किसान साथियों, जैसा कि हम सब जानते हैं, कि किसान रबी सीजन की ककड़ी की खेती नकदी फसल के रूप में करते हैं। ककड़ी एक कद्दूवर्गीय फसल है, जो खीरे के बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली फसल है।
यह भारतीय मूल की फसल है, जिसे जायद की फसल के साथ उगाया जाता है। ककड़ी के फल की एक फीट तक लंबाई होती है।
ककड़ी को प्रमुख रूप से सलाद और सब्जी के लिए समुचित मात्रा में उपयोग किया जाता है। अभी गर्मियों का मौसम शुरू होने में समय है और इसकी बुवाई का समय भी अभी अनुकूल है।
किसान साथियों आप ककड़ी की खेती कर काफी शानदार आय अर्जित कर सकते हैं। क्योंकि, जैसे ही गर्मियों का मौसम अपने चरम स्तर पर पहुंचेगा। वैसे-वैसे इसकी बाजारों में मांग बढ़ने लग जाएगी।
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ककड़ी में दो मुख्य प्रजातियां होती हैं- पहली हलके हरे रंग के फल वाली और दूसरी में गहरे हरे रंग के फल वाली। अधिकांश लोग इनमें पहली प्रजाति को ही ज्यादा पसंद करते हैं।
ककड़ी के फलों की तुड़ाई कच्ची अवस्था में ही की जाती है। ककड़ी की इन उन्नत किस्मों से करीब 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज मिलती है।
ककड़ी की यह लखनऊ अर्ली किस्म काफी स्वादिष्ट और मुलायम होती है। उत्तर भारत के राज्यों में काफी बड़े पैमाने पर ककड़ी की खेती की जाती है। आइए जानते हैं, लखनऊ अर्ली किस्म की ककड़ी के बारे में।
दुर्गापुरी ककड़ी किस्म के फल हल्के पीले रंग के होते हैं, जिन पर नालीनुमा धारियां बनी होती हैं। आइए जानते हैं, दुर्गापुरी ककड़ी किस्म से जुड़ी खास बातें।
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पंजाब स्पेशल किस्म ककड़ी संकर किस्मों में सबसे लोकप्रिय किस्म है। इस किस्म को उत्तरी भारत के राज्यों के लिए काफी अच्छा माना जाता है। ककड़ी की पंजाब स्पेशल किस्म से जुड़ी कुछ खास बातें।
ककड़ी की अन्य उन्नत किस्मों के अंतर्गत निम्नलिखित किस्में हैं -
इस जायद सीजन में किसान ककड़ी की खेती कर काफी शानदार मुनाफा कमा सकते हैं। ककड़ी की गर्मियों में मांग और दाम अच्छा होने की वजह से किसानों के लिए यह बड़े लाभ का सौदा साबित हो सकता है।