इस राज्य में कृषि यंत्र और कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापना हेतु भारी अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया

By: tractorchoice Published on: 19-Dec-2024
इस राज्य में कृषि यंत्र और कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापना हेतु भारी अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया

भारतीय किसान ज्यादा से ज्यादा आधुनिक कृषि उपकरणों और मशीनों का खेती में उपयोग करें, इसके लिए सरकार की तरफ से कृषकों को अनुदान पर कृषि यंत्र व मशीनें उपलब्ध कराई जा रही है। 

कृषकों को सस्ती दर पर कृषि मशीनें प्रदान करने हेतु कृषि यंत्र अनुदान योजना (Krishi Yantra Anudan Yojana) संचालित की जा रही है। 

योजना के अंतर्गत विशेष रूप से छोटे व सीमांत किसानों को सस्ती दर पर मशीनों का फायदा मिलने लगा है, जिससे उनकी खेती की लागत, समय और मेहनत की बचत के साथ उपज में वृद्धि देखी जा रही है। 

इसी क्रम में राज्य सरकार की तरफ से कृषि यंत्रीकरण योजना के अंतर्गत सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर, मैकेनाईजेशन योजना एवं प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन फॉर इन सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप रेजेड्यू योजना के अंतर्गत कृषि यंत्र अथवा कृषि रक्षा उपकरण, कृषि ड्रोन, फसल अवशेष प्रबंधन के कृषि यंत्र, कस्टम हायरिंग सेंटर, हाई टेक हब फॉर कस्टम हायरिंग और फार्म मशीनरी बैंक इत्यादि की स्थापना के लिए अनुदान प्रदान किया जा रहा है।  

कृषकों को इन कृषि उपकरणों पर मिलेगी छूट 

कृषि यंत्र अनुदान योजना के अंतर्गत किसानों को लेजर (Laser), लैंड लेवलर (Land Leveler), पोटैटो प्लांटर (Potato Planter), पोटैटो डिगर (Potato Digger), हैरो (Harrow), कल्टीवेटर (Cultivator), मल्ट्रीक्रॉप थ्रेसर (Multicrop Thresher), एमबी प्लाऊ, (MB Plough), सीडड्रिल मशीन (Seed Drill Machine), रीपर कम बाइंडर (Reaper cum Binder), पॉवर चैफ कटर (Power Chaff Cutter), स्ट्रॉ रीपर (Straw Reaper), मिनी राइस मिल (Mini Rice Mill), ऑयल मिल विथ प्रेस (Oil Mill with Press), रोटावेटर (Rotavator), ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर (Tractor Mounted Sprayer), पॉवर टिलर (Power Tiller), कंबाइन हार्वेस्टर विथ सुपर एस.एम.एस. (Combine Harvester with Super SMS), फार्म मशीनरी बैंक (Farm Machinery Bank), कस्टम हायरिंग सेंटर (Custom Hiring Centre) और हाईटेक हब फॉर कस्टम हायरिंग (Hitech Hub for Custom Hiring) आदि प्रकार के कृषि यंत्रों पर किसानों को अनुदान का लाभ प्रदान किया जाएगा।

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कृषि यंत्रों व कस्टम हायरिंग सेंटर हेतु अनुदान धनराशि 

कृषकों को हर तरह के कृषि यंत्रों पर कृषि यंत्र की लागत मूल्य का 50% फीसद अनुदान दिया जाएगा। 

वहीं, कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए परियोजना लागत 10 लाख रुपए, हाईटेक हब फॉर कस्टम हायरिंग परियोजना लागत 100 लाख रुपए पर अधिकतम 40% प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। 

इसके अतिरिक्त फार्म मशीनरी बैंक परियोजना लागत 10 लाख एवं कस्टम हायरिंग सेंटर (इन-सीटू योजना) परियोजना लागत का 30 लाख रुपए का अधिकतम 80% प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।  

कृषि ड्रोन और सहायक उपकरण पर कितना अनुदान मिलेगा ?

योजना के अंतर्गत कृषि ड्रोन व उनके सहायक उपकरण के लिए कृषि स्नातक एवं ग्रामीण उद्यमी को कृषि ड्रोन एवं उनके सहायक उपकरण खरीदने पर यंत्रों के मूल्य का 50% प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रुपए जो भी कम हो सब्सिडी दी जाएगी। 

वहीं, एफपीओ को कृषि ड्रोन एवं उनके सहायक उपकरण की खरीद पर उनके मूल्य का 40% प्रतिशत या अधिकतम 4 लाख रुपए जो भी कम हो अनुदान दिया जाएगा।  

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कृषि यंत्र की बुकिंग के लिए कितनी धनराशि जमा करनी होगी ?

आवेदन करते समय किसानों को यंत्रवार निर्धारित बुकिंग धनराशि ऑनलाइन जमा करानी होगी। लक्ष्य अवशेष न रहने पर एवं ई-लॉटरी में चयन नहीं होने वाले संबंधित किसानों को बुकिंग धनराशि वापस कर दी जाएगी। 

बुकिंग राशि इस प्रकार जमा करनी होगी। 10,001 से 1,00,000 (एक लाख) रुपए तक के अनुदान वाले कृषि यंत्रों की बुकिंग हेतु 2500 रुपए की धरोहर राशि जमा करानी होगी। 

एक लाख रुपए से अधिक अनुदान वाले कृषि यंत्रों की बुकिंग के लिए 5,000 रुपए की धनराशि जमा करानी होगी।

कृषक कैसे करें योजना के लिए आवेदन ? 

अगर आप उत्तर प्रदेश के किसान हैं, तो आप इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं, क्योंकि अभी यहां कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ प्रदान किया जा रहा है। 

राज्य के किसानों को सभी प्रकार के कृषि यंत्रों, कस्टम हायरिंग केंद्र एवं कृषि बैंक के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। 

इसके लिए किसानों को विभागीय पोर्टल की वेबसाइट https://www.agriculture.up.gov.in/ पर यंत्र पर “अनुदान हेतु टोकन निकालें”  लिंक पर क्लिक करके ऑनलाइन विकासखंड वार या जनपदवार बुकिंग करनी होगी। 

आवेदन के लिए बुकिंग किए जाने के लिए विभागीय पोर्टल पर पूर्व से उपलब्ध मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त करने का विकल्प होगा। 

अगर पोर्टल पर उपलब्ध मोबाइल नंबर बंद होगा तो लाभार्थी के नए मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त कर आगे की प्रक्रिया पूरी करने का विकल्प दिया जाएगा। 

इस योजना के अंतर्गत किसान 20 दिसंबर 2024 तक आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद किए गए आवेदन पर कोई विचार नहीं किया जाएगा।

किसान योजना का लाभ लेने हेतु इन बातों का खास ध्यान रखें

  1. कृषि यंत्र अनुदान योजना के अंतर्गत आवेदन करने वाले कृषकों का चयन ई-लॉटरी के जरिए किया जाएगा।
  2. आवेदक द्वारा मोबाइल नंबर अपना अथवा अपने परिवार के रक्त संबंधी सदस्य (माता, पिता, भाई, बहन, पुत्र, पुत्री एवं पुत्र वधू) के मोबाइल नंबर से ही आवेदन किया जा सकेगा। सत्यापन के समय इसकी पुष्टि की जाएगी।
  3. कृषि यंत्रों की खरीद हेतु फर्म को कृषि यंत्र के मूल्य का कम से कम 50 प्रतिशत धनराशि का भुगतान लाभार्थी को स्वयं के खाते से ही किए जाने पर ही अनुदान की कार्यवाही की जाएगी।
  4. ऐसे लाभार्थी जो साक्षर नहीं हैं जिन्हें चेकबुक जारी नहीं हो सकती है, ऐसे किसान लाभार्थी अपने परिवार के ब्लड रिलेशन के खाते से कृषि यंत्रों को खरीदने के लिए फर्मों को लागत का कम से कम 50 प्रतिशत राशि का भुगतान करेंगे।
  5. निर्धारत समय में कृषि यंत्र क्रय कर कृषि विभाग के पोर्टल पर बिल अपलोड नहीं करने की स्थिति में आवेदन स्वत: निरस्त हो जाएगा तथा बनाई गई प्रतीक्षा सूची में अगला आवेदन स्वत: ही चयनित हो जाएगा।
  6. एक किसान परिवार (पति अथवा पत्नी में कोई एक) को वित्तीय वर्ष में सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन योजना के तहत उपलब्ध कराए जाने वाले कृषि यंत्रों में से अधिकतम किसी दो यंत्रों हेतु ही अनुदान दिया जाएगा। दो कृषि यंत्रों के अलावा संबंधित को ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर के अतिरिक्त अन्य किसी यंत्र हेतु अनुदान नहीं दिया जाएगा।
  7. एक किसान परिवार एक वित्तीय वर्ष में प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन फॉर इन सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप रेजेड्यू योजना के तहत एक अथवा अधिक भिन्न प्रकार के फसल अवशेष प्रबंधन वाले कृषि यंत्रों के लिए अनुदान प्राप्त कर सकेंगे।
  8. कस्टम हायरिंग सेंटर या हाईटेक हब फॉर कस्टम हायरिंग अथवा फार्म मशीनरी बैंक के लाभार्थी को विभाग द्वारा निर्धारित दर पर क्षेत्र के किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराने का बांड भी भरकर देना होगा।
  9. योजना के तहत कृषि यंत्रों के लिए किसान, सेल्फ हेल्प ग्रुप (एसएचजी) जो की राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) एवं कृषि विभाग से संबंधित हो तथा किसान उत्पादक संगठन लाभार्थी होंगे।

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