वेचुर गाय: सबसे छोटी नस्ल की गाय के बारे में जानकारी

By: tractorchoice
Published on: 24-Jan-2025
Vechur cow, the smallest breed with unique features and medicinal milk benefits

किसान साथियों जैसा कि हम सब जानते हैं कि पशुपालन कृषि के साथ किए जाने वाला काफी पुराना काम है। 

क्योंकि, पशुपालन कृषि के अलावा किसान की आय का सबसे बड़ा स्त्रोत है। आज के समय में डेयरी उघोग बड़ी बुलंदियों को छू रहा है। 

लेकिन, भारत के अंदर बहुत सारे ऐसे लोग भी हैं जो केवल पशुपालन करते हैं। इनमें कुछ लोग व्यापारिक उद्देश्य से तो कुछ लोग अपने निजी उपभोग के लिए पशुपालन करते हैं।  

आज हम ट्रैक्टरचॉइस के इस लेख में देश की सबसे छोटी वेचुर गाय के बारे में जानेंगे। वेचुर गाय अन्य सभी गायों की नस्लों के मुकाबले सबसे छोटी गाय है। 

यही वजह है कि इस वेचुर नस्ल की सभी गायों से ज्यादा विचित्र और मनमोहक दिखाई पड़ती है। 

चलिए अब हम इसकी उन सब खूबियों के बारे में जानेंगे जिनकी वजह से वेचुर गाय गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्डस में सबसे छोटे कद की गाय के तौर पर दर्ज है।

वेचुर गाय की विशेषताएं क्या हैं ?

  • वेचुर नस्ल की गाय महज 124 से.मी लंबी और 85 से.मी. के करीब होती है।
  • अगर इसके वजन की बात करें तो यह करीब 130 किलो तक ही है।
  • वेचुर गाय हल्के लाल, काले और सफेद रंगों की मिलावट वाली होने की वजह से बेहद सुंदर लगती है। 
  • वेचुर नस्ल की गाय का सिर लंबा और संकरा होता है।  
  • वेचुर गाय की पूंछ लंबी होती है और कान बेहद खूबसूरत होते हैं। 
  • वेचुर गायों के सींग छोटे, पतले और नीचे की तरफ घुमावदार होते हैं।
  • वेचुर नस्ल की गाय में रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी ज्यादा होती है।  
  • वेचुर गाय के दूध में सबसे अधिक औषधीय गुण पाए जाते हैं। 
  • वेचुर गाय के दूध की उत्तम गुणवत्ता होने की वजह से इसका इस्तेमाल दवाईयां बनाने में भी होता है।

वेचुर गाय के दूध से जुड़ी जानकारी

  • वेचुर गाय की दूध देने की क्षमता की बात करें तो यह गाय अन्य गायों की तुलना में कम दूध देती है। 
  • वेचुर नस्ल की गाय सामान्यतः प्रतिदिन 2 से 3 लीटर के आसपास ही दूध देती है।
  • वेचुर गाय के पालन में अन्य नस्लों की गाय की तुलना में कम खर्च आता है, क्योंकि यह काफी कम चारा खाती है।
  • वेचुर नस्ल की गाय के दूध में 4.5 से 6% प्रतिशत तक ही फैट होता है। 
  • वेचुर नस्ल की गाय की पहले ब्यात के वक्त आयु तीन वर्ष ही होती है। 

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वेचुर गाय की देखरेख कैसे करें

वेचुर गाय की देखभाल करना बेहद जरूरी होता है। 

  • सबसे पहले इसके रहने रहने वाली जगह पर शेड का होना बेहद जरूरी है। 
  • शेड होने की वजह से पशु को गर्मी, ठंड, बारिश की वजह से किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। 
  • वेचुर गाय को स्वच्छ पानी, स्वस्छ पर्यावरण और स्वच्छ व संतुलित आहार की जरूरत होती है।
  • वेचुर गाय के जन्म के 6 महीनों के बाद ब्रुसेला टीका लगवाना बेहद जरूरी है। 
  • वेचुर गाय को मुंह खुर और अन्य टीका भी लगवाने बेहद जरूरी हैं।

वेचुर गाय को होने वाली बीमारियां और उनके रोकथाम

वेचुर गाय की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी अच्छी होती है। 

बहुत ज्यादा बीमारियां नहीं होती है, लेकिन फिर भी उसका सही तरीके से ध्यान रखना बेहद जरूरी है। 

ऐसे में वेचुर गाय को होने वाली कुछ आम बीमारियों के बारे में जानते हैं।

बदहजमी

  • वेचुर गाय को चारे के तौर पर अधिक समय में पचने वाले आहार को देने पर बदहजमी की समस्या होती है।

बचाव 

  • वेचुर गाय को खाने के लिए कम वक्त में पचने वाला चारा देना बदहजमी से बचने का एकमात्र समाधान है।

कब्ज

वेचुर गाय को कब्ज के कारण मल त्यागने में काफी मुश्किल होती है। 

बचाव 

वेचुर गाय को कब्ज की स्थिति में अलसी के 500 एमएल तेल को चारे में मिलाकर दें। साथ ही, गाय को भरपूर पानी पिलाएं।

थनैला  

  • थनैला मवेशियों के थन में होने वाली काफी गंभीर बीमारी है।  
  • थनैला की बीमारी किसी भी दुधारू पशु में हो सकती है। 
  • थनैला से बचने के लिए विशेष साफ-सफाई का ध्यान रखना होता है। 
  • पशुओं के थनों में किसी तरह का इंफैक्शन नहीं होना चाहिए। क्योंकि इससे पशुओं को काफी परेशानी होती है 

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चेतावनी 

थनैला का शुरुआती समय में तो इसका इलाज काफी मुमकिन है। 

अगर सही समय पर उपचार ना होने की स्थिति में थन बचाना बेहद कठिन हो जाता है।

निष्कर्ष 

वेचुर गाय का पालन लोग निजी दूध की आपूर्ति के लिए करते हैं। वेचुर नस्ल की गाय सबसे छोटी और सुंदर गाय है। वेचुर गाय का दूध काफी पौष्टिक होता है। इसलिए इसका पालन करना स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है।     

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