सितंबर माह में ना अधिक गर्मी होती है और ना ही ज्यादा ठंड है। इस मौसम को रबी फसलों के साथ-साथ ही सब्जियों की खेती के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है। इस समय सब्जियों की फसल से अच्छी गुणवक्ता और पैदावार प्राप्त की जा सकती है।
भारत के अधिकांश किसान कम वक्त में मोटी कमाई के लिए सब्जियों की खेती करना पंसद करते हैं। वहीं, कुछ सब्जियों के लिए मानसून के मौसम को काफी शानदार माना जाता है। क्योंकि इस मौसम में सब्जियों की फसल से अच्छी गुणवत्ता और पैदावार हांसिल होती है।
सितंबर के महीने में किसान टमाटर की खेती करके भी काफी अच्छा खासा मुनाफा अर्जित कर सकते हैं। बैंगन की बुवाई सितंबर से अक्टूबर तक होती है और इसकी फसल को तैयार होने में करीब 2 महीनों का समय लगता है।
अगर आप अभी टमाटर की फसल लगाते हैं, तो दिसंबर या जनवरी तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। टमाटर की मांग बाजार में वर्षभर रहती है, ऐसे में आप इसकी खेती करके लाखों की आमदनी कर सकते हैं।
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भारतीय बाजारों में अक्टूबर माह की शुरूआत होने के साथ-साथ गाजर की मांग भी शुरू हो जाती है। अगस्त से लेकर नवंबर के महीने तक किसान गाजर की बुवाई करते हैं।
गाजर की कुछ कम अवधि वाली किस्में भी है, जिनकी खेती करके 2 महीनों के अंदर ही अच्छी खासी पैदावार हांसिल कर सकते हैं। गाजर की खेती आप अन्य फसलों की मेड़ पर भी लगाकर अच्छी आय कर सकते हैं।
सितंबर महीने में अच्छी कमोटी आमदनी पाने के लिए आप ब्रोकली की खेती भी कर सकते हैं। ब्रोकली अत्यंत लाभकारी मानी जाती है और इसकी बाजारों में मांग धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है, जिससे इसकी कीमत में भी काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
बाजार के अंदर ब्रोकली की कीमत 50 से 100 रुपये प्रति किलो तक है। ब्रोकली की खेती के लिए सितंबर को उपयुक्त महीना माना जाता है।
सितंबर माह में मोटी कमाई करने के लिए आप मटर की खेती भी कर सकते हैं। मटर की फसल लगाने के लिए सर्वोत्तम समय बारिश के पश्चात और ठंड के शुरू होने से पहले की जाती है।
इस दौरान खेतों में नमी रहती है, जिससे इसका उत्पादन भी अच्छा मिलता है। सितंबर के महीने में आप अगेती मटर लगा सकते हैं। अगेती मटर की बुवाई 15 से 30 सितंबर तक की जा सकती है और इसकी फसल को तैयार होने में 60 से 90 दिनों का वक्त लगता है।
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आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि बैंगन की खेती कम लागत और कम समय में अच्छी कमाई देने वाली सितंबर माह में उगाई जाने वाली फसल है।
सर्दियों का प्रारंभ होते-होते बाजार में बैंगन की मांग में काफी बढ़ोतरी देखने को मिलती है। यह किसानों के लिए कम मेहनत और खर्च में मोटा मुनाफा देने वाली फसल है।
अगर आप जैविक विधि से बैंगन की खेती करते हैं, तो इससे लागत में काफी कमी आती है, जिसके चलते मुनाफा भी ज्यादा प्राप्त होता है।
बैंगन की फसल के लिए रेतीली दोमट मिट्टी और अच्छी जल निकास वाली मिट्टी को सबसे उपयुक्त माना जाता है। बुवाई के बाद से बैंगन की फसल को तैयार होने में तकरीबन 50 से 60 दिनों का वक्त लगता है।