किसानों ने काफी बड़े पैमाने पर रबी सीजन की बहुत सारी अपने अपने राज्यों, मृदा और जलवायु के अनुरूप फसल उगाई हैं।
किसानों ने भूमि के बड़े हिस्से पर गेंहू, चना, मसूर, सरसों, जौ और सूरजमुखी की खेती शामिल है।
ट्रैक्टरचॉइस के इस लेख में आज हम आपको इन फसलों के एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) की जानकारी देने वाले हैं।
क्योंकि, बहुत सारे किसान अपने खेत में उगाई गई फसल के बाजार में मिलने वाले भाव की जानकारी पाने के लिए काफी उत्सुक रहते हैं।
सबसे पहले हम इन फसलों की कीमत को जानने से पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य क्या है इसके बारे में जानेंगे।
किसान साथियों, न्यूनतम समर्थन मूल्य भारत सरकार की तरफ से निर्धारित की गई वह धनराशि होती है, जिस पर फसलों की सरकारी खरीद होती है।
माँग और आपूर्ति के चलते बाजार में इन फसलों की कीमत कभी-कभी एमएसपी से भी ज्यादा या कम भी हो सकती है।
लेकिन, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) किसानों की आमदनी की सुरक्षा को सुनिश्चित करती है।
भारत सरकार खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कृषि उपजों की बड़ी मात्रा में एमएसपी पर खरीद करती है, जिससे फसल की बुवाई के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा सके।
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चना की फसल में पहले से 210 रुपए बढ़ोतरी हुई है। चना की कीमत पहले 5440 रुपये तो अब 5650 रुपए है।
मसूर की फसल में पहले की तुलना में 275 रूपये की बढ़ोतरी हुई है। पहले मसूर की फसल 6425 रुपये तो अब 6700 रुपये है।
जौ की फसल में पहले के मुकाबले 150 रुपए की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। जौ पहले 1850 रुपये तो अब 1980 रुपये है।
सरसों की फसल में पहले के मुकाबले 300 रुपए की वृद्धि हुई है। पहले सरसों की कीमत 5650 रुपये तो अब 5950 रुपये है।
सनफ्लॉवर सीड्स की कीमत में पहले की अपेक्षा 140 रुपए बढ़ी है। पहले सनफ्लॉवर सीड्स का भाव 5800 रुपये तो अब 5940 रुपये है।
एमएसपी फसलीय उत्पादन को बढ़ाने में काफी सहयोगी साबित होता है। किसानों को इस बार रबी सीजन में उगाई गई फसलों का अच्छा भाव मिलेगा।