लाल भिंडी की काशी लालिमा वैरायटी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

By: tractorchoice
Published on: 09-May-2025
लाल भिंडी की काशी लालिमा वैरायटी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

भारत के अंदर रंग-बिरंगी सब्जियां काफी बड़े आकर्षण का केंद्र बन रही हैं। बाजार में ये सब्जियां बड़े ही आराम से बिक जाती हैं। इनसे विज्ञान भी जुड़ा है। हर अलग रंग की सब्जी के फायदे भी अलग होते हैं। 

इनके सेवन से शरीर काफी स्वस्थ रहता है। आमतौर पर भारत के ज्यादातर इलाकों में हरी सब्जियों का सेवन किया जाता है, लेकिन अब ग्राहकों की डिमांड बदलने लगी है। 

कभी हरे रंग में मिलने वाली सब्जियां अब अलग-अलग रंगों में उपलब्ध करवाई जा रही है। ये पूरी तरह प्राकृतिक होती है। केवल वैरायटी का अंतर होता है। 

उदाहरण के लिए- हरे रंग की शिमला मिर्च के साथ-साथ अब लाल और पीले रंग की शिमला मिर्च भी आ गई है, जो स्वाद और सेहत के मामले में बहुत अच्छी है।आज हम आपको सदियों से लोकप्रिय भिंडी को भी अब लाल रंग में उपलब्ध करवाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में भी काफी पसंद किया जा रहा है। 

ट्रैक्टरचॉइस के इस लेख में आज हम बात करेंगे वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित आयरन, जिंक, कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर लाल रंग की काशी लालिमा भिंडी के बारे में। 

लाल भिंडी का रंग लाल क्यों है ?

जानकारी के लिए बतादें, कि लाल भिंडी 'काशी लालिमा' में एंथोसाइनिन पाया जाता है, जबकि हरे रंग की भिंडी में क्लोरोफिल मौजूद होता है। एंथोसाइनिन लाल भिंडा का कारक होता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी शरीर को स्वस्थ रखने में सहयोग करता है।

काशी लालिमा में फोलिक एसिड पाया जाता है, जो गर्भ में पल रहे बच्चे के मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी होता है। इस भिंडी का नियमित रूप से सेवन करने पर कैंसर, डायबिटीज, हार्ट डिजीज, कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों का खतरा भी कम होता है।

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लाल भिंडी काशी लालिमा की क्या खूबी है ?

राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड की जानकारी के मुताबिक, लाल भिंडी काशी लालिमा को बाजार में अधिक मूल्य मिला है। वैसे तो लाल भिंडी को भी हरी भिंडी की भांति ही उगाया जाता है, हालांकि हरी भिंडी की तुलना में इसकी प्रति हेक्टेयर पैदावार कुछ कम है। लाल भिंडी काशी लालिमा की निम्नलिखित खासियत हैं :-

लाल भिंडी के अंदर आयरन, जिंक, कैल्शियम और प्रोटीन जैसे गुण विघमान होते हैं। 

  • काशी लालिमा की बुवाई 15 जून से लगाकर 15 जुलाई के बीच 3.5 से 4 किलोग्राम प्रति एकड़ बीजों के साथ की जाती है।
  • किसान चाहें तो जायद सीजन- 15 फरवरी से 15 मार्च के बीच 5 से 6 किलोग्राम प्रति एकड़ काशी लालिमा के बीजों की बिजाई कर सकते हैं।
  • काशी लालिमा के बीज डालने के बाद 45 दिन के अंदर पहली कटाई मिल जाती है।
  • काशी लालिमा वैरायटी का हर पौधा 20 से 22 भिंडी का उत्पादन देता है।
  • लाल भिंडी 'काशी लालिमा' की औसत उपज 150 से 180 क्विंटल प्रति हेक्टेयर दर्ज की गई है। 


प्रश्न: लाल भिंडी में कौन से पोषक तत्व होते हैं ?

उत्तर: लाल भिंडी में आयरन, जिंक, कैल्शियम और प्रोटीन विघमान होते हैं। 

प्रश्न: लाल भिंडी की काशी लालिमा किस्म की बुवाई का समय क्या है ?

उत्तर: काशी लालिमा किस्म की बुवाई 15 जून से लगाकर 15 जुलाई के बीच होती है। 

प्रश्न: काशी लालिमा वैरायटी की प्रति पौधा उपज क्या है ?

उत्तर: काशी लालिमा वैरायटी का प्रति पौधा 20 से 22 भिंडी उपज देता है।

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