दिसंबर का महीना चल रहा है। धीरे-धीरे शर्दियाँ बढ़नी शुरू हो जाऐंगी। इस पर मौसम ने प्रभाव दिखाना प्रारंभ कर दिया है। आगामी समय में तापमान के अंदर निरंतर गिरावट देखने को मिलेगी।
कोहरा और शीतलहर भी प्रारंभ हो जाएगी। इसकी वजह से पशुओं का स्वास्थ भी बिगड़ सकता है। साथ ही, दूध उत्पादन के भी प्रभावित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
सर्दियां बढ़ रही हैं और जानवरों की देखभाल भी काफी जरूरी हो गई है। किसान अपनी खेती के साथ कुछ घरेलू मवेशी भी रखते हैं, जिससे अतिरिक्त व्यवसाय भी हो सके।
बैल, बैलगाड़ी या दूसरे घरेलू जानवर सर्दियों के दौरान अधिक बीमारियों का शिकार बन सकते हैं। इस वजह से उनका विशेष ख्याल रखना काफी ज्यादा आवश्यक है।
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कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, सर्दी के दौरान, खुली छत के आसपास की खिड़कियों को बंद करने के लिए बर्लैप स्क्रीन लगा देनी चाहिए।
ये कर्टन रात को या जब एक्सट्रीम ठंड हो, बंद रखनी चाहिए और सुबह 9 से शाम 5 तक खोली रखनी चाहिए। जानवरों को खुली छत में नहीं रखना चाहिए।
कोशिश करें कि जानवर (पशुशाला) में रहें, जहाँ उन्हें गर्मी मिल सके। हाई वोल्टेज हीटर पशुशाला में लगाऐं इससे पशुओं को गर्मी मिल सकेगी।
जानवरों के लिए धान या गेहूं के भूसे का गद्दा बनाना चाहिए, ताकि वो आसानी से बैठ सकें। सर्दियों में दोपहर के समय जब धूप हो, तब जानवरों को धोना चाहिए। बतादें, कि जानवरों को गर्म पानी से धोना सबसे अच्छा होता है।
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कृषि सलाहकारों के अनुसार, पशुओं को ठंड से बचाने के लिए पशुओं के लिए बने बाड़े को घासफूस से ढकना चाहिए, ताकि हवा का असर पशुओं पर न रहे।
इसके अलावा पशुओं का बाड़ा ऐसे स्थान पर बनाना चाहिए, जिससे कि धूप ज्यादा से ज्यादा रहे। मवेशी बाड़े में गोबर व मूत्र की समुचित निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ ही पशुओं को गुनगुना पानी भी पिलाना चाहिए।