फरवरी में इन बागवानी फसलों की खेती से मिलेगा शानदार मुनाफा

By: tractorchoice
Published on: 29-Jan-2025
Grow spinach, peas, cabbage, radish, and capsicum in February for high profits in horticulture farming.

किसान साथियों, वर्तमान में रबी की फसलें खेतों में लहलहा रही हैं। कुछ ही दिनों के बाद रबी फसलें कटाई के लिए तैयार हो जाएंगी। 

ऐसे में किसान यदि जायद सीजन में लीक से हटकर कुछ नया खेत में उगाएंगे तो उनको अधिक लाभ जरूर होगा। 

अगर किसान फरवरी के महीने में बागवानी की इन फसलों की खेती करते हैं तो उनको निश्चित ही काफी मोटा मुनाफा मिलेगा।

ट्रैक्टरचॉइस किसानों को कृषि संबंधी लाभकारी जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। 

इसी कड़ी में आज हम खेती करने वाले किसानों को बागवानी की कुछ खास फसलों की जानकारी देंगे, जिनकी वे फरवरी में बिजाई कर अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं। 

इन कम समयांतराल में पकने वाली बागवानी फसलों में पालक, मटर, गोभी, मूली, शिमला मिर्च का नाम शामिल है।     

फरवरी में की जाने वाली बागवानी फसलों की खेती

1. मटर 

किसान फरवरी में मटर का उत्पादन करके भी काफी अच्छा लाभ हांसिल कर सकते हैं। चलिए जानते हैं मटर की खेती से संबंधित कुछ जरूरी बातें। 

  • फरवरी का महीना मटर की फसल के लिए सबसे अच्छा होता है। 
  • मटर के पौधे ठंडे मौसम में ज्यादा विकास करते हैं। 
  • मटर का उत्पादन हल्की बलुई मिट्टी में सबसे ज्यादा होता है। 
  • मटर की फसल को पककर तैयार होने में लगभग 60 से 90 दिनों का समय लगता है। 
  • बाजार में हमेशा मांग होने की वजह से मटर काफी अच्छी कीमतों पर बिकती है।

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2. गोभी

फरवरी के महीने में गोभी की खेती करना किसानों के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं होगा। 

क्योंकि, फरवरी में गोभी की बुवाई की वजह से सबसे ज्यादा पैदावार मिलती है। आइए जानते हैं, गोभी की फसल से जुडी कुछ खास बातों के बारे में। 

  • गोभी के पौधे ठंडी जलवायु में काफी ज्यादा विकास करते हैं। 
  • गोभी की खेती के लिए गहरी और बलुई मृदा सबसे अच्छी होती है। 
  • गोभी की खेती में उचित फासला होता है, जिससे कि फसल को फैलने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।  
  • गोभी की फसल 2 से 3 महीने के अंदर पककर तैयार हो जाती है। 
  • गोभी की पत्तियों में बहुत सारे पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं। 
  • गोभी की बाजार में हमेशा मांग और शानदार कीमत मिलती है।  
  • गोभी की खेती एक निवेश के रूप में काफी लाभकारी सिद्ध हो सकता है। 

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3. मूली 

मूली सर्दीयों के समय में उगाई जाने वाली फसल है। फरवरी माह में मूली की खेती करना लाभ का सौदा साबित होगा।

मूली की खेती में आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती और यह बहुत कम वक्त में पककर तैयार हो जाती है। आइए जानेंगे मूली की खेती से जुड़ी कुछ खास बातें। 

  • मूली उत्पादन के लिए ढ़ीली मृदा में सड़ी हुई गोबर की खाद डालनी चाहिए। 
  • यह स्वास्थ्यवर्धक मूली की सब्जी शीघ्रता से बढ़ती है और 30 से 40 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। 
  • मूली के अंदर फाइबर और विटामिन C जैसे बहुत सारे पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं।  
  • बाजार में मूली की काफी अच्छी मांग होती है, इस वजह से इसकी उपज कृषकों के लिए फायदेमंद है। 

4. शिमला मिर्च 

किसानों के लिए शिमला मिर्च की खेती भी सर्दियों में काफी लाभकारी सिद्ध हो सकती है। 

  • शिमला मिर्च का फरवरी में उत्पादन करने के लिए हल्की और बेहतरीन जल निकासी वाली मिट्टी उपयुक्त होती है। 
  • शिमला मिर्च के बेहतर विकास के लिए पौधों को पर्याप्त धूप और पानी की जरूरत होती है। 
  • शिमला मिर्च की फसल को कीटों और रोगों से बचाने के लिए सही वक्त पर उपचार करना आवश्यक है। 
  • शिमला मिर्च की 12 महीने मांग रहने की वजह से किसान इसकी खेती से अच्छी-खासी आमदनी कर सकते हैं।

5. पालक

पालक एक ऐसी सब्जी है, जिसको बड़ी ही सुगमता से उगाया जा सकता है। पालक की बाजार में हमेशा मांग बनी रहती है। आइए जानते हैं पालक की फरवरी में खेती करने से जुड़ी कुछ जरूरी बातें। 

  • पालक की फरवरी में बुवाई करने से पैदावार काफी शानदार होती है। 
  • पालक को कटाई के लिए तैयार होने में सिर्फ 30 से 40 दिन का समय लगता है। 
  • पालक को किसी भी पर्याप्त नमी वाली उपजाऊ मिट्टी में आसानी से उगा सकते हैं। 
  • पालक के अंदर बड़ी मात्रा में पोषक तत्व उपलब्ध हैं, जो कि स्वास्थ्य वर्धक होते हैं। 
  • पालक की बाजार में अच्छी मांग और कीमत होने की वजह से इसकी खेती लाभ का सौदा सिद्ध होती है। 

निष्कर्ष -

उपरोक्त में बताई गई फरवरी माह में उगाई जाने वाली बागवानी फसलों की खेती कर मोटा मुनाफा हांसिल किया जा सकता है। 

मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए गोबर की खाद डालें और समुचित जल निकासी वाली मिट्टी का इस्तेमाल करें। इन फसलों को ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ती है। 

इन सभी फसलों को कीटों और रोगों से बचाव हेतु जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे किसान को अच्छी उपज और बेहतरीन मुनाफा मिलता है। 

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