बायोगैस प्लांट आज के समय में बढ़ते प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के चलते बेहद जरूरी है। एक बायोगैस प्लांट की मदद से किसान बिजली, गैस और जैविक खाद आसानी से तैयार कर सकते हैं।
विश्वभर में जैविक खाद की मांग की तुलना में इसका उत्पादन वर्तमान में काफी कम हैं। विश्वभर में बढ़ते रोगों की वजह लोग फिर से जैविक उत्पाद की तरफ रुख करने लगे हैं।
आजकल प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का चलन बढने लगा है। देश के कई जगहों पर जैविक गैस तैयार होने लगी हैं, जिसको खरीदने के लिए कई कंपनियों में होड मचने लगी है।
प्राकृतिक खेती से कम बीमारियां होने की संभावना रहती है। अब ऐसी स्थिति में लोग अब जैविक खेती को प्रोत्साहन दे रहे हैं, जिस वजह से गोबर खाद की मांग तेजी से बढने लगी है।
बायो गैस प्लांट में क्षमता के अनुसार दो अनलोडिंग टैंक होते हैं। इनमें पहले गोबर पहुंचता है। इसके बाद यह गोबर सेडिमेंटेंशन टैंक में पहुंचता है, जहां गोबर से मिट्टी अलग होती है।
इसके बाद फीडिंग ट्रैक में पहुंचे गोबर से अन्य गंदगियां दूर हो जाती है। यहां से गोबर स्थापित किए गए दो डाइजेस्टर में पहुंचता है। जहां 30 दिनों की प्रकिया के पश्चात इसमें से गोबर गैस निकलती है। इसमें मीथेन गैस से कम्प्रेस्ड बायो गैस तैयार की जाती है।
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बायोगैस से वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों का शून्य उत्सर्जन होता है। इस वजह से ऊर्जा के रूप में अपशिष्ट से गैस का इस्तेमाल करना ग्लोबल वार्मिंग से निपटने का एक बेहतरीन तरीका है।
बायोगैस का एक और लाभ यह है, कि बायोगैस उत्पादन से पानी की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। इसके अलावा जलजनित रोगों की घटनाओं को कम करने में भी काफी प्रभावी है। परिणामस्वरूप, पर्यावरण और स्वच्छता में बेहतरी होती है।
बायोगैस उत्पादन प्रक्रिया का उप-उत्पाद समृद्ध कार्बनिक डाइजेस्टेट है, जो रासायनिक उर्वरकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। डाइजेस्टर से निकलने वाला उर्वरक पौधों के विकास और बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
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बायोगैस बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली तकनीक काफी सस्ती होती है। इसको स्थापित करना काफी सुगम और सहज रहता है। इसको छोटे पैमाने पर इस्तेमाल करने पर इसमें काफी कम निवेश की जरूरत पड़ती है।
खुली आग पर खाना पकाने की जगह गैस स्टोव पर खाना पकाने से परिवार को रसोई में धुएं के संपर्क में आने से बचाया जा सकता है। इसकी मदद से घातक श्वसन रोगों की रोकथाम करने में मदद मिलती है।
प्रश्न:- बायोगैस प्लांट क्यों जरूरी है ?
उत्तर:- बायोगैस प्लांट स्वच्छ पर्यावरण और ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए जरूरी है।
प्रश्न:- बायोगैस प्लांट की मदद से क्या तैयार किया जाता है ?
उत्तर:- बायोगैस प्लांट की मदद से आपको रसोई गैस, बिजली और खाद मिलती है।
प्रश्न:- बायोगैस प्लांट लगाने के लिए न्यूनतम कितना खर्च आता है ?
उत्तर:- बायोगैस प्लांट की स्थापना में कम से कम 1 लाख का खर्च आता है।