गर्मियों की दस्तक के साथ ही बाजारों में फलों का राजा आम दिखाई देने लगता है। भारत में आम की सैकड़ों किस्में पाई जाती हैं, लेकिन कुछ प्रजातियां अपने खास स्वाद, खुशबू और रंग-रूप की वजह से लोगों के दिलों में अलग ही स्थान बना लेती हैं।
"गौरजीत आम",ऐसी ही एक अनमोल किस्म है जो पूर्वांचल के कुशीनगर के अलावा, शायद अन्य जिलों में भी पाया जाता है।
यह आम न केवल स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि पूरी तरह प्राकृतिक तरीके से पकने वाला फल है, जिसे खाने के बाद भी उसकी मिठास देर तक जबान और मन में बनी रहती है।
गौरजीत आम कुशीनगर की एक अनोखी और स्वादिष्ट किस्म है, जो प्राकृतिक रूप से पकती है और बाजार में जल्दी उपलब्ध होती है।
इसकी स्थानीय मांग बहुत अधिक है, परंतु पौधों की कमी, भ्रम और जागरूकता की कमी के कारण यह संकट में है। इसे बचाने के लिए वैज्ञानिक प्रयास जरूरी हैं।
गौरजीत आम की सबसे बड़ी खासियत यह है, कि यह पूरब का सबसे पहले तैयार होने वाला आम है, जो मई के अंतिम सप्ताह से लेकर जून के पहले सप्ताह तक पक कर तैयार हो जाता है। इसकी जबरदस्त डिमांड स्थानीय बाजार में होती है और इसकी बाग से ही बिक्री हो जाती है।
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गौरजीत आम कुशीनगर के अलावा भी यूपी के शायद कई अन्य जिलों में भी उगाया जाता है। हालांकि, अगर कुशीनगर की जलवायु और भौगोलिक स्थिति की बात करें, तो यहां गर्मियों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है और मौसम गर्म व आर्द्र रहता है।
वहीं, लगभग जून से सितंबर तक मानसून का प्रभाव रहता है, जिसमें अच्छी बारिश होती है। जबकि अक्टूबर से फरवरी तक सर्दियों का मौसम होता है, तब लगभग तापमान 10 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है।
गौरजीत आम का स्वाद जितना अनोखा है, उतनी ही इसकी विशेषताएं भी अद्वितीय हैं। यह आम हरे और हल्के लाल रंग का होता है और देखने में आकर्षक लगता है। इसका स्वाद मीठा और रसीला होता है।
इसके फल आंधी-तूफान की स्थिति में भी अन्य किस्मों की तुलना में टहनियों से बेहद कम टूटकर नीचे गिरते हैं। इस किस्म का फल जब कच्चा होता है तब भी अन्य किस्मों की तुलना बहुत कम खट्टा होता है।
गौरजीत आम को पकाने के लिए किसी रसायन की आवश्यकता नहीं होती, जो इसे पूरी तरह से प्राकृतिक और स्वास्थ्यवर्धक बनाता है। इसके अलावा इसकी स्टोरेज क्षमता भी शानदार है। यह आम पकने के बाद भी फ्रिज में 10 से 15 दिनों तक खराब नहीं होता है।
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गौरजीत आम की सबसे बड़ी खूबी यह है कि जब अन्य किस्मों के आम तैयार नहीं होते, तब गौरजीत बाजार में छा जाता है। यही वजह है कि इसकी कीमत भी बेहतर मिलती है।
एक किलो गौरजीत आम की कीमत 150 रुपये से लेकर 250 रुपये तक होती है, जो इसे किसानों के लिए भी फायदेमंद बनाता है। आमतौर पर इसकी बिक्री बाग से हो जाती है, जिससे बागवानों को बाजार तक जाने की जरूरत नहीं पड़ती है।
प्रश्न : गौरजीत आम की खेती के लिए कृषि विज्ञान केंद्र की क्या भूमिका होनी चाहिए ?
उत्तर : कृषि वैज्ञानिकों को चाहिए कि वे सीधे किसानों के बागों तक पहुंचकर उनको सही जानकारी दें और इस किस्म की कलमी पौधों की जिले में उपलब्धता सुनिश्चित करें।
प्रश्न : गौरजीत आम की खेती के लिए स्थानीय प्रशासन और मीडिया की क्या भूमिका होनी चाहिए ?
उत्तर : गौरजीत किस्म के प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय प्रशासन और मीडिया को भी जागरूकता अभियान चलाना चाहिए, ताकि लोग इसकी खासियत को जानें और इसकी खेती को बढ़ावा मिले।
प्रश्न : गौरजीत आम की खेती के लिए सबसे जरूरी चीज क्या है ?
उत्तर : गौरजीत आम की खेती के लिए सबसे जरूरी चीज़ों में से एक सही जलवायु और मृदा का चयन है। इसके अलावा, अच्छी गुणवत्ता वाले पौधे, उचित सिंचाई, खाद और उर्वरकों का प्रबंधन और रोगों और कीटों से बचाव भी आवश्यक है।