बिहार में सेब से लेकर ड्रैगन फ्रूट की सफल खेती करने वाला सफल किसान

By: tractorchoice
Published on: 05-Mar-2025
growing apples and dragon fruit

भारत में खेती बहुत बड़े पैमाने पर की जाती है। भारतीय किसान बेहद मेहनती और साहसी हैं। खेती-किसानी के क्षेत्र में भी बहुत सारे किसान अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। 

ट्रैक्टरचॉइस के इस लेख में हम ऐसे ही एक किसान अजीत कुमार मंडल के बारे में आपको बताएंगे जो कि कृषि के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान और नाम बना रहा है। 

दरअसल, किसान अजीत ने लीक से हटकर मिश्रित खेती में सेब, अंजीर, ड्रैगन फ्रूट, नाशपाती, बेर, परसीमन या जापानी फल, आंवला, टमाटर आदि। 

किसान कृषि क्षेत्र में नए-नए बीजों और तरीको का इस्तेमाल कर अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं। 

बिहार में सेब की खेती

अब कश्मीर व हिमाचल की तरह बिहार के कटिहार जिले के कोढ़ा में सेब की खेती होने लगी है। अजीत यहां के किसानों के लिए एक उदाहरण बने हुए हैं। 

उसने हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर से सेब के 230 पौधे लाकर एक एकड़ जमीन में लगाए हैं। पहले सेब के कुछ पौधों को लगाकर ट्रायल किया था। नालेज अच्छा मिलने पर साल 2021 में उसने इसकी खेती करने का निर्णय लिया। 

ये भी पढ़ें: सफल किसान प्रकाश बणकार ने ड्रैगन फ्रूट की खेती से की तगड़ी कमाई

किसान अजीत की वार्षिक आय कितनी है ?

किसान अजीत अपने सेब के बागान में ही मिश्रित खेती कर रहे हैं। इसमें टेलिस मीटर के माध्यम से एक एकड़ में ड्रैगन फ्रूट व सेब की खेती कर रहे हैं। 

खेत की मेड़ पर तरबूज के अलावा प्लांट इंटर क्रॉप के तहत स्ट्रॉबेरी, जापानी फल, अंजीर, नाशपाती, बेर, टमाटर की खेती भी कर रहे हैं। 

ड्रैगन फ्रूट 300 रुपये से लेकर 400 रुपये तक प्रति किलो बिक जाता है। मिश्रित खेती के जरिए ये लगभग 5 लाख रुपये वार्षिक तौर पर कमा रहे हैं। 

सेब और ड्रैगन फ्रूट से आय 

किसान साथियों,  पिछले चार सालों के अंदर सेब की खेती और ड्रैगन फ्रूट की खेती कर अजीत अब तक लाखों रुपये का मुनाफा कमा चुके हैं। 

अजीत करीब 25 एकड़ में मक्का, गेहूं, सरसों, दलहन व तिलहन, आलू की खेती भी किया करते हैं। इस प्रकार की खेती में मेहनत के मुकाबले मुनाफा काफी ज्यादा नहीं है। 

परंतु, सेब व ड्रैगन फ्रूट की खेती में कम परिश्रम और अधिक मुनाफा है। इसलिए और लोगों को भी परंपरागत खेती को छोड़कर सेब, ड्रैगन फ्रूट, स्ट्रॉबेरी, ओल, तरबूज, अंजीर, नाशपाती, बेर, आंवला, टमाटर व जापानी फल परसीमन की खेती करनी चाहिए। 

फलन की जानकारी 

किसान अजीत का कहना है, कि ड्रैगन फ्रूट के पौधे की कीमत 180 से 200 रुपये प्रति पौधा है। टेलिस मीटर के माध्यम से खेती की जाती है। 

हालांकि, इनमें सीमेंट के खंभे का भी इस्तेमाल किया जाता है। उनके प्लांट में 4 हजार पौधे ड्रैगन फ्रूट के रोपित किए गए हैं। 

150 से भी ज्यादा सेब के पौधे, मेड़ पर तरबूज व सेब व ड्रैगन फ्रूट के बीच जगह में अंजीर, बेर, स्ट्रॉबेरी, ओल, टमाटर, नाशपाती, आंवला और जापानी फल परसीमन की खेती कर रहे हैं। 

ड्रैगन फ्रूट के पौधे में फूल आने के बाद सवा से डेढ़ महीना में फल तैयार हो जाता है। एक फल का मिनिमम वजन 300 ग्राम से लेकर 500 ग्राम तक होता है। फल टूटने के बाद फिर फल आने शुरू हो जाते हैं। एक साल के अंदर तीन बार फलन होता है। 

ये भी पढ़ें: अखरोट की खेती

सोशल मीडिया से मिली सीख 

बिहार कृषि विभाग के मुताबिक, "अजीत ने यूट्यूब से वीडियो देखकर सेब की खेती करना प्रारंभ किया था। 

सेब की खेती में मुनाफा होने के पश्चात उसी खेत में अब वह मिश्रित खेती करने लगे हैं। वर्तमान में वह मिश्रित खेती के तौर पर ड्रैगन फ्रूट की खेती करने लग गए हैं। 

हालांकि, उन्होंने अभी एक एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती की शुरुआत की है। इससे उन्हें अंदाजा लगा कि ड्रैगन फ्रूट की खेती कर आर्थिक समृद्धि की ओर बढ़ा जा सकता है।" 

निष्कर्ष -

अगर किसान को अधिक मुनाफा कमाना है, तो उनको सफल किसान अजीत की तरह लीक से हटकर खेती करनी चाहिए। किसान इससे काफी अच्छी उपज और पारंपरिक फसलों की अपेक्षा बहुत शानदार मुनाफा कमा सकते हैं।   

Similar Posts