतह खुरदरी और पत्तियां गहरे हरे रंग की होती हैं।
- पंजाब नवीन किस्म का खीरा पकने पर फल नर्म सतह के साथ बेलनाकार और फीके हरे रंग का हो जाता है।
-पंजाब नवीन किस्म का फल कुरकुरा, कड़वेपन रहित और बीज रहित होता है।
-पंजाब नवीन किस्म में विटामिन सी की उच्च मात्रा पायी जाती है और सूखे पदार्थ की मात्रा ज्यादा होती है।
-पंजाब नवीन किस्म 68 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
-पंजाब नवीन फल स्वादिष्ट, रंग और रूप आकर्षित, आकार और बनावट बढिया होती है।
-पंजाब नवीन किस्म से औसतन उपज 70 क्विंटल प्रति एकड़ तक मिल जाती है।
-खीरा की पूसा उदय किस्म भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आई.ऐ.आर.आई) के द्वारा विकसित की गई है।
-पूसा उदय किस्म के फलों की लंबाई 15 सैं.मी. और रंग फीका हरा होता है।
-एक एकड़ जमीन में 1.45 किलोग्राम बीजों का इस्तेमाल करें।
-पूसा उदय किस्म 50-55 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
-पूसा उदय किस्म की औसतन उपज 65 क्विंटल प्रति एकड़ तक होती है।
-पूसा बरखा किस्म खरीफ के मौसम के लिए तैयार की गई है।
-पूसा बरखा किस्म उच्च मात्रा वाली नमी, तापमान और पत्तों के धब्बे रोग के लिए प्रतिरोधी है।
-पूसा बरखा किस्म की औसतन उपज 78 क्विंटल प्रति एकड़ तक होती है।
-खीरा की बिजाई का सबसे सही समय फरवरी से मार्च का महीना होता है।
-खीरा की बिजाई के लिए 2.5 मीटर चौड़े बैड पर हर जगह दो बीज बोयें।