श्री अन्न मतलब मिलेट्स को हमारे यहां वर्षों से भोजन में सम्मिलित किया जाता रहा है। वक्त के साथ लोगों ने गेहूं व चावल का उपभोग करना प्रारंभ किया।
बतादें, कि धीरे-धीरे श्री अन्न हमारी थाली से भी पूर्णतय विलुप्त हो गया है। यह कम पानी और कम उपजाऊ जमीन में भी बड़ी सहजता से उगता है। फिर भी लोग इसको कोई महत्व प्रदान नहीं करते हैं।
साल 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया गया है, जिससे इसमें होने वाले स्वास्थ्य से जुड़े लाभों को सभी तक पहुंचाया जा सके। साथ ही, लोगों को इसे अपनी भोजन प्रणाली में भी शामिल करने के लिए प्रेरित किया जा सके।
मोटे अनाज की फसलों में बाकी फसलों की अपेक्षाकृत इसमें कम रसायनिक उर्वरक एवं कम सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है।
जलवायु परिवर्तन की वजह से खाद्यान्न सुरक्षा के लिए बढ़ते हुए संकट में मिलेट्स की खेती एक शानदार विकल्प है।
धान और गेहूं के मुकाबले ज्वार, बाजरा, रागी, सावा, कोदो, कुटकी, रामदाना, चेना, काकुन एवं कुट्टू आदि फसलें जलवायु के प्रति बेहद कम संवेदनशील होती हैं।
मिलेट्स को सुपर फूड भी कहा जाता है। क्योंकि, इसमें पोषक तत्व ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं। यह अधिकतर ग्लूटेन फ्री होने के साथ-साथ विटामिन, एंजाइम और इनसोल्युबल फाइबर जैसे पोषक तत्व से भरपूर होते हैं।
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इसके साथ ही इनमें बीटा कैरोटीन, नियासिन, विटामिन बी6, फोलिक एसिड, पोटेशियम, मैग्निशियम, जस्ता जैसे खनिज लवण भी काफी प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं।
इनमें विटामिन बी3 होता है, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को संतुलन में रखता है। ये फसलें ज्यादातर उपजाऊ होती हैं और बहुत सारे क्षेत्रों में जल निर्देशित और जलवायु-स्थायी हैं।
मिलेट्स के बेहतरीन उपजाऊ प्रबंधन से उनमें पोषक तत्वों का स्तर काफी बढ़ सकता है। यह जल और खाद के इस्तेमाल पर निर्भर करता है, जो शानदार उपजाऊ प्रबंधन प्रक्रिया के लिए जरूरी हैं।
मिलेट्स ग्लूटेन फ्री होने के साथ-साथ सुपाच्य भी होते हैं। इनमें प्रोटीन, मिनरल्स, विटामिन, फाइबर, कैल्शियम एवं आयरन के साथ-साथ अन्य माइक्रोन्यूट्रिएंट भी प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं। मिलेट्स के सेवन से शुगर, एसिडिटी और पेट की बीमारियों में राहत मिलती है।
मिलेट्स शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालते हैं। इनके सेवन से ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है एवं हृदय रोग की समस्या से भी बचा जा सकता है। शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
मिलेट्स में नियासिन (विटामिन ठ3) पर्याप्त मात्रा में पाए जाने की वजह से शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायता करता है। मिलेट्स में रेशा ज्यादा पाया जाता है।
यह मधुमेह के रोगियों के लिए प्रचंड लाभकारी है। यह रक्त में शर्करा को धीरे-धीरे ट्रॉवित करता है तथा खून में ग्लूकोज को तीव्रता से बढ़ने से रोकता है।