भारतभर में इस वक्त मानसून सक्रिय है और बहुत सारी जगहों पर मूसलाधार वर्षा तबाही मचा रही है। इस कारण से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है।
इस बाढ़ से किसानों की फसलों को तो नुकसान पहुँच ही रहा है। साथ ही, पशुपालक कृषकों के पालतू पशु भी बाढ़ के चलते मृत्यु के शिकार हो रहे हैं।
अत्यधिक वर्षा की वजह से उत्पन्न बाढ़ या प्राकृतिक आपदा से पशु हानि को लेकर कोई निर्धारित योजना नहीं थी, जिसमें बाढ़ या प्राकृतिक आपदा से पशु हानि पर सरकार की तरफ से किसान को मुआवजा दिया जाए।
किसान की फसलों के लिए सरकार की तरफ से मुआवजे का ऐलान किया गया है। परंतु, पशु की मृत्यु पर किसान को मुआवजा काफी कम ही मिल पाता है।
हालांकि, सरकार की तरफ से पशु बीमा योजना अवश्य प्रारंभ की गई है, जिसका फायदा सीमित किसानों को मिल पा रहा है।
इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की तरफ से पशुपालक किसानों के लिए ऐसी नई योजना शुरू की जा रही है, जो बाढ़ व आपदा से पशु की मौत होने पर किसानों को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई करेगी।
पशु बीमा योजना के अंतर्गत ऊंट, याक, मिथुन (गयाल), गाय और भैंस आदि की बाढ़ अथवा आपदा में मौत होने पर किसान को प्रति पशु 37,500 रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। एक परिवार को अधिकतम तीन मवेशियों तक अनुदानित सहायता दी जाएगी।
वहीं, अगर हम बात करें योजना के अंतर्गत बाकी पशुओं की श्रेणी की तो इसमें बकरी, भेड़ और सुकर आदि को रखा गया है।
इन पशुओं की बाढ़ या आपदा में मौत होने पर 4,000 रुपए प्रति पशु के हिसाब से मुआवजा या अनुदान दिया जाएगा। एक पशुपालक किसान परिवार को अधिकतम 30 पशुओं तक यह अनुदान या मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
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अगर आपके पास बैल, ऊंट और घोड़ा जैसे भारी वजन ढोने वाले पशु हैं। अगर इनकी मृत्यु बाढ़ अथवा आपदा में हो जाती है, तो प्रति पशु 32,000 रुपए का मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
इसमें एक पशुपालक परिवार को अधिकतम 3 पशुओं तक का अनुदान अथवा मुआवजा दिया जाएगा। वहीं, बछ़ड़ा, खच्चर, गधा, टट्टू की बाढ़ या आपदा में मौत होने पर प्रति पशु के लिए 20,000 रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।
राज्य के जो भी किसान मुर्गीपालन अथवा पोल्ट्री कारोबार कर रहे हैं। अगर उन किसानों की मुर्गियां बाढ़ या आपदा में मर जाती हैं, तो उन्हें प्रति मुर्गी के लिए 100 रुपए मुआवजा दिया जाएगा। इसमें प्रति परिवार को अधिकतम 5,000 रुपए तक अनुदान अथवा मुआवजा उपलब्ध किया जाएगा।
बिहार राज्य में वर्षा से बाढ़ जैसी स्थिति हो गई हैं। इसमें किसानों को फसलों के अतिरिक्त पशुओं की हानि हुई है। बाढ़ से बहुत सारे पशुओं की मृत्यु हो चुकी है।
ऐसे में बिहार सरकार की तरफ से पशुपालक किसानों के लिए सहाय्य अनुदान योजना की शुरूआत की गई है। इसके अंतर्गत बाढ़ अथवा आपदा से पशु की मृत्यु होने पर अनुदान या मुआवजा दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
जानकारी के लिए बतादें, कि इस योजना का फायदा सिर्फ बिहार के पशुपालक किसानों को प्राप्त हो पाएगा। बाकी राज्यों के किसान इसके लिए पात्र नहीं होंगे।
यह योजना राज्य सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा चलाई जा रही है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य किसानों को पशु की मौत से हुई आर्थिक हानि से राहत पहुँचाना है।
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बाढ़ अथवा आपदा से पशु की मृत्यु होने पर पशुपालक किसान को संबंधित अधिकारी को पशु हानि की सूचना देनी पड़ेगी। सूचना के पश्चात संबंधित अधिकारी पशु के मरने की पुष्टि करेंगे। इसके बाद ही किसान के बैंक खाते में मुआवजे की धनराशि हस्तांतरित की जाएगी।
इस योजना के संबंध में ज्यादा जानकारी के लिए आप 0612-2230942 नंबर पर संपर्क साध सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, बिहार के संपर्क सूत्र 0612- 2226049 पर फोन करके इसकी जानकारी हांसिल कर सकते हैं।