सोनालीका ने अपना नाम फॉर्चून 500 की सूची में शामिल कर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है।
कई सारी सफलताओं के शिखर पर पहुँचकर भारत के नंबर 1 ट्रैक्टर निर्यात ब्रांड सोनालीका ने अपनी उपलब्धियों में एक और उपलब्धि को हांसिल कर लिया है।
देश की सबसे बड़ी कंपनियों में प्रतिष्ठित फॉर्च्यून 500 इंडिया सूची में एक शानदार शुरुआत कर डाली है।
बातादें, कि भारत में तीसरे सबसे बड़े ट्रैक्टर निर्माता को फॉर्च्यून की लिस्ट में टॉप 10 ऑटो ब्रांडों में शामिल कर लिया गया है।
सोनालीका की इस अपार सफलता के पीछे इसका कृषकों के मन में विश्वास, आपसी सम्मान और किसानों के साथ प्रगाढ़ रिश्ते की भूमिका रही है।
सोनालीका के चेयरमैन श्री एलडी मित्तल ने जोर देकर कहा, "अगर हम बेहतरीन गुणवत्ता वाले ट्रैक्टर बनाते हैं, किसानों की जरूरतों को समझते हैं और नैतिक व्यवसाय करते हैं, तो हमारी प्रगति किसानों के उत्थान से धन्य होगी"
फॉर्च्यून 500 इंडिया सूची में सोनालीका को मिली शानदार सफलता और कीर्ति के पीछे उत्कृष्टता की निरंतर खोज और भारत भर में कृषकों को मजबूत बनाने के लिए अटूट प्रतिबद्धता का जज्बा है।
सोनालीका कंपनी ने ट्रैक्टर उद्योग में अपना दबदबा बनाने के लिए सदैव से अपने 3 मुख्य सिद्धांतों पर कार्य किया है। सोनालीका के तीन मुख्य सिद्धांत निम्नलिखित हैं।
ये भी पढ़ें: जानिए दमदार प्रदर्शन और अद्भुत खूबियों वाले ट्रैक्टर सोनालिका एमएम 18 के बारे में
सोनालीका ने हमेशा अपने ग्राहकों को सर्वश्रेष्ठ देने में विश्वास किया है और अपने हेवी ड्यूटी ट्रैक्टरों में गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं किया है।
कंपनी ने अपने ट्रैक्टरों को उनकी फसल और क्षेत्र केंद्रित आवश्यकताओं के अनुसार लगातार अनुकूलित किया है, जिसने इसके हेवी ड्यूटी ट्रैक्टरों के लिए किसानों का अपार प्यार अर्जित किया है।
हर किसान की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए, सोनालीका ने दुनिया का सबसे बड़ा एकीकृत ट्रैक्टर निर्माण संयंत्र भी स्थापित किया है जो सिर्फ़ 2 मिनट में एक नया ट्रैक्टर बना सकता है।
यह प्लांट रोबोट और ऑटोमेशन तकनीक से लैस है और कंपनी को अपने इंजन, ट्रांसमिशन, प्लास्टिक और शीट मेटल पार्ट्स बनाने में सक्षम बनाता है।
आज यह प्लांट 2000 ट्रैक्टर वैरिएंट बना सकता है जिन्हें दुनिया भर के 150 से ज़्यादा देशों में निर्यात किया जाता है।
सोनालीका एक विश्वसनीय ट्रैक्टर ब्रांड है जिसने हमेशा अपने लोगों को प्राथमिकता दी है - चाहे वह उसके किसान हों, साझेदार हों या कर्मचारी।
इस दृष्टिकोण ने सोनालीका को विश्वास और वफादारी का बंधन बनाने में मदद की है जिसने अंततः फॉर्च्यून 500 इंडिया ब्रांड्स में शामिल होने में इसकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कोविड 19 के कठिन समय के दौरान भी, सोनालीका अपने लोगों तक पहुँचने में सबसे आगे रहा और समय पर वेतन का भुगतान किया, अपने विक्रेताओं को अग्रिम भुगतान किया और अपने सभी कर्मचारियों को बनाए रखा।
ये भी पढ़ें: सोनालीका डीआई 745 III RX ट्रैक्टर की आकर्षक विशेषताओं की जानकारी
सोनालीका की सफलता का सबसे महत्वपूर्ण तत्व इसका व्यावसायिक नैतिकता ढांचा है जो इसे किसानों की ज़रूरतों के हिसाब से ढलने और केवल गुणवत्तापूर्ण उत्पाद देने की अनुमति देता है।
सोनालीका कोई शॉर्टकट नहीं अपनाने में विश्वास करती है, लेकिन अपनी प्रतिबद्धता को लगातार पूरा करने के लिए हमेशा विश्वसनीय रास्तों का अनुसरण करती है।
शुरुआत में अस्तित्व का सवाल होने के बावजूद, कंपनी ने कर्ज मुक्त रहने और लागत को गौण रखते हुए सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले ट्रैक्टर बनाने के अपने दृष्टिकोण का पालन किया। सोनालीका आने इन्हीं तीन सिद्धातों की वजह से वर्तमान में 1.1 बिलियन डॉलर की कंपनी बन गई है।