अधिक मुनाफा पाने के लिए वर्तमान में भारतीय किसान पारंपरिक खेती से हटकर आधुनिक खेती की तरफ रुझान कर रहे हैं।
ज्यादातार किसान सब्जियों की खेती करना पसंद कर रहे हैं। अब आजकल चुकंदर की खेती की तरफ किसानों का ध्यान बढ़ा है। क्योंकि, यह एक काफी लाभकारी खेती का विकल्प है।
अक्टूबर-नवंबर का महीना चुकंदर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। चुकंदर के अंदर विभिन्न गुण विघमान होते हैं, इसके सेवन से खून की कमी, एनीमिया, हृदय रोग, पित्ताशय विकारों, गुर्दे के विकार और बवासीर जैसी समस्या को दूर करने में सहायता मिलती है।
चुकंदर के अंदर औषधीय गुण विघमान होने की वजह से बाजार में इसकी काफी अच्छी मांग रहती है। ऐसे में किसान कुछ विशेष बातों का ख्याल रखकर चुकंदर की खेती करके अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकते हैं।
किसान सामान्य तौर पर चुकंदर की खेती किसी भी सीजन में कर सकते हैं। परंतु, इसकी बुवाई के लिए ठंडा मौसम सबसे अच्छा माना जाता है।
इसलिए अधिकतर किसान अक्टूबर-नवंबर में चुकंदर की खेती करते हैं। इसकी खेती के लिए दोमट व बलुई मिट्टी सबसे उत्तम मानी जाती है। चुकंदर की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना आवश्यक है।
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किसान चुकंदर की खेती से अच्छी गुणवत्ता और उपज लेने के लिए इसकी उन्नत किस्मों का चयन कर सकते हैं। अक्टूबर-नवंबर में चुकंदर की बुवाई करने के लिए किसान अर्ली वंडर, डेट्रॉइट डार्क रेड, मिस्त्र की क्रॉस्बी, रूबी रानी, रोमनस्काया, क्रिमसन ग्लोब और एमएसएच 102 चुकंदर किस्म लगा सकते हैं।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, चुकंदर की खेती करने के लिए कृषकों को सबसे पहले खेत की अच्छी तरह जुताई करनी चाहिए।
इसके बाद उपयुक्त ढ़ंग से खरपतवार नियंत्रण करके इसकी मृदा में गोबर की खाद डालकर खेत तैयार कर लेना चाहिए। अब खेत में क्यारी बनाकर मेड़ पर बुवाई करें, इससे फसल अच्छी होती है।
आपको चुकंदर के बीज 2 सेमी की गहराई और 10 सेमी की दूरी पर बोने चाहिए, इससे कंद काफी अच्छा और विकसित होता है।
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चुकंदर के खेत में हर समय नमी रहना जरूरी होता है, इससे अच्छी उपज प्राप्त होती है। इसकी फसल ठंडे या नमी वाले क्षेत्र में उगाने पर उपज में शक्कर की मात्रा अच्छी होती है।
इसके खेत को अधिक बारिश की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे बारिश से इसकी फसल प्रभावित नहीं होती है। इसकी खेती के लिए 20 डिग्री तापमान सबसे अच्छा माना जाता है।
अगर किसान एक हेक्टेयर में चुकंदर की बुवाई करते हैं, तो इसके लिए उन्हें 14 से 15 किलोग्राम बीजों की आवश्यकता होती है।
चुकंदर के खेत में जल भराव होने से बचाना चाहिए, ज्यादा पानी की वजह से कंद सड़ भी सकते हैं। चुकंदर की बुवाई के लगभग 60 दिनों के बाद इसकी फसल तैयार हो जाती है।