धान की इन टॉप 5 किस्मों की खेती से होगा तगड़ा मुनाफा

By: tractorchoice
Published on: 27-Jun-2025
धान की इन टॉप 5 किस्मों की खेती से होगा तगड़ा मुनाफा

भारत धान उत्पादन में चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत में धान खरीफ सीजन की सबसे प्रमुख फसल है। धान की खेती मानसून के दौरान काफी बड़े पैमाने पर की जाती है। 

धान की फसल का उत्पादन सिंचित और अर्ध-सिंचित दोनों क्षेत्रों में किया जाता है। जहां एक तरफ किसान पारंपरिक किस्मों पर निर्भर रहते हैं, वहीं अब समय आ गया है कि वे उन्नत किस्मों की तरफ रुख करें। जो कम समय में ज्यादा उपज और शानदार लाभ देती हैं। 

भारत के अंदर बड़े पैमाने पर धान की खेती पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, बिहार, तमिलनाडु और झारखंड शामिल हैं। 

इन राज्यों में लाखों किसान हर वर्ष बारिश के मौसम में धान की बुवाई करते हैं और यह फसल उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत मानी जाती है। 

अगर किसान धान की खेती से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो उन्हें बेहतर क्वालिटी वाली उन्नत किस्मों को चुनना चाहिए। आइए जानते हैं धान की कुछ प्रमुख फसलों की खेती के बारे में। 

धान की टॉप 5 मुनाफेदार किस्में

धान की टॉप 5 मुनाफेदार किस्में निम्नलिखित हैं:-

सीएसआर-10 (CSR-10)

सीएसआर-10 (CSR-10) की निम्नलिखित विशेषताएं हैं :-

  • सीएसआर-10 (CSR-10) किस्म की उत्पादन क्षमता 50–55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। 
  • सीएसआर-10 (CSR-10) किस्म को पककर कटाई के लिए तैयार होने में लगभग 120–125 दिन लगते हैं। 
  • सीएसआर-10 (CSR-10) किस्म का उत्पादन पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गोवा, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे राज्यों में होता है। 
  • सीएसआर-10 (CSR-10) किस्म छोटे सफेद दाने, बोनी किस्म, खारे पानी वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त और जलभराव सहनशील है। 

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एनडीआर-359 (NDR-359)

एनडीआर-359 (NDR-359) किस्म की विशेषताएं निम्नलिखित हैं :-

  • एनडीआर-359 (NDR-359) किस्म की उत्पादन क्षमता 50–55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। 
  • एनडीआर-359 (NDR-359) किस्म को तैयार होने 115–120 दिन का समय लगता है। 
  • एनडीआर-359 (NDR-359) किस्म के पौधे की ऊंचाई लगभग 95 सेमी तक होती है। 
  • एनडीआर-359 (NDR-359) किस्म उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा जैसे राज्यों में ज्यादा उगाई जाती है। 
  • एनडीआर-359 (NDR-359) किस्म जल्दी पकने वाली किस्म, बीएलबी, बीएस और एलबी जैसे रोगों से सुरक्षित, कम समय में अच्छी उपज देती है। 

अनामिका (Anamika)

अनामिका (Anamika) किस्म की विशेषताएं निम्नलिखित हैं :- 

  • अनामिका (Anamika) किस्म की उत्पादन क्षमता 50–55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। 
  • अनामिका (Anamika) किस्म को तैयार होने में लगभग 130–135 दिन का समय लगता है। 
  • अनामिका (Anamika) किस्म की खेती बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम जैसे राज्यों में की जाती है। 
  • अनामिका (Anamika) किस्म लंबे और मोटे दाने, स्वादिष्ट चावल, पूर्वी भारत में सबसे अधिक पसंद की जाने वाली किस्म है। 

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डब्लू.जी.एल.-32100 (WGL-32100)

डब्लू.जी.एल.-32100 (WGL-32100) की निम्नलिखित विशेषताएं हैं :-

  • डब्लू.जी.एल.-32100 (WGL-32100) किस्म की उत्पादन क्षमता 55–60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है। 
  • डब्लू.जी.एल.-32100 (WGL-32100) किस्म की फसल की तैयार होने में लगभग 125–130 दिन का समय लगता है।  
  • डब्लू.जी.एल.-32100 (WGL-32100) किस्म की छोटे और पतले दाने, पौधों की लंबाई कम, मध्यम अवधि में पकने वाली और उच्च उत्पादक किस्म है। 

आईआर-36 (IR-36)

आईआर-36 (IR-36) किस्म की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:-

  • आईआर-36 (IR-36) किस्म की उत्पादन क्षमता 40–45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है। 
  • आईआर-36 (IR-36) किस्म को कटाई के लिए तैयार होने में लगभग 115–120 दिन का समय लगता है।  
  • आईआर-36 (IR-36) सूखा सहनशील, कम वर्षा वाले इलाकों में उपयुक्त, जल्दी पकने वाली और कीट-प्रतिरोधी किस्म है। 

 

प्रश्न : भारत के किस राज्य की सबसे ज्यादा भूमि पर धान की खेती होती है ?

उत्तर : भारत के झारखंड में लगभग 71% प्रतिशत भूमि पर धान की खेती की जाती है। 

प्रश्न : अनामिका किस्म का उत्पादन किन राज्यों में किया जाता है ?

उत्तर : अनामिका किस्म का उत्पादन बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर किया जाता है।

प्रश्न : सीएसआर-10 (CSR-10) किस्म से कितनी उपज हांसिल हो सकती है ?

उत्तर : सीएसआर-10 (CSR-10) किस्म की उत्पादन क्षमता 50–55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। 

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