बबूल: औषधीय गुण, फायदे और खेती की जानकारी

By: tractorchoice
Published on: 17-Mar-2025
Babool Tree: Medicinal Benefits, Cultivation, and Uses.

भारत एक कृषि समृद्ध देश होने की वजह से यहां कई तरह की फसलें और पेड़ उगाए जाते हैं और प्राकृतिक रूप से पाए भी जाते हैं। 

देश के अंदर विभिन्न इलाकों में औषधीय पेड़ पौधों की भी बड़े पैमाने पर खेती की जाती है। इन्हीं में से एक बबूल एक बेहद उपयोगी पेड़ है। बबूल को साधारण भाषा में लोग कीकर, बबूर, कारूबेल आदि नामों से पुकारते हैं। 

बबूल के कई सारे औषधीय लाभ दस्त का इलाज, घावों को ठीक करना, बाल गिरना, दांत विकार और एक्जिमा जैसे रोगों को दूर करते हैं। 

बबूल का व्यावसायिक रूप से भी काफी इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि फर्नीचर, सौंदर्य उत्पादों और ईंधन के लिए भी यह पेड़ अत्यंत उपयोगी है। साथ ही, किसान इसकी खेती करके काफी अच्छा खासा मुनाफा अर्जित कर सकते हैं।

बबूल की खेती के अनुकूल मिट्टी

बबूल के पेड़ों का बेहतरीन विकास करने के लिए जलोढ़ दोमट और काली कपास मिट्टी सबसे ज्यादा उपयुक्त होती है। इसके साथ ही भूमि का पीएच मान 7.9 से कम होना चाहिए।

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बबूल की खेती के लिए अनुकूल जलवायु

  1. बबूल की खेती के लिए अर्ध शुष्क, गर्म शीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय जलवायु सबसे अनुकूल होती है।
  2. बबूल के पेड़ों की अच्छी बढ़वार के लिए सामान्य तापमान 4 डिग्री सेंटीग्रेड से 45 डिग्री सेंटीग्रेड होना चाहिए।
  3. बबूल की खेती के लिए ज्यादा बारिश और ज्यादा ठंड वाले इलाके भी अच्छे नहीं होते।

बबूल की बिजाई 

  1. बबूल की बिजाई के लिए फरवरी से मार्च का महीना सबसे अच्छा होता है।
  2. बबूल की बिजाई के लिए बीजों को प्रसारण या डिबलिंग विधि से बोना चाहिए।
  3. बबूल की बिजाई के 5 महीने बाद पौधे रोपाई करने योग्य हो जाते हैं।
  4. बबूल का पौधरोपण जुलाई से सितंबर महीने के बीच में करीब पूरा हो जाता है।

बबूल की रोपाई

बबूल के पौधरोपण के लिए 30 सेंटीमीटर ऊँचे, लम्बे और गहरे गड्ढे तैयार किए जाते हैं। 

इस दौरान पंक्ति से पंक्ति की दूरी 4 मीटर और पौधे से पौधे की दूरी 4 मीटर होनी चाहिए। बबूल की खेती के लिए प्रति एकड़ में पौधों की रोपाई के लिए 240 से 250 पौधे पर्याप्त होते हैं।

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बबूल गोंद में मौजूद पोषक तत्त्व

बबूल की गोंद में कई सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, इनमें एंटीबैक्टीरियल, मैग्‍नीशियम, कैल्शियम, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर और एंटीकार्सिनोजेनिक शामिल हैं। 

बबूल गोंद के क्या-क्या फायदे हैं ?

जोड़ों के दर्द को दूर करे 

आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है, कि बबूल गोंद एसिडिक फ्री होता है। यह दर्द को समाप्त कर हड्डियों को मजबूत बनाता है। 

हड्डियों में काफी दर्द रहता है और जोड़ों के दर्द की समस्या रहती है, उनको बबूल गोंद और अखरोट एक साथ लेना चाहिए। 

इसके लिए अखरोट को रात में भिगो कर रख दें। सुबह छिलका उतार दें। अखरोट का एक दाना, दो ग्राम गोंद और दो ग्राम मिश्री खाली पेट दूध के साथ लेने से जोड़ों के दर्द से निजात मिलती है। 

गर्मियों में शरीर को ठंडा और शांत रखे 

गोंद का उपयोग करने से गर्मी के समय में शीतलता मिलती है। गर्मी से लोगों की डिहाइड्रेशन जैसी बुरी स्थिति हो जाती है। 

ऐसे में गर्मी को शांत करने और शरीर को ठंडा रखने के लिए 2 ग्राम गोंद और मिश्री साथ में सुबह-शाम खाना लाभदायक होता है। 

पुरुषों में धातु रोग से निजात दिलाए 

पुरुषों को दो ग्राम मिश्री और दो ग्राम बबूल गोंद को साथ में लेने से धातु रोगों से बचने की शक्ति मिलती है।

बालों से जुड़ी समस्या को दूर करे 

बबूल गोंद का सेवन करने से बालों के झड़ने, बालों के पतले होने और सिर में डैड्रफ होने जैसी परेशानियों से निजात मिलती है। 

सिर्फ यही नहीं बबूल की पत्तियां और रीठा कंसंट्रेट को एक साथ लगाने से भी बालों की दिक्कत दूर और बढ़वार ज्यादा हो जाती है। 

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इम्यून सिस्टम को मजबूत करे

बबूल गोंद का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी बढ़ जाती है। बबूल गोंद के लड्डू दूध के साथ खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। शारीरिक इम्यून सिस्टम को बढ़ाने के लिए बबूल काफी लाभदायक है। 

पेट संबंधी रोगों से निजात 

बबूल गोंद के अंदर भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो कि कब्ज को दूर करने का कार्य करता है। 

यदि आप गोंद और दही का सेवन एक साथ करते हैं, तो आपको इससे गर्मी के मौसम में पेट में दर्द, जलन, अफरा, कब्ज जैसी दिक्कतों से काफी लाभ मिलता है।  

बबूल गोंद से क्या हानि होती है ?

  1. बबूल के गोंद का अधिक सेवन करने से जी मिचलाने की समस्या उत्पन्न हो सकती है। 
  2. बबूल के गोंद का अधिक मात्रा में सेवन करने से गैस और दस्त की समस्या हो सकती है। 
  3. गोंद का अधिक मात्रा में सेवन करने से अपच और अफरा भी लग सकता है। 
  4. गर्भवती महिलाएं इसका सेवन करने से बचें या सावधानी से करें। 

निष्कर्ष -

बबूल के गोंद का सेवन करने से कई सारे स्वास्थ्य लाभ होते हैं। बबूल के बहुत ही कम साइड इफैक्ट देखने को मिलते हैं। बबूल एक औषधीय गुणों से युक्त पेड़ है। इसके फल से लेकर छाल में कई लाभकारी गुण पाए जाते हैं।

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