दुधारू मवेशियों के लिए पौष्टिक हरा चारा अत्यंत आवश्यक होता है। हरा चारा मवेशियों के अंदर पोषक तत्वों की कमी को दूर करता है।
चलिए जानते हैं, कि भैंस से ज्यादा दूध लेने के लिए उनको कितना चारा खिलाया जाना चाहिए। साथ ही, आहार में खनिज की मात्रा भी जान लें
भारतभर के गांव-देहात और शहरी इलाकों में दिन-रोज पशुपालन का रोजगार रफ्तार पकड़ता जा रहा है। वर्तमान में पशुपालन एक शानदार कारोबार के तौर पर काफी तीव्रता से विकसित हो रहा है।
पशुपालन के व्यवसाय से जुड़कर बहुत सारे किसान शानदार आय अर्जित कर रहे हैं। इस वजह से भारत में खेती-किसानी के पश्चात बड़े स्तर पर पशुपालन किया जा रहा है।
साथ ही, किसानों को बेहतरीन दुग्ध उत्पादन क्षमता के लिए दुधारू पशुओं को पौष्टिक हरा चारा खिलाना महत्वपूर्ण है। हरा चारा पशुओं के अंदर पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है।
ऐसे में आइए जानते हैं, कि भैंस से अधिक दूध लेने के लिए उन्हें कितना चारा खिलाना । साथ ही, आहार में खनिज की मात्रा की भी जांच करलें।
एक स्वस्थ वयस्क भैंस को प्रतिदिन 6 किलो सूखा चारा और 15-20 किलो हरा चारा खिलाना चाहिए। इसके अलावा भैंस को फलीदार और गैर-फलीदार हरा चारा 1:3 अनुपात में खिलाना चाहिए। चारे में खनिज का इस्तेमाल करना चाहिए। खनिज शरीर के सभी मेटाबोलिक कामों के लिए आवश्यक है।
पशुओं के आहार में खनिज मिश्रण की पूर्ति की जानी चाहिए। भैंस को स्वस्थ रखने और दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए मिश्रित पशु आहार बाईपास प्रोटीन फीड भी दिया जा सकता है। भैंस को कुल मिश्रण चारे को दिन में 3-4 समान हिस्सों में खिलाना ज्यादा फायदेमंद होगा।
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भैंस से अधिक दूध लेने के लिए सीजन के अनुसार कुछ खाद्य पदार्थों का उपयोग करना चाहिए। इसमें सहजन के पत्ते, शतावर, केले का थंब और लोबिया घास सहित कुछ अन्य चीजें शामिल हैं।
इसे खिलाने से भैंस का दूध उत्पादन बढ़ सकता है। ऐसे में यदि आप अपने भैंस के लिए सहजन के पत्ते का उपयोग करना चाहते हैं, तो भैंस के दूध देने की क्षमता के मुताबिक इसको सुबह शाम खिलाना चाहिए।
बिल्कुल, इसी प्रकार अगर आप केले का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो चारे में तकरीबन 200 ग्राम शतावर मिलाकर इसको भैंस को सुबह-शाम खिला सकते हैं।
इसके अतिरिक्त भैंस की दुग्ध उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए लोबिया घास एक शानदार विकल्प है। इस घास में विभिन्न प्रकार के औषधीय गुण शामिल होते हैं, जिसका पशुओं पर कोई खास बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है, बल्कि कुछ ही समय में दूध की मात्रा के साथ गुणवत्ता भी बढ़ जाती है।
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भैंस को अगर आप संतुलित मात्रा में अच्छा और पौष्टिक चारा खिलाते हो तो आपको भैंस से अच्छा खासा दूध अर्जित हो सकता है।