आलू भारत की प्रमुख नकदी फसल है। हर सीजन में आलू के उपयोग के चलते इसको सब्जी का राजा माना जाता है। भारत के लगभग हर घर में प्रतिदिन सब्जियों में अलग-अलग प्रकार से आलू का इस्तेमाल होता है।
बिहार सरकार ने राज्य में आलू के वाणिज्यिक किस्म को प्रोत्साहन देने की पहल की है। इसके अंतर्गत किसानों को आलू चिप्स बनाने वाली वेरायटी के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
किसान भाई इस योजना में 75 फीसदी अनुदान वाली बीज लेकर बंपर पैदावार कर लाखों कमा सकतें हैं।
बिहार सरकार उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग ने आलू के प्रोसेसिंग के लिए उपयुक्त कुफरी चिप्सोना-1 किस्म के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य के 7 जिलों का चयन किया है।
पटना, नालंदा, गया, सारण, समस्तीपुर, वैशाली और औरंगाबाद जिलों के 150 हेक्टेयर में कुफरी चिप्सोना-1 के उत्पादन का लक्ष्य है।
बिहार राज्य बीज निगम किसानों को बीज की आपूर्ति करेगा। किसानों को ये बीज 75% फीसदी अनुदान पर प्रदान किए जाएंगे।
बिहार में प्रोसेसिंग यूनिट लगाने से आलू की कुफरी चिप्सोना-1 किस्म की मांग काफी बढ़ गई है। किसानों को समय पर बीज उपलब्ध कराने के साथ प्रशिक्षण भी मिल रहा है।
गया और नालंदा जनपदों में कुफरी चिप्सोना की बुवाई शुरू हो गई है। गया जिला में 30 हेक्टेयर में कुफरी चिप्सोना किस्म के आलू उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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कुफरी चिप्सोना-1 आलू की खेती से पैदावार ज्यादा मिलती है। यह फसल 110-120 दिनों में तैयार हो जाती है. पैदावार करीब 300 से 350 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक मिलती है।
यह किस्म पिछेता झुलसा रोग प्रतिरोधी है. पौधों में रोग लगने की संभावना कम रहती है. इतना ही नहीं, इसकी भंडारण क्षमता भी अधिक होती है।
बाजार में इसकी कीमत अन्य आलू के मुकाबले अधिक होती है। यह आलू चिप्स बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।
कुफरी चिप्सोना-1 आलू की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 1,25,150 रुपये बीज की लागत निर्धारित की गई है।
बतादें, कि इस पर 93,863 रुपये अनुदान मिलेगा, अन्य शेष धनराशि किसानों को लगानी होगी। किसानों को प्रति हेक्टेयर 30 क्विंटल बीज मिलेगा।