बिहार सरकार कृषकों को बागवानी विकास योजना के अंतर्गत संरक्षित खेती को बढ़ावा देने के लिए पॉलीहाउस और शेड नेट लगाने पर आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है।
राज्य सरकार किसान भाइयों को शेड नेट और पॉलीहाउस की स्थापना के लिए आने वाले खर्चा का आधा भाग अनुदान के तोर पर देगी।
किसानों को आधुनिक ढ़ंग से कृषि और कृषि में तकनीकों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चला रही हैं।
इसी कड़ी में बिहार सरकार कृषकों को बागवानी विकास योजना के अंतर्गत संरक्षित खेती को बढ़ावा देने के लिए पॉलीहाउस और शेड नेट लगाने पर आर्थिक मदद प्रदान कर रही है।
राज्य सरकार कृषकों को शेड नेट और पॉलीहाउस स्थापना पर आने वाली लागत का आधा भाग अनुदान के तोर पर देगी।
अगर आप भी इस योजना का फायदा प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए आप ऑनलाइन माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं।
किसान अपने खेतों में पॉलीहाउस और नेट हाउस लगाकर कम जगह होते हुए भी, कम खर्च और कम पानी से अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं।
सबसे खास बात यह है, कि इनमें उगाए जानें वाले फल और सब्जियों की गुणवत्ता काफी अच्छी होती है, जिससे किसान अपनी फसल को बाजार में काफी अच्छे भाव पर बेच सकते हैं।
किसान पॉलीहाउस में कभी भी सब्जी उगा सकते हैं। पॉलीहाउस के तापमान को फसल की जरूरत के मुताबिक काफी आसानी से काबू में किया जा सकता है।
भारत के किसान अपने खेतों में पॉलीहाउस और नेट हाउस लगाने को आगे आ रहे हैं, जिससे केंद्र और राज्यों की सरकारें भी इस आधुनिक तकनीक को अपनाने में कृषकों की सहायता कर रही हैं और इसको प्रोत्साहन देने में लगी हुई हैं।
बिहार कृषि विभाग के एक्स (पुराना नाम ट्विटर) पर किए गए एक पोस्ट के अनुसार, राज्य सरकार संरक्षित खेती के लिए कृषकों को बागवानी विकास योजना के अंतर्गत पॉलीहाउस और शेड नेट लगाकर खेती करने के लिए 50% प्रतिशत का अनुदान दे रही है।
इस योजना के अंतर्गत किसानों को पॉलीहाउस और शेड नेट लगाने के लिए प्रति वर्ग मीटर के अनुरूप आने वाली लागत पर 50% प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
पॉलीहाउस लगाने के लिए प्रति वर्ग मीटर की लागत 935 रुपये आती है और सरकार 467 रुपये की सब्सिड़ी प्रदान करती है।
वहीं, शेड नेट को खेत में लगाने के लिए प्रति वर्ग मीटर की लागत 710 रुपये आती है, इस पर आपको 355 रुपये प्रदान किए जाएंगे। अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो https://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
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अगर किसान पॉलीहाउस और शेड नेट की सहायता से खेती करते हैं, तो इससे लागत में काफी कमी आती है और मुनाफा भी काफी ज्यादा हो जाता है।
पॉलीहाउस में फसल लगाने के पश्चात कीटों का आक्रमण 90% प्रतिशत तक कम हो जाता है, जिससे कीटनाशकों का सीधा-सीधा खर्च किसानों का बच जाता है।
वहीं, पॉलीहाउस में सिंचाई के लिए ‘टपक विधि’ का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे फसल की सिंचाई करने पर तकरीबन 90% प्रतिशत तक पानी की बचत होती है।