खेती-किसानी के बदलते दौर में अब किसान परंपरागत फसलों के साथ-साथ ऐसी खेती की ओर भी रुख कर रहे हैं, जिससे उन्हें न सिर्फ आर्थिक फायदा हो, बल्कि खेत और बगीचों की खूबसूरती भी बढ़े।
इसी कड़ी में सफेद गुड़हल की खेती किसानों के लिए नई उम्मीद बनकर सामने आ रही है। विंध्य क्षेत्र में यह पौधा बहुत कम देखने को मिलता है, लेकिन इसकी मांग लगातार बढ़ रही है।
इसकी खासियत यह है कि यह सुंदरता बढ़ाने के साथ-साथ औषधीय गुणों से भरपूर है और आयुर्वेदिक दवाओं से लेकर घरेलू नुस्खों तक में इसका इस्तेमाल होता है।
मीडिया से बातचीत में जैव विविधता विशेषज्ञ चंदन सिंह ने बताया कि उनके बगीचे में गुड़हल की करीब 25 प्रजातियां हैं, जिनमें सफेद, पीला, लाल और गुलाबी रंग आदि के गुड़हल शामिल हैं।
इनमें सफेद गुड़हल सबसे खास है, क्योंकि विंध्य क्षेत्र में इसकी उपलब्धता बेहद कम है। उन्होंने कहा की इसकी कलम उत्तराखंड से मंगाई थी और अब धीरे-धीरे कई किसान इसे अपनाने लगे हैं।
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पूजा-पाठ और औषधीय महत्व
भारतीय परंपरा में सफेद गुड़हल का धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। शिव पूजा और दुर्गा पूजा जैसे धार्मिक अनुष्ठानों में इसे शुभ माना जाता है। वहीं औषधीय गुणों की वजह से यह आयुर्वेद में भी खूब उपयोगी है।
पुराने समय में बघेलखंड के लोग बालों को काला और मजबूत करने, त्वचा संबंधी बीमारियों को दूर करने और घाव भरने के लिए सफेद गुड़हल का काढ़ा या पेस्ट बनाकर इस्तेमाल करते थे। वहीं आज भी कई ग्रामीण इलाकों में ये परंपरा देखने को मिल जाती है।
बरसात के मौसम में सफेद गुड़हल की कलम लगाई जाती है और महज 6 महीने में यह पौधा तैयार हो जाता है। आसान देखभाल और तेज़ी से बढ़ने की क्षमता के कारण यह किसानों के लिए कम समय में बेहतर आय का जरिया बन सकता है।
वहीं इसकी मांग दवा उद्योग, पूजा-पाठ और घरेलू उपयोग में बनी रहने से बाजार में इसका दाम स्थिर रहता है। सफेद गुड़हल खेती से किसानों को दोहरा फायदा मिलता है।
एक ओर खेत और बगीचों की खूबसूरती बढ़ती है तो दूसरी ओर आयुर्वेद और मार्केट डिमांड से अतिरिक्त कमाई भी सुनिश्चित होती है।
प्रश्न : सफेद गुड़हल की लोकप्रियता किस क्षेत्र में बढ़ रही है ?
उत्तर : विंध्य क्षेत्र में सफेद गुड़हल की खेती की लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ रही है।
प्रश्न : भारत में सफेद गुड़हल की मांग किन वजहों से बढ़ी है ?
उत्तर : भारत में सफेद गुड़हल को धार्मिक और औषधीय कारणों से जाना जाता है।
प्रश्न : सफेद गुड़हल का पौधा कितने दिनों में तैयार हो जाता है ?
उत्तर : सफेद गुड़हल का पौधा 6 महीने में पककर तैयार हो जाता है।